विदेशी नेताओं का यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंचकर राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मिलकर समर्थन जताने का सिलसिला जारी है। बुधवार को पोलैंड, लिथुआनिया, लातविया और एस्टोनिया के राष्ट्रपति कीव पहुंचे। जहां उन्होंने जेलेंस्की से मुलाकात की। ये सभी देश रूस विरोधी रणनीतिक संगठन नाटो के सदस्य हैं। एस्टोनिया के राष्ट्रपति एलार कैरिस ने कहा है कि उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति के समक्ष राजनीतिक समर्थन और सैन्य मदद का प्रस्ताव रखा है। ये नेता ऐसे समय कीव पहुंचे हैं जब यूक्रेन के पूर्वी और दक्षिणी भाग में रूस के साथ युद्ध चल रहा है।पोलैंड, लिथुआनिया, लातविया और एस्टोनिया के राष्ट्रपतियों की यात्रा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण को नरसंहार के रूप में कहने के एक दिन बाद हुई है। जबकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि मास्को अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए “लयबद्ध तरीके से अपनी कार्रवाई जारी रखेगा।गौरतलब है कि पिछले दिनों अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि यूक्रेन में हमलावर रूसी सेना नरसंहार कर रही है। यूक्रेन में हुए नुकसान से रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के सुबूतों की परख की जा रही है। वहीं रूस ने बाइडन के इस बयान की निंदा करते हुए उसे झूठा और तथ्यों से परे करार दिया है। जबकि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस पर मारीपोल में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल का आरोप लगाया है। कहा है कि रूसी सेना पूर्वी यूक्रेन में फास्फोरस बम का इस्तेमाल कर रही है जिनसे भयानक आग भड़कती है और सब कुछ खाक हो जाता है। रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल पर नजर रखने वाली हेग की संस्था ने भी रिपोर्टों के अध्ययन की बात कही है।
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