कल्पवास , श्रद्धालुओं की सेवा के लिए आये है न कि जमीन – सुविधाओं की लूट के लिए
अन्नक्षेत्र चलाने के लिए मेला प्रशासन जमीन, बिजली , पानी दे दें सिर्फ : पूज्य गुरुदेव
प्रयागराज। तीर्थराज प्रयागराज के संगम की रेती पर विश्व प्रसिद्ध माघ मेला 14 – 15 जनवरी से शुरू होने जा रहा है। देश के कोने – कोने से संस्थाओं के लोग और संत – महात्मा पहुंचने लगे हैं। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मनमानी जमीन और सुविधाओं के लिए मेला प्रशासन के अफसरों का चक्कर लगा रहे हैं कि अधिक से अधिक जमीन और सुविधाएं मिल जाये जिससे कि वह कल्पवासियों और दुकानदारों को बसाकर मनमानी रूपये कमा सके जबकि वहीं दूसरी ओर ओम नमः शिवाय प्रयागराज ने मेला के दौरान कोई भी सुविधा लेने से साफ इन्कार कर दिया है। पूज्य गुरुदेव का कहना है कि मेला प्रशासन शिविर लगाने के लिए जमीन, पानी और बिजली उपलब्ध करा दें, उसके अतिरिक्त कोई सुविधा नहीं चाहिए।
ओम नमः शिवाय संस्था प्रयागराज करीब 50 वर्ष पुरानी है। संस्था की ओर से माघ मेला, अर्द्ध कुंभ और कुंभ मेला के दौरान 50 वर्षों से मेला क्षेत्र में दो दर्जन स्थानों पर विशाल अन्नक्षेत्र दिन – रात चलता रहता है। इतना ही नहीं प्रयागराज, कानपुर, लखनऊ, अयोध्या और सीतापुर में वर्षभर अन्नक्षेत्र चलता रहता है जिसमें लाखों लोग परिवार सहित खाना खाते है। खाने में रोटी, सब्जी, पूड़ी, कचौड़ी, पुलाव, डोसा, इडली, तहरी, चावल, कढ़ी, गुलाब जामुन, खीर, पापड़ सहित अन्य खाद्यय सामग्रियां श्रद्धालुओं और स्नानार्थियों को अन्नक्षेत्र में खिलाते हैं।
ओम नमः शिवाय ने कोविड के पहले और दूसरे चरण में प्रयागराज, कानपुर, लखनऊ, अयोध्या और सीतापुर में लाखों श्रमिकों, प्रतियोगी छात्रों सहित वहां रहने वाले लोगों को दिन, रात नाश्ता, खाना, बोतलबंद पानी और बच्चों को दूध उपलब्ध कराया था।
ओम नमः शिवाय संस्था के पूज्य गुरुदेव का कहना है कि माघ मास में संगम की रेती पर लगने वाले माघ मेला, अर्द्ध कुंभ मेला और कुंभ मेले के दौरान दान किया जाता है लेकिन लिया नहीं जाता है। उन्होंने बताया कि माघ मेला और कुंभ मेला को लोग व्यवसाय बना लिया है । उन्होंने कहा कि इस बार से माघ मेला और कुंभ मेला के दौरान संस्था मेला प्रशासन से टेण्ट, टिन – घेरा सहित अन्य कोई सुविधा नहीं लेगी। मेला प्रशासन अन्न क्षेत्र चलाने के लिए पांच स्थानों पर पर्याप्त जमीन, पानी और बिजली मुहैया करा दें। पूज्य गुरुदेव ने बताया कि माघ क्षेत्र में जिस तरह से लोग मेला प्रशासन द्वारा नि:शुल्क मिलने वाली जमीन सहित अन्य सुविधाओं को कामर्शियल बनाते जा रहे हैं इससे आस्था को ठेस पहुंच रही है और श्रद्धालुओं की आस्था प्रभावित हो रही है इसको लेकर मेला प्रशासन के अफसरों को गंभीर होना चाहिए जिससे कि लोगों की आस्था प्रभावित न होने पाये।