प्रयागराज। राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलब्ध में मंगलवार को जिला महिला चिकित्सालय में ” हमारी बेटियाँ हमारी पहचान” थीम आधारित जिला स्तरीय लिंग संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। उक्त कार्यशाला को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नानक सरन ने मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि भारत वर्ष में आदिकाल से ही बालिकाओं को बालकों के समान शिक्षा एवं समानता का अधिकार प्राप्त रहा है। लेकिन मध्यकालीन दौर में इस अधिकार में कटौती हुई। लेकिन वर्तमान में बालिकाओं के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार के द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की गई है,जिसका अच्छा परिणाम सामने आया है। एनुअल हेल्थ सर्वे-5 में प्रदेश के सेक्स रेसियो में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। आज प्रदेश में 1000 बालकों की तुलना में 1024 बालिकाओं का अनुपात हो गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने उपस्थित बालिकाओं का आह्वान किया कि वे निडर होकर समाज के विकास में सहभागी बनें।। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी/नोडल अधिकारी PCPNDT डॉ. ए. के. तिवारी ने कन्या भ्रूण हत्या से संबंधित कानून पर विस्तार से चर्चा किया। कार्यशाला में जिला कार्यक्रम प्रबंधक NHM विनोद कुमार सिंह ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत बालिकाओं के बेतहर स्वास्थ्य के लिए संचालित विभिन्न कार्यक्रमों के विषय में जानकारी प्रदान किया। कार्यशाला को मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका डॉ वंदना श्रीवास्तव ने बालिकाओं के शारिरिक एवं मानसिक विकास के लिए आवश्यक जानकारी दी। इस अवसर पर जिला महिला चिकित्सालय की अनेक डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ,स्टाफ नर्स आदि उपस्थित थे।
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