कभी कुत्सित राजनीति के लिए कुछ लोगों ने अयोध्या को वीरान बना दिया था, मगर जिस नगरी को स्वयं प्रभु श्रीराम ने ‘सुहावनी’ बताया हो, वो लंबे समय तक भला वीरान कैसे रह सकती है। आज रामराज्य के संकल्प के महा उत्सव के रूप में दीपोत्सव मनाया जा रहा है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अयोध्या में आयोजित श्रीराम राज्याभिषेक कार्यक्रम के दौरान अपने उद्बोधन में कही।
रामकथा पार्क में भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के दोनों उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक एवं केशव प्रसाद मौर्य सहित प्रदेश के मंत्रीगण, श्री राम जन्मभूमि तीथ क्षेत्र न्यास के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में साधु संतगण मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने दीपोत्सव को लेकर अयोध्या सहित पूरे देश में छाये हर्ष के माहौल को अपने उद्बोधन के शुरुआत में गोस्वामी तुलसीदास जी के दोहे के साथ व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ”अवधपुरी प्रभु आवत जानी, भई सकल सोभा कै खानी।” मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल हम दीपोत्सव का छठां संस्करण मना रहे हैं, और आज पूरी अयोध्या नगरी भगवान श्रीराम के साथ साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन से और भी ज्यादा उत्साहित है। कभी त्रेता युग में दीपावली का आयोजन अयोध्या वासियों ने भगवान श्रीराम के 14 वर्ष के वनवास के उपरांत जिस उत्साह और उमंग के साथ आयोजित किया था। आज वह उत्साह पूरे देश में रौशनी के पर्व दीपावली के रूप में दिखायी देता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब जानते हैं कि अयोध्या को कुछ लोगों ने अपने कुत्सित राजनीति के लिए वीरान बना दिया था, लेकिन जिस अयोध्या के बारे में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने स्वयं इस बात को कहा हो कि ”जन्मभूमि मम पुरी सुहावनि उत्तर दिश बह सरयू पावनी”, आखिर वह अयोध्या वीरान कैसे हो सकती थी। आज से 6 साल पहले प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और उनकी प्रेरणा से अयोध्या के दीपोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इसके लिए हमें पूज्य संतों का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। अयोध्यावासी और पूरा प्रदेश इस दीपोत्सव के साथ जुड़ता गया और आज ये देश का एक बड़ा उत्सव बन चुका है।