रूस व यूक्रेन के बीच 250 दिनों से जारी जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है, बल्कि तेज हो रही है। सोमवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के बिजलीघरों व अन्य अधोसंरचना पर हमलों को लेकर सफाई दी। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के ड्रोनों ने काला सागर के सुरक्षित समुद्री मार्ग का इस्तेमाल कर रूसी सेना पर हमला किया, जिससे यूएन के प्रयासों से अनाजों के जहाज भेजे जा रहे थे। इसके विरोध में पुतिन ने कालासागर से अनाज निर्यात में अपनी साझेदारी रोक दी।
राष्ट्रपति पुतिन ने आरोप लगाया कि यूक्रेन ने क्रीमिया में रूसी सेना के बेड़े पर ड्रोन हमले किए थे। इसके जवाब में हमने उसके बिजली संयंत्रों को निशाना बनाया। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुतिन ने कहा कि यूक्रेन के ड्रोन ने हमले के लिए उसी सुरक्षित समुद्री गलियारों का इस्तेमाल किया, जिनसे संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में अनाज के जहाज गुजर रहे हैं।
समुद्री गलियारे का इस्तेमाल हमले के लिए नहीं किया : यूक्रेन
उधर, पुतिन के आरोप के जवाब में यूक्रेन ने कहा है कि उसकी सेना ने रूसी फौज पर हमले के लिए अनाज निर्यात के लिए बनाए गए समुद्री सुरक्षा गलियारे का इस्तेमाल नहीं किया है। शनिवार को काला सागर मार्ग से अनाज का कोई जहाज नहीं गुजरा, जबकि रूस का आरोप है कि क्रीमिया में उसके जहाजों पर ड्रोन हमला किया गया।
पुतिन के गुस्से को देखकर लगता है कि यूक्रेन के खिलाफ हमले और भी तेज हो सकते हैं। उधर, यूक्रेन के अधिकारियों ने कहा कि रूसी हमलों से पनबिजली ऊर्जा संयंत्र प्रभावित हुआ है। इससे यूक्रेन में बिजली और पानी की आपूर्ति ठप हो गई है।
ड्रोन से दागी जा रहीं रूसी मिसाइलें
24 फरवरी से शुरू हुई रूस-यूक्रेन जंग को 250 दिन हो गए हैं। यह थमना तो दूर बल्कि तेज होती जा रही है। यूक्रेन के कई शहरों में रूस ने सोमवार को ड्रोन से मिसाइलें दागीं। राजधानी कीव में जोरदार धमाका हुआ। यूक्रेन के सेना प्रमुख ने फेसबुक पर जारी एक बयान में कहा कि रूसी सेना ने यूक्रेन के कम से कम छह इलाकों में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने वाले संस्थानों पर बमबारी की।