प्रदेश सरकार ने 17 जून शुक्रवार यानी जुमे की नमाज के लिए सभी जिलों में सतर्कता बरतते हुए कड़ी सुरक्षा के निर्देश दिए हैं। 10 जून को प्रयागराज, सहारनपुर, हाथरस सहित कई जिलों में हुई हिंसा के बाद सरकार इस बार और भी अधिक सतर्क हो गई है। संवेदनशील जिलों के लिए 130 कंपनी पीएसी व 10 कंपनी रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) का बंदोबस्त किया गया है।
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि संवेदनशील इलाकों और पूजा स्थलों पर रणनीतिक रूप से पुलिस की तैनाती की गई है। पुलिस अधिकारी शांति और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए मौलवियों और अन्य समूह के नेताओं के संपर्क में हैं। उन्होंने बताया कि 10 जून को प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जुमे की नमाज के बाद हिंसा भड़की थी। इस मामले में अब तक नौ जिलों में 13 एफआइआर दर्ज हो चुकी हैं।
एडीजी ने बताया कि हिंसा में अब तक 357 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें प्रयागराज में 97, सहारनपुर में 85, हाथरस में 55, मुरादाबाद में 40, अंबेडकरनगर में 41, फिरोजाबाद में 20, अलीगढ़ में छह, लखीमपुर खीरी में आठ व जालौन में पांच आरोपित शामिल हैं।
बता दें कि भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा को जेल भेजने की मांग को लेकर 3 जून को कानपुर में नमाज के बाद शुरु हुए विरोध प्रदर्शन ने हिंंसक रूप ले लिया था। इसके बाद दस जून को जुमे की नमाज के बाद पूरे प्रदेश में नूपुर शर्मा को जेल भेजने की मांग को लेकर प्रदर्शन हुआ। जो कुछ ही देर में हिंसक हो गया।प्रयागराज, हाथरस, देवबंद, मुरादाबाद, फिरोजाबाद सहित आठ जिलों में उपद्रवियों ने पुलिस पर जमकर पथराव किया। इस मामले में प्रयागराज में हिंसा भड़काने के मुख्य आरोपी जावेद के घर को पीडीए ने बुलडोजर से ध्वस्त भी किया। हाथरस में भी दो आरोपितों के घरों पर बुलडोजर चला तो कानपुर में हिंंसा भड़काने के आरोपी जफर हयात पर भी बुलडोजर की कार्रवाई की गई।