सहायक अध्यापिका ने अपने ही विद्यालय के हेडमास्टर रविशंकर पर लगाएं गंभीर आरोप.

उरुवा ब्लॉक के परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालय जेरा का है मामला।◆
◆सहायक अध्यापिका सुमनलता को उनके ही विद्यालय के इंचार्ज रविशंकर कर रहे है प्रताड़ित।◆
मेजा: उच्च प्राथमिक विद्यालय जेरा,उरुवा में कार्यरत इंचार्ज प्रधानाध्यापक रविशंकर द्वारा पिछले लगभग कई वर्षों से अपने ही विद्यालय में कार्यरत सहायक अध्यापिका सुमनलता को प्रताड़ित कर रहे है। मामला उच्च अधिकारियों तक पहुँच चुका है। खंड शिक्षा अधिकारी उरुवा कैलाश सिंह ने भी मामले की जांच कर उसकी जाँच आख्या भी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रयागराज को दे दी है। विद्यालय की सुमनलता का कहना है कि वह रोज विद्यालय समय से उपस्थित नही होते है और शिक्षक उपस्थिति रजिस्टर भी अपने साथ ही रखते है तथा जब कभी आते नही है विद्यालय तो उस दिन न ही मेरा साइन हो पाता है न ही परिचारक दिलीप सिंह का साइन हो पाता है फिर हम दोनों लोगों को मजबूरन उस दिन का साइन अगले दिन करना पड़ता है जब वह रजिस्टर लेकर आते है तब। सुमनलता ने कहा कि जब मैं टॉयलेट के लिए भी जाती हूं तो वह मेरा वीडियो बनाते है और जब हमने उनसे इस कृत्य का कारण पूछा तो उन्होंने कोई जवाब नही दिया। यहां तक कि विद्यालय में बच्चों की कम उपस्थिति होने के बाद भी एम०डी०एम० रजिस्टर पर भोजन करने वाले बच्चों की संख्या विद्यालय बंद होते समय इं० प्रधानाध्यापक द्वारा अधिक भरी जाती है। जब मैने इसका विरोध किया तो उनका कहना था कि एम०डी०एम० से तुम्हें कोई मतलब नही होना चाहिए तुम्हारा काम पड़ाना लिखाना है और बच्चों की उपस्थिति रजिस्टर मुझे नही दिया जाता है,बच्चों की सारी उपस्थिति इं० प्रधानाध्यापक स्वयं या परिचारक के माध्यम से अधिक दर्ज करके लगाते है। जो बच्चे विद्यालय नहीं आते है उन्हें भी विद्यालय बंद होते समय अनुपस्थित की जगह उपस्थित कर दिया जाता है। एमडीएम में बुधवार के दिन कभी भी दूध का वितरण नहीं किया जाता है और फल सोमवार को कभी-कभी बटवाया जाता है। जब सहायक अध्यापिका इन सब बातों का विरोध करती है तो इं.प्रधानाध्यापक द्वारा अध्यापिका के खिलाफ तरह-तरह की झूठी शिकायते खण्ड शिक्षा अधिकारी उरुवा आदि से गांव वालों के नाम से स्वयं प्रार्थना पत्र देकर करते है। यह कि जब भी कक्षा अध्यापिका कक्षा में बच्चों को पढ़ा रही होती है तब इं० प्रधानाध्यापक अक्सर खिड़की से अध्यापिका की वीडियो बनाते है। खिड़की बंद करा देने पर बार-बार दरवाजे से आकर कक्षा में झांक-ताक करते है। सहायक अध्यापिका सुमनलता ने बताया कि इं.प्रधानाध्यापक 2 अक्टूबर गाँधी जयन्ती के दिन और उसके पूर्व से ही राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के लिए अपशब्द भाषा का स्तेमाल करते है और बच्चों को भी बताते है कि गाँधी जी ने अनुसूचित जाति जनजाति के लिए कुछ नहीं किया था,बल्कि उन्हें हरिजन कहके अपमानित किया था। गाँधी जी के बजाय डॉ.भीमराव अम्बेडर की तारीफ बच्चों से करते है। दो अक्टूबर के दिन झण्डा रोहण भी नहीं करते है और न ही गाँधी जी को पुष्प माल्यार्पण करते हैं। यह कि इ.प्रधानाध्यापक विद्यालय में जिन विषयों को पढ़ाते है,उनकी कॉपी जाँच ली जाये और बच्चों से विषय से सम्बन्धित बाते पूछे जाय तो पता चल जायेगा कि विद्यालय में वे पढ़ाने का कितना अच्छा काम करते है। बच्चे एक छुट्टी का प्रार्थना पत्र भी हिन्दी में नहीं लिख पाते है। सुमनलता ने कहा कि इं.प्रधानाध्यापक रविशंकर द्वारा बार-बार मेरी वीडियो बनाना और गांव की महिलाओं से मुझे अपमानित कराना व उपस्थिति रजिस्टर अपने नियंत्रण में रखने से मैं तंग आ चुकी हूँ। सहायक अध्यापिका सुमनलता ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रयागराज को एक प्रार्थना देकर उपरोक्त बिन्दुओं पर गम्भीरता पूर्वक विचार करने व इंचार्ज प्रधानाध्यापक के विरुद्ध उचित कार्यवाही हेतु प्रार्थना की है और न्याय न मिल सकने की स्थिति में वह माननीय उच्च न्यायालय के शरण में जाने को बाध्य होगी।।

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