प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आईएटीए (अंतर्राष्ट्रीय वायु परिवहन संघ) के सालाना आम बैठक को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय विमानन क्षेत्र वैश्विक हवाई परिवहन उद्योग में एक प्रमुख इकाई है। उन्होंने कहा कि विमानन क्षेत्र के लिए भारत के पास एक बाजार, प्रौद्योगिकी एवं नवोन्मेष के लिए प्रतिभा और मुक्त एवं सहयोगी नीति मौजूद है। पीएम ने दावा किया कि भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा घरेलू नागर विमानन बाजार है। भारत विश्वस्तरीय हवाई अड्डों में निवेश कर रहा है, हवाई अड्डों की संख्या 74 से बढ़कर 162 हुई।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए सरकार सभी कदम उठा रही। विमानों की मरम्मत एवं रखरखाव (एमआरओ) एक उभरता हुआ क्षेत्र, भारत को 2030 तक एमआरओ का एक वैश्विक केंद्र बनाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि आज हम एक ऐसे मोड़ पर खड़े हैं, जहाँ हमारी यात्रा योजना सिर्फ़ धरती के शहरों तक ही सीमित नहीं है। आज इंसान अंतरिक्ष उड़ानों और अंतरग्रहीय यात्राओं का व्यवसायीकरण करने और उन्हें नागरिक उड्डयन के लिए खोलने का सपना देख रहा है। यह सच है कि इसमें अभी कुछ समय है, लेकिन यह बताता है कि आने वाले समय में एविएशन सेक्टर कितना बड़ा परिवर्तन और इनोवेशन का केंद्र बनने वाला है।
मोदी ने कहा कि भारत इन सभी संभावनाओं के लिए तैयार है। मैं भारत के तीन मजबूत स्तंभों का उल्लेख करता हूँ जो इसके लिए आधार हैं- पहला, भारत के पास बाज़ार है। यह बाज़ार सिर्फ़ उपभोक्ताओं का समूह नहीं है, बल्कि भारत के आकांक्षी समाज का प्रतिबिंब भी है। दूसरा, हमारे पास प्रौद्योगिकी और नवाचार के लिए जनसांख्यिकी और प्रतिभा है। हमारे युवा नए युग के नवोन्मेषक हैं जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और स्वच्छ ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सफलताएँ ला रहे हैं। तीसरा, हमारे पास उद्योग के लिए खुली और सहायक पारिस्थितिकी तंत्र नीति है। इन तीन क्षमताओं के आधार पर हमें भारत के एविएशन सेक्टर को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते वर्षों में भारत ने नागरिक उड्डयन क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन देखा है। आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार है। हमारी उड़ान योजना की सफलता भारतीय नागरिक उड्डयन का एक स्वर्णिम अध्याय है। इस योजना के तहत 15 मिलियन से अधिक यात्रियों को किफायती हवाई यात्रा की सुविधा मिली है। कई नागरिकों ने पहली बार हवाई यात्रा की। हमारी एयरलाइंस भी लगातार दोहरे अंकों की वृद्धि हासिल कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय और विदेशी एयरलाइंस को मिलाकर हमारे देश में हर साल लगभग 240 मिलियन यात्री हवाई यात्रा करते हैं…2030 तक यह संख्या 500 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है…हम विश्व स्तरीय हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे में निवेश कर रहे हैं। 2014 तक भारत में 74 परिचालन हवाई अड्डे थे। आज यह संख्या बढ़कर 162 हो गई है। भारतीय वाहकों ने 2000 से अधिक विमानों के ऑर्डर दिए हैं यह न केवल भौगोलिक सीमाओं को पार करेगा, बल्कि इसे स्थिरता, हरित गतिशीलता और न्यायसंगत पहुंच की दिशा में भी ले जाएगा।