यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) प्रणाली में अब और ज्यादा नई कंपनियों के उतरने की संभावना नहीं है क्योंकि कुछ कंपनियों के साथ ही समग्र रूप ले चुका है। द डिजिटल फिफ्थ की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपीआई भुगतान में अधिक नवोन्मेषी प्रयोगों के चलते यह क्षेत्र नए स्तर पर पहुंचेगा और यह देश का भुगतान गेटवे का विकल्प बना रहेगा। रिपोर्ट कहती है कि यूपीआई की वजह से भुगतान क्षेत्र में नवप्रवर्तन आया है। इसके परिणामस्वरूप बड़े खिलाड़ियों ने पूरे बाजार को नियंत्रण में ले लिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बटुवा (वॉलेट) बाजार घट रहा है और यूपीआई बाजार कुछ बड़ी कंपनियों के बीच रह गया है। इस वजह से इसें ज्यादा नए खिलाड़ी नहीं उतर रहे हैं। रिपोर्ट में फिनटेक क्षेत्र में प्रभाव छोड़ने वाले 30 लोगों की सूची भी दी गई है। इसमें नीति आयोग के सलाहकार अन्ना रॉय और उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नीति चुघ तथा क्रेडिटमंत्री की सह संस्थापक गौरी मुखर्जी का नाम शामिल है।
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