कोरोना कहर से मुक्ति प्रभु चरणों मे- ब्रह्म्प्रिया।

विश्व भर में कहर बरपा रहा कोरोना के लिए जन जागरूकता और सफाई  के साथ लॉक डाउन का पालन ही एक रास्ता है।ब्रम्प्रिया नम्रता कमलिनी जी ने जन मानस को दिया संदेश सुनिए. .ठहरिये.. देखिये अपने चारों तरफ फैले इस सन्नाटे को, जिंदगी की कलम रुक जाएगी एक दिन। ना आपके पास बाते होंगी ना कहने सुनने के लिए लोग…ना प्रेम की थपकिया होगी ना इंतजार करनेवाले लोग..सिमट जाएगी जिंदगी मौत की बाँहों में भागते बहुत हो, रुकने का नाम ही नही लेते…ये मंजर तो समझाने के लिए आया है, समझ गए तो ठीक.. अन्यथा संसार तो जा ही रहा है।मौत के मुँह में, तुम भी उसी का एक हिस्सा होगे, आँसु बहाने को कोई नहीं, ये तुम्हारी कहानी होगी।इसलिए आओ चलें स्व में.. शांति में. प्रेम प्रभु की ओर.. एकांत आँखें बंद कर प्रियतम की ओर.. फिर जीवन भी होगा, खुशियाँ भी होंगी और ये महकती वादियाँ भी।कोरोना के कहर से मुक्ति तो प्रभु चरणों में विश्रांति के बाद ही संभव है। बंद करो घर के दरवाजे, दीप जला लो, गायत्री मंत्र गुनगुना लो, शांत चित्त प्रभु में लगालो… फिर देखो खुशिया लौट आएँगी.. संकल्प लेंगे..कहीं न निकलेंगे.. स्व की रक्षा और प्रभु के साथ में जा एकांत की राह चलेंगे। एकांत में कुछ समय के लिए रुक जाएँगे और भारत को कोरोना से मुक्ति दिलाएँगे…

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