यूक्रेन में रूसी हमले के बाद वहां फंसे भारतीय लोगों को निकालने के लिए सरकार ने तमाम उपाय भी किए और लगभग सभी भारतीयों को वहां से निकाल भी लिया गया। लेकिन अब सरकार ने बताया है कि वहां अब भी 40-50 भारतीय फंसे हैं। सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा को बताया कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद फरवरी से अब तक वहां से 22,500 नागरिक भारत लौट चुके हैं। लगभग 40-50 भारतीय अभी भी युद्धग्रस्त देश में हैं, जिनमें से कुछ ही लौटने को तैयार हैं। विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने यूक्रेन से सुरक्षित निकाले गए लोगों की संख्या पर एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, कुल मिलाकर 22,500 नागरिक फरवरी 2022 से अब तक भारत लौट आए हैं। लगभग 40-50 भारतीय नागरिक अभी भी यूक्रेन में हैं, जिनमें से कुछ ही भारत लौटने के लिए इच्छुक हैं। उनकी वापसी की सुविधा दूतावास द्वारा दी जा रही है।24 फरवरी को रूसी हमले के बाद यूक्रेनी अधिकारियों ने नागरिक विमानों के लिए देश के हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया था। पिछले पांच वर्षों के दौरान फंसे भारतीयों और अन्य नागरिकों को निकालने के लिए किए गए अभियानों की संख्या पर एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने भारतीय नागरिकों को भारत और दुनिया के अन्य हिस्सों से वापस लाने के लिए वंदे भारत मिशन शुरू किया था।उन्होंने कहा, वंदे भारत मिशन और एयर बबल व्यवस्था के तहत अब तक संचालित उड़ानों में लगभग 2.97 करोड़ यात्रियों (इन-बाउंड और आउट-बाउंड) को सुविधा प्रदान की गई है। लेखी ने कहा, आपरेशन देवी शक्ति के तहत सात उड़ानों में 448 भारतीय नागरिकों, 206 अफगानों (हिंदू सिख अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों सहित) और अन्य देशों के 15 लोगों (नेपाल, लेबनान और युगांडा) सहित कुल 669 लोगों को अफगानिस्तान से निकाला गया था। उन्होंने कहा कि भारत लौटने की मांग करने वाले सभी भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
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