शिक्षकों का समाज में है सर्वोच्च स्थान : डा नरेन्द्र सिंह गौर

श्रीमद भगवतगीता और मैनेजमेंट पुस्तक का हुआ
विमोचन
प्रयागराज। टैगोर टाउन निवासी परिषद की ओर से शिक्षक दिवस पर कार्यक्रम बंसी भवन, टैगोर टाउन सभागार में सम्पन्न हुआ ।  कार्यक्रम  का शुभारंभ मुख्य अतिथि  उत्तर प्रदेश के पूर्व उच्च  शिक्षा मंत्री डा नरेंद्र कुमार सिंह गौर,विशिष्ट अतिथि बीएचयू के  पूर्व कुलपति  डा गिरीश चन्द्र त्रिपाठी  और परिषद के अध्यक्ष डा शैलेन्द्र कुमार अवस्थी ने भगवान  गणेश की प्रतिमा पर  माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन कर किया गया ।
    टैगोर टाउन निवासी   विशिष्ट ख्यातिलब्ध शिक्षिकाओं  को अंगवस्त्रम और प्रतीक  चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। नम्रता शुक्ला एडवोकेट उच्च न्यायालय की लिखित पुस्तक  शिक्षिकाओ को प्रदान किया गया । 12 वर्ष के  बच्चों को फैंसी ड्रेस प्रतयोगिता में भाग लेने पर पुरस्कृत कर किया गया । मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री डा नरेन्द्र कुमार सिंह गौर डा गौड़ ने  कहा  कि
भारत ही नहीं विश्व की कोई भी संस्कृति हो, वहां शिक्षक को प्रमुख स्थान प्राप्त है। उन्होंने कहा कि शिक्षक का उद्देश्य सिर्फ शिक्षा देना ही नहीं है, बल्कि समाज में स्थापित बुराइयों को दूर कर चरित्र निर्माण करना भी है। शिक्षा का अर्थ किताबी ज्ञान कतई नहीं है, बल्कि इसके अंतर्गत चरित्र निर्माण, अनुशासन और तमाम सद्गुणों का समावेश भी है। डा गौर ने कहा कि शिक्षा को मानव व्यक्तित्व के विकास का साधन माना जाता है और शिक्षा का स्तर ही व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान दिलाता है ।
विशिष्ट अतिथि डा गिरीश चंद त्रिपाठी ने कहा कि समाज और शिक्षक के बीच की  दूरी संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था में अव्यवस्था पैदा कर रहा है अर्थात् समाज अध्यापकों के प्रति उदासीन है और अध्यापक सामाजिक जिम्मेदारी को भूल चुका है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की स्थिति न समाज, न देश, न ही भविष्य के लिए लाभदायी है और न शिक्षकों के लिए। उन्होंने कहा कि इसी उदासीनता का परिणाम है कि शिक्षक-और विद्यार्थी की परंपरा कई बार कलंकित हई है।
 परिषद के अध्यक्ष डा. शैलेन्द्र अवस्थी ने कहा कि यही नहीं आधुनिक शिक्षा प्रणाली को अपनाते हुए विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास करने की क्षमता भी एक शिक्षक में होना अनिवार्य है, ताकि छात्रों का शैक्षणिक, मानसिक, सामाजिक व सांस्कृतिक विकास हो सके।
   इस अवसर पर  दिवाकर मिश्र द्वारा  हिंदी और अंग्रेजी भाषा में   लिखित पुस्तक “श्री मद् भगवत गीता और मैनेजमेंट के सिद्धांत. ” ‘पुस्तक  का विमोचन पूर्व मंत्री डा गौर और डा गिरीश चन्द्र त्रिपाठी ने किया ।मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि ने पुस्तक विमोचन के बाद कहा कि  पुस्तक  अपने में पठनीय और मननीय है । यह पुस्तक जनमानस के लिए कल्याणकारी सिद्ध होगी इसके लिए दिवाकर मिश्र साधुवाद के पात्र है। संचालन  प्रियंका गोस्वामी  और दिवाकर मिश्र ने किया जबकि  संयोजन संगीता गोस्वामी  और   राजेश साहू ने किया । धन्यवाद ज्ञापन सुभाष सिंह ने किया ।
कार्यक्रम में विजयकांत शर्मा ,डा एल एस ओझा , गौरव  अग्रवाल, रमेश अग्रवाल  गोविंद नारायण ,शरद  पाण्डेय,भोला नाथ तिवारी, संतोष शुक्ला  संजीव मिश्र,  रुद्र प्रभाकर मिश्र, रमेश अडानी, आशिष  द्विवेदी , प्रदीप चंद्रा , उमेश राना    आदि प्रमुख थे।

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