प्रयागराज। प्रबंधन अध्ययन विभाग, एम० एन० एन० आई०टी इलाहाबाद ने मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग और इंडियन सोसाइटी फॉर ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट (प्रयागराज चैप्टर) के सहयोग से दिनांक 02 फरवरी, 2022 को बजट पर चर्चा के लिए एक ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया। इस परिचर्चा का आयोजन आभासी माध्यम से संस्थान के निदेशक आचार्य राजीव त्रिपाठी की अध्यक्षता में हुआ। आचार्य राजीव त्रिपाठी ने बजट के दूरदर्शी एवं विकास उन्मुख बताया।
प्रबंधन अध्ययन विभाग की प्रोफ़ेसर गीतिका ने बजट-2022 को अर्थशास्त्र के सिद्धांतों पर आधारित एक बहुआयामी बजट बताया और कहा कि यह बजट विभिन्न क्षेत्रों जैसे उत्पाद, सेवा, स्वास्थ्य, शिक्षा, बैंकिंग, कृषि एवं आधारभूत संरचना के सतत विकास के साथ डिजिटलीकरण पर भी जोर देता है। यह इस बात पर भी बल देता है कि इंटरमीडियरी गुड्स को उत्पादित करके भारत के आयात को घटाया जा सके और भारत को आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
इसी संदर्भ में बात करते हुए, आचार्य डॉ० तनुज नंदन ने बजट-2022 को विकास का बजट बताया है जो कि आधारभूत संरचना के विकास पर जोर देता है, जिसका लाभ आने वाले वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था को मिलेगा। आय की मदों पर बात करते हुए जीएसटी को सरकार की आय का एक प्रमुख साधन बताया, और इसमें हुई निरंतर वृद्धि की सराहना की। सरकार द्वारा सोलर एनर्जी के उत्पादन में हुई उपलब्धियों को एवं इलेक्ट्रिक वाहनों के अंगिकारन के प्रयास को सतत विकास के लिए एक सराहनीय कदम बताया है।
आचार्य डॉ० जी पी साहू ने वर्चुअल यूनिवर्सिटी और शिक्षा के सार्वभौमीकरण पर बात करते हुए इसको बजट का एक प्रमुख हिस्सा बताया और कहा कि यह शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करेगा। सह-आचार्य डॉ० तृप्ति सिंह ने डिजिटलीकरण पर बात करते हुए कहा कि यह कृषि उद्यमिता को बढ़ावा देता है जो कि रोजगार वृद्धि का एक सार्थक माध्यम हो सकता है।
सह-आचार्य एवं विभागाध्यक्ष, प्रबंधन अध्ययन विभाग डॉ० विभूति त्रिपाठी ने मनरेगा पर आवंटित धनराशि की सराहना की और कहा इससे ग्रामीण क्षेत्रों की क्रय शक्ति में विस्तार होगा। इसके अतिरिक्त सहायक आचार्य डॉ० राकेश कुमार ने रक्षा क्षेत्र में आबंटित राशि को पर्याप्त बताते हुए इस बात पर भी जोर दिया कि भारत को रक्षा के क्षेत्र में निर्यात पर निर्भरता को घटाने की और रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता है।
सहायक आचार्य डॉ० यतीश जोशी ने क्रिप्टोकरंसी को कर के दायरे में लाने पर बात करते हुए स्पष्ट किया कि सरकार इसे एक संपत्ति के तौर पर देखती है ना कि केवल सट्टे को बढ़ावा देने वाले बाजार के तौर पर।
सहायक आचार्य डॉ० सोमन डे ने बजट-2022 को आई ०टी ०सी०, प्रौद्योगिकी और डिजिटलीकरण पर केंद्रित भविष्य के बजट के रूप में परिभाषित किया ।
डॉ० रविंद्र त्रिपाठी (सह-आचार्य एवं विभागाध्यक्ष, मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग) ने बजट के कर संबंधी आयामों पर चर्चा की। वह क्रिप्टो करेंसी को कर के दायरे में लाने को एक प्रभावी कदम के तौर पर देखते हैं और साथ ही करदाताओं की संख्या को बढ़ाने पर जोर देते हैं। उन्होंने, बजट को संतुलित किंतु सेवा क्षेत्र की ओर ज्यादा पर उनमुख बताया । सहायक- आचार्य डॉ० राजेश शास्त्री ने मानव संसाधन के कौशल विकास पर ज्यादा जोर न देने पर चिंता व्यक्त की ।
एम ०बी ०ए० एवं शोध छात्रों ने भी बजट के प्रमुख बिंदुओं से संबंधित आंकड़ों का प्रस्तुतीकरण किया । संगोष्ठी का संचालन डॉ राकेश कुमार के द्वारा किया गया ।