उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का जिक्र करते हुए बुधवार को कहा कि आशंकाएं दूर किये जाने के बावजूद विरोध जारी रहना विपक्षी दलों के दुष्प्रचार का नतीजा है। योगी ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की 118वीं जयन्ती पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘किसान के चेहरे पर खुशहाली लाने के लिए ही कृषि क्षेत्र में तेजी के साथ सुधार के लिए केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों में व्यापक सुधार किए हैं लेकिन जिन्हें किसानों की प्रगति, देश का विकास और किसान के चेहरे पर खुशी अच्छी नहीं लगती, वे गुमराह करके किसानों को भड़का रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बार-बार कहा जा रहा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समाप्त नहीं होगा लेकिन तब भी एमएसएपी के नाम पर गुमराह किया जा रहा है। बार-बार कहा जा रहा है कि मंडियां समाप्त नहीं होंगी लेकिन तब भी इसके नाम पर गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने मंडी को तकनीक के साथ जोड़ा लेकिन तब भी गुमराह किया जा रहा है कि मंडी बंद हो जाएगी। यह कैसी राजनीति है?’’ योगी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ये (विपक्ष) किसान के हित के लिए किए जा रहे प्रयास, चाहे वह कॉन्ट्रैक्ट खेती का हो, मंडी का हो, एमएसपी का हो, किसान के हित के अनुकूल कुछ भी नहीं होने देंगे लेकिन हम इस बात को पूरी मजबूती से कहना चाहते हैं कि देश के अंदर किसानों के लिए समर्पित भाव के साथ अगर कोई सरकार काम कर रही है और आजादी के बाद किसी एक सरकार ने किसानों के हित के लिए इतनी योजनाएं दी है तो वह केंद्र की मोदी सरकार ही है।’’मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं सभी किसान भाइयों बहनों से कहना चाहता हूं कि एपीएमसी एक्ट के तहत प्रावधान किया जा रहा है कि अब किसान केवल मंडियों में ही अपने उत्पाद ले जाने को मजबूर नहीं होगा। अगर किसान को लगता है कि लखनऊ की मंडी के मुकाबले बाराबंकी मंडी में उसे ज्यादा दाम मिल सकते हैं या बाराबंकी से अच्छा दाम उसे दिल्ली की मंडी में मिल सकता है तो बिना किसी टैक्स और बिना किसी सरचार्ज के किसान अपने उत्पाद को बाराबंकी, दिल्ली या देश की किसी भी मंडी में ले जाकर बेच सकता है और ज्यादा मुनाफा कमा सकता है। फसल तैयार होने से पहले ही उसे बेचने का अधिकार किसान के पास होगा लेकिन जिन्हें यह अच्छा नहीं लग रहा है वे इसका विरोध करके गुमराह कर रहे हैं। इससे सावधान होने की जरूरत है।’’ मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि किसानों के नाम पर राजनीति करने वाले लोग जब सत्ता में आते हैं तो किसानों के मुद्दों पर ही मौन हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह की कर्मभूमि रमाला की चीनी मिल पिछले 30 साल से पुनरुद्धार का इंतजार कर रही थी। योगी ने कहा, ‘‘मैं गन्ना मंत्री को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने चौधरी साहब की कर्मभूमि की चीनी मिल के विस्तारीकरण के तहत 50,000 क्विंटल गन्ने की रोजाना पेराई की व्यवस्था पिछले साल ही कर दी।’’
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