हाईकोर्ट ने ट्रस्टी कमेटी को जरूरतमंद वकीलों को आर्थिक सहायता देने का दिया निर्देश

प्रयागराज। हाईकोर्ट ने कोरोना महामारी से देशव्यापी लाकडाउन के चलते अदालते बंद होने से आर्थिक तंगी झेल रहे जरूरतमंद वकीलों की सहायता देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने अधिवक्ता कल्याण कोष एक्ट के तहत गठित ट्रस्टी कमेटी को इस संबंध में तत्काल योजना तैयार करने का आदेश दिया है और कहा है कि यह कार्यवाही एक हफ्ते के भीतर पूरी कर ली जाए।

कोर्ट ने कहा है कि ट्रस्टी कमेटी को लोन लेने का अधिकार है। वह लोन लेकर वकीलों की सहायता करें तथा लोन की गारंटी राज्य सरकार वहन करें। हाईकोर्ट ने कहा कि जरूरतमंद वकीलों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाय। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर तथा न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने वकीलों, मुन्शियों की आर्थिक सहायता को लेकर कायम जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।

इससे पहले कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया, उत्तर प्रदेश बार काउंसिल, ट्रस्टी कमेटी सहित बार एसोसिएशनों को वकीलों की सहायता की योजना बनाने का आदेश दिया था। ट्रस्टी कमेटी के सदस्य सचिव, प्रमुख सचिव न्याय ने हलफनामा दाखिल कर कहा कि कमेटी के पास पर्याप्त फंड नहीं है। जितना फंड है उससे कहीं ज्यादा उसकी देनदारी है। बार काउंसिल आफ इंडिया के चेयरमैन मनन मिश्रा ने कहा था कि वह एक करोड़ देने के लिए तैयार हैं। इसके बाद कोर्ट ने ट्रस्टी कमेटी के चेयरमैन व प्रदेश के महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह से पूछा था कि ट्रस्टी कमेटी के पास कितना धन है। जिस पर कोर्ट को बताया गया कि कमेटी के पास दो तरह के फंड है। इस समय 25 से 30 साल की वकालत वाले सदस्यों को 5000 रूपया प्रतिवर्ष के हिसाब से डेढ़ लाख रुपए का भुगतान करने के बाद कुल 69 करोड़ रुपए बचे हैं। जबकि देनदारी कई गुना ज्यादा है।

दूसरा फंड 40 साल से पंजीकृत अधिवक्ता की 70 साल की आयु से पहले मौत होने पर आश्रितों को 5 लाख की सहायता देने के लिए है। जिसमें सरकार ने 200 करोड़ दिए हैं और कमेटी ने 10 करोड़ जमा किया है। इस समय इस मद में कुल 230 करोड़ कमेटी के पास है। जिसे सरकार बढ़ा करके 400 करोड़ करने जा रही है। ट्रस्टी कमेटी की तरफ से बताया गया वर्ष 2018-19 में 1309 एप्लीकेशन आई थी। 1298 लोगों को 63 करोड 28 लाख का भुगतान किया गया। 2019-20 में 410 अर्जी आई, जिसके लिए 20 करोड़ 14 लाख का भुगतान किया गया।

कोर्ट ने कहा कि एक्ट में प्राकृतिक आपदा में भी सहायता करने के उपबंध है। कोरोना वायरस के चलते प्रदेश की अदालतें बंद चल रही है। कानून में जरूरत पड़ने पर ट्रस्टी कमेटी को उधार लेने का अधिकार दिया गया है। साथ ही जीवन बीमा निगम के तहत भी फंड उपलब्ध है। बार काउंसिल अपना शेयर कमेटी को दे चुकी है। ऐसे में कमेटी अपने दायित्वों का भार बार काउंसिल पर शिफ्ट नहीं कर सकती। ट्रस्टी कमेटी जरूरतमंदों की आर्थिक सहायता दे सकती है। जब उसे लोन लेने का अधिकार है तो वह नहीं कह सकती कि उसके पास धन की कमी है। इस पर कोर्ट ने कमेटी को एक हफ्ते में योजना तैयार कर जरूरतमंदों की आर्थिक सहायता करने का निर्देश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 26 मई को होगी।

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