विकसित भारत की संकल्पना दूरस्थ शिक्षा से होगी पूर्ण- कुलपति

प्रयागराज क्षेत्रीय केन्द्र के समन्वयकों की कार्यशाला आयोजित
  प्रयागराज  ।
2047 तक विकसित भारत की संकल्पना दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से ही पूर्ण की जा सकती है। इसमें दूरस्थ शिक्षा माध्यम से जुड़े अध्ययन केंद्र समन्वयकों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है।
 उक्त उद्गार उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराज के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने शुक्रवार को प्रयागराज क्षेत्रीय केंद्र के अंतर्गत आने वाले अध्ययन केन्द्रों के समन्वयकों
के लिए आयोजित नामांकन, संवाद, सम्पर्क एवं सम्प्रेषण विषय पर आयोजित कार्यशाला में  व्यक्त किये।।
प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि दूरस्थ शिक्षा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की दिशा में अपना संपूर्ण योगदान दे रही है। दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से उच्च शिक्षा की साक्षरता दर को बढ़ाने में उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रदेश भर में फैले अपने अध्ययन केंद्रों के माध्यम से महती भूमिका निभा रहा है।
प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि पाठ्य सामग्री के बिना दूरस्थ शिक्षा का लक्ष्य पूरा नहीं किया जा सकता। विश्वविद्यालय के सभी कार्यक्रमों में स्व अध्ययन सामग्री लेखन के कार्य में सभी शिक्षक सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। कुलपति ने छात्रों की समस्याओं के निदान के लिए ग्रीवांस पोर्टल के गठन की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल का पर्यवेक्षण वे स्वयं करेंगे। उन्होंने सभी केंद्र समन्वयकों से अपेक्षा की कि वह समर्थ पोर्टल पर विश्वविद्यालय के एक लाख प्रवेश के लक्ष्य को पूरा करने में अपना सहयोग प्रदान करें। उन्होंने कहा कि सीधे संवाद से कई समस्याओं का समाधान हो जाता है। समन्वयकों के सामने जो भी समस्याएं आएंगी विश्वविद्यालय उनका हर तरह से निदान प्रस्तुत करेगा।
इस अवसर पर प्रवेश प्रभारी प्रोफेसर जेपी यादव ने बताया कि विश्वविद्यालय ने इस सत्र से योग में डिप्लोमा और प्रमाण पत्र कार्यक्रम फिर से प्रारंभ कर दिया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का लोकप्रिय कार्यक्रम एम ए होम साइंस जनवरी 2025 में पुन प्रारंभ किया जाएगा।
इस अवसर पर केन्द्र समन्वयक प्रोफेसर मान सिंह, डॉ वीरेंद्र मिश्रा, डॉ राम लखन पाल, डॉ गया प्रसाद गुप्ता, डॉ धीरज सिंह, डॉ मुनेश गुप्ता आदि ने महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किये। केंद्र समन्वयकों ने विश्वविद्यालय के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए  कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम का स्मृति चिह्न देकर सम्मान किया।
प्रारम्भ में कार्यशाला की रूपरेखा तथा अतिथियों का स्वागत क्षेत्रीय केन्द्र प्रभारी डॉ दिनेश सिंह ने किया। डॉ जी के द्विवेदी ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
 इस अवसर पर कुलगीत निकेत सिंह ने, डॉ स्मिता अग्रवाल एवं धन्यवाद ज्ञापन क्षेत्रीय केंद्र प्रयागराज के समन्वयक डॉ अभिषेक सिंह ने किया।
विश्वविद्यालय के जन संपर्क अधिकारी डॉ प्रभात चंद मिश्र ने बताया कि कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम
3 अगस्त को कानपुर, 4 अगस्त को झांसी, 5 अगस्त को आगरा, 6 अगस्त को बरेली तथा 7 अगस्त को लखनऊ क्षेत्र केंद्र में  अध्ययन केंद्र समन्वयकों की कार्यशाला को संबोधित करेंगे।

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