प्रयागराज। शिक्षा के बिना मनुष्य वैसे ही अधूरा है, जैसे जल बिन मछली। ऐसे में हर व्यक्ति को शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़कर समाज को एक नयी दिशा देनी चाहिए। वर्तमान परिवेश में शिक्षा की दिशा काफी बदल गयी है।
उक्त विचार परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने गुरूवार को बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालय रसूलाबाद नगर क्षेत्र के वार्षिकोत्सव समारोह में सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने आगे कहा कि शहर से लेकर ग्रामीण बच्चों में पढ़ने की ललक जगी है। ऐसे में स्कूल परिवार ने उनके वार्षिकोत्सव एवं छात्र छात्राओं के सम्मान में समारोह आयोजित कर बच्चों को एक नयी दिशा देने का काम किया है।
विशिष्ट अतिथि जनकल्याण समिति एवं संस्थान की अध्यक्ष डॉ.वन्दना सिंह ने कहा कि विद्या के बिना सब कुछ अधूरा है, विद्या नहीं तो मनुष्य पशु समान है। शिक्षा जीवन का महत्वपूर्ण भाग है और जीवन के ढंग और सोच को बदलने में शिक्षा की अहम भूमिका है। जीवन मूल्यों की प्राप्ति की प्रेरणा किसी व्यक्ति को शिक्षा से मिलती है और सामाजिक उत्थान का कार्य करती है। बच्चा शिक्षा द्वारा समाज के आधारभूत नियमों, व्यवस्थाओं, समाज के प्रतिमानों एवं मूल्यों को सीखता है। बच्चा समाज से तभी जुड़ पाता है जब वह उस समाज विशेष के इतिहास से अभिमुख होता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शिक्षक नेता भारतेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षा मानव को एक अच्छा इंसान बनाती है। शिक्षा में ज्ञान उचित आचरण और तकनीकी दक्षता, शिक्षण और विद्या प्राप्ति आदि समाविष्ट हैं। इस प्रकार यह कौशलों, व्यापारों या व्यवसायों एवं मानसिक, नैतिक और सौन्दर्य विषयक के उत्कर्ष पर केंद्रित है। शिक्षा, समाज एक पीढ़ी द्वारा अपने से निचली पीढ़ी को अपने ज्ञान के हस्तांतरण का प्रयास है। इस विचार से शिक्षा एक संस्था के रूप में काम करती है, जो व्यक्ति विशेष को समाज से जोड़ने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है तथा समाज की संस्कृति की निरंतरता को बनाए रखती है। शिक्षा व्यक्ति की अंतर्निहित क्षमता तथा उसके व्यक्तित्व को विकसित करने वाली प्रक्रिया है। यही प्रक्रिया उसे समाज में एक वयस्क की भूमिका निभाने के लिए समाजीकृत करती है तथा समाज के सदस्य एवं एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए व्यक्ति को आवश्यक ज्ञान तथा कौशल उपलब्ध कराती है।
विद्यालय की प्रधानाध्यापिका डॉ. रूबी ओझा ने विद्यालय की वार्षिक गतिविधियों पर प्रकाश डाला तथा अतिथियों का स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर विद्यालय की स्मारिका का विमोचन भी किया गया। इस दौरान बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम कर सबका मन मोह लिया। कार्यक्रम में वरिष्ठ शिक्षाविद् डाॅ. शैलेश पाण्डेय, डॉ. रवींद्र त्रिपाठी, सुचेत शर्मा, डॉ.गार्गी श्रीवास्तव, बी.टी.सी प्रशिक्षु, बच्चों के अभिभावक एवं अन्य नागरिक उपस्थित रहे।