नैनी, प्रयागराज। सैम हिग्गिनबाॅटम कृषि, प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय में चल रहे ग्रामीण कृषि मौसम सेवान्तर्गत भारत सरकार से प्राप्त पूर्वानुमान के अनुसार वैज्ञानिकों ने 6 व 7 अक्तूबर को हल्की बारिश के आसार जताते हुए किसानों को सलाह दी है कि धान में जीवाणु झुलसा रोग , जिसमें पत्तियों के नोक व किनारे सूखने लगते हैं , की रोकथाम के लिए पानी निकालकर एग्रीमाइसीन 75 ग्राम या स्ट्रेप्टोसाइक्लीन 15 ग्राम व 500 ग्राम का पर आक्सीक्लोराइड का 500 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें । अरहर की अगेती फसल में फलीछेदक कीट की रोकथाम के लिए प्रति हेक्टेयर मोनोक्रोटोफॉस 36 ई.सी. 800 मिली लीटर या कार्बराइल 50 प्रतिशत घुलनशील चूर्ण 2 किग्रा . 800 लीटर पानी में घोलकर 15-20 दिन के अन्तराल पर दो छिड़काव करें । गर्भपरीक्षण एवं बॉझपन चिकित्सा कराएं तथा गर्म पशुओं को समय से गर्भित कराएं । मुर्गीयों की रानीखेत बीमारी से बचाव के लिए टीका लगवायें ।
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