कृषकों का श्रीअन्न उत्पादन एवं प्रसंस्करण प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ

प्रयागराज।
प्रसार निदेशालय, सैम हिग्गिनबॉटम कृषि प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय, प्रयागराज में दिनांक 19-23 सितम्बर 2024 तक संचालित होने वाले सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन (आत्मा) योजनान्तर्गत जनपद-भागलपुर, बिहार राज्य के 48 कृषकों का पांच दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। निदेशक प्रसार डा० प्रवीन चरन ने कृषकों को श्रीअन्न के महत्ता के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी कहा कि श्रीअन्न का ग्लाइसेमिक्स इण्डेक्स अन्य अनाजों की तुलना में अत्यन्त कम होता है जिसकी वजह से यह मधुमेह रोग से पीड़ित रोगियों के लिए एक स्वास्थ्यवर्धक आहार है। मुख्य अतिथि निदेशक शोध डा० एस. डी. मैकार्टी ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के दृष्टिगत कई बार फसलें पर्याप्त लाभ नहीं दे पाती जिससे कृषकों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अतः यह आवश्यक है कि उन्हें रागी, कुटकी, कंगनी, सांवा, चीना, जैसे पौष्टिक श्रीधान्य की खेती की ओर आकर्षित किया जाये ।
विशिष्ट अतिथि निदेशक विकास डा० (श्रीमती) रितु प्रकाश दुबे ने कुपोषण को ज्वलन्त समस्या बताते हुए दैनिक आहार में पोषक तत्वों से भरपूर श्रीअन्न के उपयोग करने की बात कही जिससे से न सिर्फ कुपोषण की समस्या का निदान होगा अपितु श्रीअन्न के उपभोग को बढ़ावा देकर कृषक अपनी आर्थिक स्थिति भी उन्नत कर सकते हैं। कार्यक्रम में प्रशिक्षण समन्वयक डा० मनीष कुमार केसरवानी ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की।
 डा० शिशिर कुमार, श्रीमती मीना नेथन, डा० शैलेन्द्र कुमार सिंह ने भी कृषकों को तकनीकी जानकारी दी। प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर प्रसार निदेशालय के समस्त वैज्ञानिकगण उपस्थित रहे।

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