प्रयागराज ! जनपद के किसानों की तकदीर में नई मुश्किल बन कर आए आवारा छुट्टा पशु ( गोवंश ) तथा नीलगाय एक ही रात में सैकड़ों एकड़ खेत तबाह कर दे रहे हैं । प्रयागराज की अधिकांश आबादी आज भी खेती किसानी पर निर्भर है , कर्ज के बढ़ते बोझ के तले दबकर किसान मर रहा है वही उसकी मुसीबत और बढ़ाने में आवारा पशु तथा नीलगाय कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं । आंखों के सामने फसल चट होती देखकर किसान परेशान हैं । झुंड के झुंड आवारा पशु बड़ी संख्या में तैयार फसलों को नष्ट कर रहे है ।फसल बचाने के लिए किसान सर्द रातों में अपने खेत की रखवाली करने के लिए मजबूर है । जनपद के कोरांव , बारा , मेजा , करछना , समेत करीब 1000 गांवों में आवारा छुट्टा पशु तथा नील गायों के झुंड खेती में खड़ी फसलों को बर्बाद कर रहे हैं तथा फसलों को पनपने नहीं देते है । रात-दिन रखवाली के बावजूद पशु मेहनत से तैयार फसलों को नष्ट कर रहे हैं । क्षेत्र के स्थानीय किसानों का आरोप है कि आवारा पशु तथा नील गायों को काबू करने लिए जिला प्रशासन तथा सक्षम अधिकारी आगे नहीं आ रहे हैं , जिस कारण किसानों की फसलों को भारी नुकसान हो रहा है ।
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