जल संचयन के महत्व पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संरक्षित जल बैंक में जमा धन की तरह है, जिसका जरूरत पड़ने पर उपयोग किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में बनाए गए 278 चेकडैम और तालाबों के साथ ही भूगर्भ जल पोर्टल का भी शुभारंभ करते हुए कहा कि 2017 में एक चौथाई ब्लॉक डार्क जोन में चले गए थे। वर्तमान सरकार लगातार जल संरक्षण पर काम कर रही है, जिसके परिणाम स्वरूप भूगर्भ जल स्तर बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अपने सरकारी आवास पर आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से 112 तालाब और 166 चेकडैम का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि जल है तो कल है। जल के महत्व और उपयोगिता को देखते हुए शासन व जिला स्तर के अधिकारी जल संचयन के कार्यों को शीघ्रता से आगे बढ़ाएं। राज्य सरकार द्वारा जल की सुरक्षा, संरक्षण, प्रबंधन एवं विनियमन के लिए उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल प्रबंधन एवं विनियमन अधिनियम-2019 लागू किया गया है। इसके तहत प्रदेश और जिला स्तर पर जल समितियों का गठन किया गया है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी सरकारी भवनों, सरकारी-गैर सरकारी स्कूल-कॉलेजों, औद्योगिक क्षेत्रों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों आदि में प्राथमिकता के आधार पर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्पों के अनुरूप राज्य में हर घर नल योजना लागू की गई है। बुंदेलखंड व विंध्य क्षेत्र में लगभग 15,500 करोड़ रुपये की पेयजल परियोजनाएं चल रही हैं। मथुरा, फीरोजाबाद, आगरा में खारे पानी और आर्सेनिक-फ्लोराइड से प्रभावित क्षेत्रों के लिए वाटर हार्वेस्टिंग जरूरी है। इससे भविष्य में इन इलाकों में पानी की समस्या का समाधान किया जा सकेगा।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इन्सेफेलाइटिस सहित विभिन्न बीमारियों का कारण जल और उसकी शुद्धता के प्रति उदासीनता है। शौचालयों के निर्माण और पेयजल की आपूर्ति से राज्य सरकार को इन्सेफेलाइटिस से होने वाली मृत्यु में 95 फीसद की कमी लाने में सफलता मिली है। मुख्यमंत्री ने औरैया, मुरादाबाद, झांसी, प्रतापगढ़ और फतेहपुर की जल समितियों के एक-एक सदस्य से ऑनलाइन बात की। उन्होंने बताया कि तालाबों के पुनरुद्धार और चेकडैम बनने से भूगर्भ जल का स्तर बढ़ा है।