CAIT तुर्की और अजरबैजान के साथ व्यापार समझौतें होंगे खत्म

भाजपा सांसद और अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (सीएआईटी) जल्द ही तुर्की और अजरबैजान के साथ व्यापार समझौतों को जारी रखने या समाप्त करने को लेकर फैसला करेगा। व्यापारी संगठन जल्द ही ये फैसला करेंगे कि भविष्य में दोनों देशों के साथ व्यापार किया जाए या नहीं।

ये जानकारी भाजपा सांसद और अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (सीएआईटी) के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने दी है। उन्होंने कहा कि व्यापारियों का संगठन मिलकर शुक्रवार को ये फैसला करेगा कि दिल्ली में व्यापारिक नेताओं के साथ चर्चा होगी। इसमें तुर्की के साथ व्यापारिक रिश्ते कायम रखने को लेकर फैसला होगा।

 

भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि देश भर के व्यापारिक नेता दिल्ली में आएंगे। सीएआईटी मिलकर ये तय करने वाला है कि तुर्की और अजरबैजान के साथ व्यापार समझौते खत्म किए जाएं या नहीं। कैट इससे पहले केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू किंजरापु को एक पत्र लिखकर अनुरोध कर चुका है कि तुर्की जाने वाली एयरलाइंस को रद्द किया जाना चाहिए। वर्तमान में इंडिगो और तुर्की एयरलाइंस के बीच जो कोडशेयरिंग समझौता है उसे भी रद्द किया जाना चाहिए।

 

बता दें कि बुधवार को कैट ने भारतीय व्यापारियों व नागरिकों से भी अपील की थी कि तुर्की व अजरबैजान की यात्रा का पूर्ण तरीके से विरोध करें। कैट पहले से ही चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने का अभियान चला रहा है। इसका असर भी बड़े स्तर पर देखने को मिला है। कैट के आह्वान से उम्मीद है कि तुर्किये और अजरबैजान की अर्थव्यवस्थाओं और पर्यटन संभावनाओं पर भी असर देखने को मिल सकता है।

 

वर्ष 2024 के आंकड़ों का हवाला देते हुए प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि तुर्की में लगभग 62.2 मिलियन विदेशी पर्यटक आए थे। इनमें से लगभग 300,000 पर्यटक सिर्फ भारत से तुर्की पहुंचे थे। वर्ष 2023 में गए पर्यटकों की तुलना में ये संख्या 20.7 प्रतिशत अधिक है। व्यापारी संगठन का कहना है कि तुर्की का कुल पर्यटन राजस्व 61.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जिसमें प्रत्येक भारतीय पर्यटक औसतन 972 अमेरिकी डॉलर खर्च करता है, इस प्रकार कुल अनुमानित भारतीय व्यय 291.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर है।

 

उन्होंने कहा कि अगर भारतीय पर्यटक तुर्की का बहिष्कार करते हैं, तो देश को लगभग 291.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर का सीधा नुकसान हो सकता है। इसके अलावा, भारतीय शादियों, कॉर्पोरेट कार्यक्रमों और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के रद्द होने से अप्रत्यक्ष रूप से और भी अधिक आर्थिक नुकसान होगा। अज़रबैजान के बारे में बोलते हुए, खंडेलवाल ने कहा कि 2024 में, देश में लगभग 2.6 मिलियन विदेशी पर्यटक आए, जिनमें से लगभग 250,000 भारतीय थे। एक भारतीय पर्यटक द्वारा औसत खर्च 2,170 AZN था, जो लगभग 1,276 अमेरिकी डॉलर है, जिससे कुल भारतीय योगदान लगभग 308.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। उन्होंने कहा कि इसलिए भारतीय पर्यटकों द्वारा बहिष्कार से इस परिमाण का प्रत्यक्ष नुकसान हो सकता है।

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