तीर्थ पुरोहितों ने संगम क्षेत्र से सेना हटाने की उठाई आवाज

प्रयागराज। माघ मेला के मोरी मार्ग स्थित पालीवाल कल्पवास आश्रम में संगम नागरिक समाज, त्रिवेणी मठ, मंदिर बचाओ समिति, प्रयागवाल सभा, सर्व मंगला अध्यात्म योग विद्या पीठ सिमरिया घाट बेगुसराय, प्रयाग धर्म संघ प्रयागराज, ऊॅ श्री संत गृहस्थ सेवा परिषद, सनातन धर्म रक्षा सभा, अखिल भारतीय चाणक्य नीति समिति के तत्वावधान में त्रिवेणी तट, संगम क्षेत्र में सेना का औचित्य क्या है, विषय पर गोष्ठी आयोजित की गयी।
गोष्ठी में निर्णय हुआ कि संगम क्षेत्र में सेना रहने का कोई औचित्य नहीं प्रतीत होता है। यह क्षेत्र राष्ट्र का कोई बार्डर नहीं है, इसलिए यहां सेना के रहने की कोई आवश्यकता नहीं है। केन्द्र सरकार इस पर जल्द निर्णय लेना चाहिए। क्योंकि यह धर्म क्षेत्र है, यहाँ मात्र धार्मिक कृत्य होते हैं और धार्मिक धर्म कर्म वाले क्षेत्र में सेना का औचित्य नहीं बनता है। सेना का रहन सहन धार्मिक भावनाओं से अलग होता है और सेना को यहाँ से हटाने में जितना बड़ा संघर्ष करना पडे़गा उसमें संगम नागरिक समाज जिसमें तीर्थ पुरोहित, नाविक समाज, नाई समाज, माला फूल बेचने वाले तथा पटरी दुकानदार सहित नगरीय क्षेत्र की सामाजिक, धार्मिक, संगठनों का भी सहयोग लिया जाएगा।
गोष्ठी की अध्यक्षता पूर्व डीजीपी राज नारायण सिंह ने की तथा गोष्ठी का आयोजन पंडित राजेंद्र पालीवाल एवं संचालन पंडित फूल चंद्र दुबे ने किया। अन्य वक्ताओं मंे रविराज सिंह, डाॅ. बी.के सिंह, सुनील बाजपेयी, स्वामी ओमानंद सरस्वती, स्वामी माधवानंद, स्वामी सत्यानंद, प्रताप बहादुर यादव, कैलाश नारायण मिश्र, अजय पांडेय, अनिल कुमार गुप्ता (अन्नू) गोपाल मिश्रा, उदय नारायण पांडेय सहित दर्जनों दण्डी स्वामी एवं सैकड़ों कल्पवासी व तीर्थ पुरोहित उपस्थित रहे। आयोजन कर्ता पंडित राजेंद्र पालीवाल ने कहा कि त्रिवेणी तट के तीर्थ पुरोहितों को एकत्र किया जायेगा। गोष्ठी में अन्य सहयोगी मंे संतोष भारद्वाज, राजेश तिवारी, कृष्ण कुमार शर्मा, दिलीप मिश्र, रवि मिश्र, दिनकर पांडेय, अनुज तिवारी, राजेश पाठक, आशुतोष पालीवाल, कन्हैया लाल पांडेय सहित तमाम तीर्थ पुरोहितों की उपस्थिति थी ।

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