पाकिस्तान की एक अदालत ने कहा कि फांसी की सजा पाए कुलभूषण जाधव के मामले में अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) के निर्णय को लागू करने के लिए भारत का सहयोग सबसे आवश्यक है। इसने साथ ही कहा कि यदि इसमें कोई आपत्ति हो तो यहां स्थित भारतीय उच्चायोग इससे संपर्क सकता है।जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनल्लाह, न्यायाधीश आमेर फारूक और न्यायाधीश मियांगुल हसन औरंगजेब की पीठ ने सोमवार को कानून मंत्रालय की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की, जिसमें वर्ष 2017 में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा फांसी की सजा पाए जाधव के लिए वकील नियुक्त करने का अनुरोध किया गया है, ताकि वह अपनी सजा के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर कर सकें।इसके मुताबिक, सुनवाई के दौरान अटॉर्नी नरल खालिद जावेद खान ने कहा कि आईसीजे का फैसला लागू करने के मद्देनजर संघीय सरकार ने सभी उपाय किए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की आपत्ति दूर किए जाने के बारे में पूछे जाने पर खान ने आरोप लगाया कि नयी दिल्ली जान-बूझकर अदालती कार्यवाही को टालने का प्रयास कर रही है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख एक दिसंबर तय की।
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