सरकार ने नित्यानंद के खिलाफ भारतीय दूतावासों को किया सतर्क: विदेश मंत्रालय

सरकार ने विवादास्पद स्वयंभू बाबा एवं बलात्कार के आरोपी नित्यानंद का पासपोर्ट रद्द कर दिया है। वहीं, इक्वाडोर सरकार ने इस बात से इनकार किया है कि उसने उसे शरण दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि विदेशों में स्थित सभी भारतीय राजनयिक मिशन और केंद्रों (पोस्ट) को स्थानीय सरकारों को सूचना देने के लिए सतर्क कर दिया गया है ताकि उसका (नित्यानंद का) पता लगाया जा सके। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमनें विदेशों में स्थित अपने सभी राजनयिक मिशन और केंद्रों को स्थानीय सरकारों को सूचना देने के लिए सतर्क कर दिया है ताकि उसका पता लगाया जा सके।’’कथित बलात्कार और अपहरण सहित कई मामलों में नित्यानंद भारत में वांछित है। कुमार ने कहा कि नित्यानंद के पासपोर्ट की वैधता 2018 में समाप्त होने से पहले ही उसे रद्द कर दिया गया था और नये पासपोर्ट के लिए उसके आवेदन को भी खारिज कर दिया गया क्योंकि उसके खिलाफ मामले लंबित हैं। नित्यानंद द्वारा अपने वेबसाइट पर ‘कैलासा’ नाम से खुद का अपना देश बनाने की घोषणा से जुड़ी खबरों के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा, ‘‘एक वेबसाइट शुरू करना एक राष्ट्र बनाने से अलग चीज है।’’ उसी से जुड़े एक घटनाक्रम में इक्वाडोर दूतावास ने एक बयान में इस बात से साफ-साफ इनकार किया है कि उसने नित्यानंद को शरण दी या उसकी सरकार ने इक्वाडोर के आसपास या किसी दूर दराज के क्षेत्र में दक्षिण अमेरिका में कोई जमीन या द्वीप खरीदने में मदद की।ये खबरें आई थी कि स्वयंभू बाबा ने इक्वाडोर की मदद से दक्षिण अमेरिका में एक द्वीप खरीदा है। बयान में कहा गया है कि इक्वाडोर ने नित्यानंद द्वारा शरण मांगने के लिए किए गए अनुरोध को खारिज कर दिया और बाद में वह संभवत: हैती की ओर जाने के लिए इक्वाडोर से रवाना हो गया। इसमें कहा गया है, ‘‘सभी सूचनाएं, चाहे वे भारत में डिजिटल और प्रिंट मीडिया में प्रकाशित हुई हों, कथित तौर परhttps://kailaasa.org वेबसाइट पर आधारित हैं, जिसे नित्यानंद या उसके आदमी चलाते हैं।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘इस तरह सभी डिजिटल या प्रिंट मीडिया हाउसों को नित्यानंद से जुड़ी सभी खबरों में इक्वाडोर का जिक्र करने से बचना चाहिए।

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