लोकसभा चुनाव में भाजपा को इस बार प्रयागराज मंडल में झटका लगा है। प्रयागराज मंडल की इलाहाबाद, फूलपुर, कौशाम्बी और प्रतापगढ़ सीट में से भाजपा सिर्फ फूलपुर सीट ही बचा पाई। यहां भी भाजपा प्रत्याशी प्रवीण पटेल की जीत का अंतर काफी कम रहा। एक बार तो यह भी लगा कि प्रवीण पटेल चुनाव हार गए हैं, लेकिन अंत में वह 4784 वोट से जीत गए। इसलिए इस जीत को भाजपा के लिए मरहम माना जा रहा है।
प्रयागराज की फूलपुर सीट भाजपा के लिए इस बार शुरू से ही सुर्खियों में रही। क्योंकि भाजपा ने यहां से सांसद केशरी देवी पटेल का टिकट काटकर विधायक प्रवीण पटेल को उम्मीदवार बनाया। यह निर्णय चौंकाने वाला इसलिए भी था क्योंकि केशरी देवी पटेल ने 2019 के लोकसभा चुनाव में रिकार्ड 544701 मत पाए थे। यह फूलपुर में अब तक का सर्वाधिक वोट है। इसके पूर्व यहां 2014 में पहली बार केशव प्रसाद मौर्य ने पांच लाख का आंकड़ा पार किया था। इन दोनों प्रत्याशियों के मुकाबले प्रवीण पटेल इस बार पांच लाख का भी आंकड़ा पार नहीं कर सके।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के नाम यहां सबसे बड़े अंतर से चुनाव जीतने का भी कीर्तिमान है। 2014 के चुनाव में उन्होंने इस सीट से सपा के धर्मराज पटेल को 3.08 लाख मतों से हराया था, जबकि 2019 में केशरी देवी ने इस सीट से सपा के पंधारी यादव को तकरीबन पौने दो लाख मतों से शिकस्त दी थी। इन दोनों बड़ी जीत के मुकाबले भाजपा के प्रवीण पटेल की जीत सिर्फ मरहम लगाने वाली ही साबित हुई।