इजरायल में भारतीयों ने 2008 के 26/11 मुंबई हमलों में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी हमले में मारे गए लोगों को याद किया और अपराध के मुख्य साजिशकर्ता को सजा देकर जल्द न्याय देने की मांग की। उन्होंने इन हमलों की 13वीं बरसी की पूर्व संध्या पर आतंकवाद की समस्या से निपटने के लिए समन्वित प्रयास करने की मांग की। इजरायल में सभी प्रमुख संस्थानों में भारतीय छात्र, भारतीय यहूदी समुदाय के सदस्य और इजरायल में रह रहे तथा काम कर रहे भारतीयों ने 26/11 हमलों की बरसी की पूर्व संध्या पर गुरुवार को देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए और आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। इन हमलों में मारे गए लोगों में छह यहूदी भी शामिल हैं।हमलों की बरसी पर शुक्रवार को भी कई कार्यक्रम आयोजित किए जाने हैं। दक्षिणी तटीय शहर ईलात में भारतीय यहूदी समुदाय के नेता इसाक सोलोमन (84) ने क्लब सितार में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भारत और इजरायल आतंकवाद से पीड़ित हैं, यद्यपि दोनों देश अपने पड़ोसियों के साथ शांति चाह रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘आतंकवादियों का सच में कोई वास्तविक उद्देश्य नहीं होता। उनका केवल एक लक्ष्य है लोगों को नुकसान पहुंचाना। भारत और इजरायल ऐसे लोकतंत्र हैं जो शांति चाहते हैं और दुनिया में कहीं भी आतंकवाद की समस्या के खिलाफ अपनी आवाज उठाते रहेंगे।’ईलात के डिप्टी मेयर स्टास बिल्किन ने भी हमले के पीड़ितों के प्रति एकजुटता जताते हुए कार्यक्रम में भाग लिया। यरुशलम विश्वविद्यालय, हिब्रू, तेल अवीव विश्वविद्यालय, बेन गुरियों विश्वविद्यालय और हाइफा में कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों ने कोविड-19 संबंधी नियमों का पालन करते हुए भाग लिया।
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