श्रद्धेय प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ना, ना सॉरी नरेंद्र मोदी…’ नीतीश कुमार से फिर हुई मिस्टेक

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को एक और गलती की। इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में उनसे ये गलती हुई है। ऐसा लगा कि नीतीश कुमार पीएम मोदी का नाम ही भूल गए। हालांकि, नीतीश ने जल्द सुधार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिया। रोहतास जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए नीतीश ने प्रधानमंत्री मोदी का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ ले लिया। गलती का एहसास होने पर उन्होंने तुरंत खुद को संभालने की कोशिश की और भीड़ से खड़े होकर प्रधानमंत्री मोदी को प्रणाम करने को कहा।

वर्ष 1990 के दशक से ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोगी रहे नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की तरह नरेन्द्र मोदी जी भी हमारे राज्य के लिए बहुत कुछ कर रहे हैं। आइए, हम सभी उनका अभिनंदन करें।’’ नीतीश कुमार ने तेज आवाज में कहा, ‘सब खड़ा हो, अरे खड़ा हो सब।’ नीतीश कुमार के इतना कहते ही जनसभा का नजारा बदल गया और पीएम मोदी को सुनने आए लोग तुरंत खड़े हो गए। नीतीश कुछ समय के लिए भाजपा से अलग भी हुए थे, हालांकि भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में फिर शामिल हुए नीतीश अब जोर देकर कहते हैं कि वह हमेशा के लिए राजग में वापस आ गए हैं।

जद (यू) सुप्रीमो ने इस साल के केंद्रीय बजट का जिक्र किया, जिसमें बिहार के लिए ‘‘मखाना बोर्ड का गठन और हवाई अड्डों’’ जैसे विशेष प्रावधान थे। कुमार ने कहा, ‘‘मैं जाति जनगणना पर सहमति जताने के लिए प्रधानमंत्री को नमन करता हूं। यह बहुत बड़ी बात है। हम लोग इतने लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे… मैं यहां मौजूद सभी लोगों से आग्रह करता हूं कि वे खड़े होकर उनका अभिनंदन करें।’’ कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कुमार ने कहा, ‘‘कुछ पार्टियां जाति जनगणना के बारे में बहुत बातें कर रही हैं। सत्ता में रहते हुए उनके पास एक अवसर था, जिसे उन्होंने गंवा दिया।’’

इस घटना ने उन घटनाओं की बढ़ती सूची में एक और नाम जोड़ लिया है, जिसने कुमार के सार्वजनिक आचरण और उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। बिहार के मुख्यमंत्री के मुख्य प्रतिद्वंद्वी और आरजेडी विधायक तेजस्वी यादव सहित विपक्षी नेताओं ने उनके स्वास्थ्य और राज्य पर शासन जारी रखने की उपयुक्तता पर सवाल उठाए हैं।

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