समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था पर तंज कसते हुए सवाल उठाया है कि जब 2020 में भी उनकी सुरक्षा को इतना खतरा है तो अंदाजा लगाएं कि प्रदेश की जनता किस हाल में है। सपा की ओर से शनिवार को जारी एक बयान में अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री की तरह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था और ज्यादा पुख्ता कर दी गई है। मंत्रिमंडल से परिपत्र के जरिये प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। इसे ‘ग्रीन बुक’ में भी दर्ज किया जाएगा। प्रधानमंत्री के सुरक्षा प्रबंधन का ब्योरा ‘ब्लू बुक’ में होता है। अखिलेश ने कहा कि उसके अध्ययन के बाद मुख्यमंत्रीकी ‘ग्रीन बुक’ की समीक्षा की गई है। वैसे जबसे मुख्यमंत्री सत्ता में आए हैं, बराबर उनकी सुरक्षा की समीक्षा होती रही है, लेकिन यह प्रश्न तो उठता है कि जब 2020 में भी मुख्यमंत्री की सुरक्षा को इतना खतरा है तो अंदाजा लगाएं प्रदेश की जनता किस हाल में है।खिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)के राज में रोज वही कहानी दोहराई जाती है। हत्या, बलात्कार, लूट की खबरों के साथ दिन की शुरुआत, शाम तक अपराध की घटनाएं और ज्यादा गहराती हैं। उन्होंने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2019 की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि प्रदेश में अनुसूचित जाति और जनजाति उत्पीड़न संबंधी कुल मामलों में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश में महिलाओं के विरूद्ध अपराध के सर्वाधिक 59,853 मामले दर्ज हुए जिसमें 18 वर्ष से कम आयु की बच्चियों के साथ दुष्कर्म की प्रदेश में 272 घटनाएं पुलिस रिकॉर्ड का हिस्सा बनीं। 2019 में बलात्कार के 3,065 मामले दर्ज हुए।
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