श्रीमद् भागवत कथा के एक-एक शब्द होते हैं अमृत के समान

प्रयागराज  ।  भगवान के अवतारों की कथा बार-बार सुननी चाहिए इससे हृदय का विकास दूर हो जाता है । अपने अवतार के माध्यम से श्री हरि ने मानव जीवन को समझने का प्रयास किया है । घर में श्रीमद्भागवत की पूजा होनी चाहिए। उक्त बातें कस्बे के जेठवारा मार्ग स्थित राधा रानी गेस्ट हाउस में चल रही सात दिवसीय भागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक पूज्य संत श्री अतुल जी महाराज ने कही उन्होंने कहा कि जिस घर में सुमति अर्थात पूरा परिवार मिलकर रहता है। उस घर में लक्ष्मी का वास होता सुमति संत के संगति व भक्ति भावना और निष्ठा पूर्वक कर्म करने से आता है। जिस प्रकार एक बार भोजन कर लेने से एक बार सांस ले लेने से काम नहीं चल सकता उसी प्रकार एक बार कथा सुनने से काम कैसे चल सकता है। उन्होंने कहा कि कथा एक संस्कार है यह ईश्वर की कृपा है जिसे बार-बार सुनने के बाद जीवन में ईश्वर की कृपा बरसने लगती है । शांति की प्राप्ति होती है। शालीनता सादगी विनम्रता आती है। राधा रानी वाटिका लान मे चल रही श्रीमद्भागवत कथा सुनने  के लिए प्रतिदिन भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हो रहे  कथा सुनकर श्रोता भाव विभोर हो रहे है मुख्य यजमान देवतादिन केसरवानी विमला केसरवानी ने आए हुए अतिथियों का आभार जताया शुक्रवार को हवन पूर्णाहुति से कार्यक्रम का समापन किया जाएगा कथा मे  राकेश केसरवानी ,ग्राम प्रधान संजय सिंह, विनय अग्रवाल, उमेश द्विवेदी ,बच्चा केसरवानी, लाल गुप्ता, आशीष केसरवानी ,जगदीश केसरवानी ,आशीष पांडे पुल्लु, गौरव राज अग्रवाल आदि लोग मौजूद रहे।

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