पाखण्ड धर्म और समाज दोनों को कमजोर कर रहा: रामपूजन पटेल

प्रयागराज। वर्तमान में समाज एक विषम परिस्थिति से गुजर रहा है। धर्म में पाखण्ड, राजनीति में माफिया और व्यापार में भ्रष्टाचार आच्छादित होता जा रहा है।
यह बातें पूर्व केंद्रीय मंत्री रामपूजन पटेल ने शुक्रवार को माघ मेला क्षेत्र में स्थित समाजवादी चिंतन शिविर का उद्घाटन करने के उपरान्त “धर्म और समाजवाद “विषय पर आयोजित गोष्ठी में सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि वहीं दूसरी ओर किसानों, नौजवानों, महिलाओं की समस्याओं को लेकर आए दिन जनाक्रोश फैल रहा है। इसका हल समाजवादी विचारधारा से ही संभव है। अध्यक्षता कर रहे केन्द्रीय विश्वविद्यालय इलाहाबाद के प्रो. डॉ. जे.एन पाल ने कहा कि मानवता का कल्याण ही धर्म का कर्तव्य है, समाजवादी विचारधारा भी यही कहती है। इसलिए समाज के अंतिम व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान हो ऐसी स्थिति में समाजवाद के व्यापकता का हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए।
केन्द्रीय विश्वविद्यालय के प्रो. डॉ. पंकज कुमार ने कहा कि भारतीय परिप्रेक्ष्य में धर्म की परिभाषा कर्तव्य पर अधारित है, समाजवाद की स्थापना ही असली धर्म है। शिविर के आयोजक अवधेश आनन्द ने कहा कि गांधीजी ने गीता के अनाशक्ति भाव के सिद्धांत की व्याख्या किया, वहीं डॉ. राममनोहर लोहिया ने राजनीति को मर्यादित एवं आदर्शवादी स्वरूप दिया, उन्होंने दीर्घकालीन राजनीति को ही धर्म माना था। शिविर के सह संयोजक अनंत बहादुर यादव ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर प्रो. हर्ष कुमार, पंधारी यादव, पूर्व सांसद धर्म राज पटेल, हेमंत टुन्नू, दूधनाथ पटेल, योगेश यादव, डॉ. मानसिंह यादव, दान बहादुर मधुर, संतलाल वर्मा, संदीप विश्वकर्मा समेत कई लोग उपस्थित रहे।

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