प्रयागराज । आजादी का अमृत महोत्सव एवं चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव आयोजन की श्रृंखला में क्षेत्रीय अभिलेखागार(संस्कृति विभाग), प्रयागराज कार्यालय में सरदार वल्लभभाई पटेल की 146वीं जयंती के अवसर पर अभिलेख एवं छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन पी0ए0सी0 चतुर्थ वाहिनी, प्रयागराज के सेनानायक प्रताप गोपेन्द्र जी ने फीता काटकर किया। उन्होंने बताया कि सरदार वल्लभभाई पटेल एक सच्चे देशभक्त थे। उन्होंने भारत राष्ट्र को संघ के रूप में स्थापित करने में महान कार्य किया है। सरदार पटेल जी के साहित्य को पढ़ना युवा पीढ़ी का उत्तरदायित्व है एवं उन्होंने बल देते हुए कहा कि इनके साहित्यों का शोधपरक अध्ययन नितान्त प्रासंगिक है।
प्रदर्शनी में वर्ष 1913 से 1950 तक के अभिलेखों एवं चित्रों को प्रदर्शित किया गया है जिनमें सरदार वल्लभ भाई पटेल द्वारा टिहरी गढ़वाल का युनाईटेड प्राॅविन्सेज में विलय के अवसर पर 01 अगस्त, 1949 को लिखा गया पत्र, वर्ष 1945, 1947 व 1949 में सरदार पटेल द्वारा किये गये पत्राचार, बनारस राज्य के विलय के अवसर पर पटेल जी द्वारा दिया गया संदेश एवं विलय सम्बन्धी अधिसूचना, सत्याग्रह समाचार में प्रकाशित बारदोली जेल से पटेल की रिहाई हेतु महात्मा गांधी की अपील आदि प्रमुख है।
सरदार वल्लभभाई पटेल की सन् 1913 से 1950 तक के चित्रों में डा0 राजेन्द्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद के साथ छायाचित्रों को प्रदर्शित किया गया है। शिमला सम्मेलन, पटना सभा, शिलांग सभा में जनता को सम्बोधित करते हुए, संविधान सभा में भाग लेते हुए एवं राष्ट्रीय एकीकरण से सम्बन्धित राज्यों के विलय यथा पटियाला, राजकोट, राजस्थान संघ, निजाम हैदराबाद आदि को भारत संघ में विलय आदि से सम्बन्धित विभिन्न छायाचित्रों को प्रदर्शित किया गया। विभिन्न चित्रोें को लोगों ने अवलोकन के समय अपने मोबाईल में संकलित किया।
अतिथियों का स्वागत एवं कार्यक्रम का निर्देशन गुलाम सरवर, पाण्डुलिपि अधिकारी/प्रभारी क्षेत्रीय अभिलेखागार द्वारा किया गया।
इस अवसर पर श्याम सुन्दर पटेल, जंग बहादुर पटेल, रामनरेश त्रिपाठी “पिंडीवासा“, डा0 अरूण त्रिपाठी, समाज शेखर, रत्नेश द्विवेदी, चन्द्रेज यादव एवं डा0 सुग्रीव सिंह आदि गणमान्य जनों के साथ संस्कृति विभाग के राकेश कुमार वर्मा, हरिश्चन्द्र दुबे, डा0 शाकिरा तलत, शैलेन्द्र यादव, विकास यादव, रोशन लाल, अजय मौर्या, श्री मो0 शफीक, राजेश कुमार सोनकर, कल्लू लाल आदि की उपस्थिति रही।