रूस और यूक्रेन के बीच जंग चौथे साल में पहुंच चुकी है। मतलब तीन साल पूरे हो चुके हैं और युद्ध का चौथा साल चल रहा है। लेकिन एक जून 2025 के दिन इस जंग में एक नया मोड़ आया जब यूक्रेन की तरफ से 117 ड्रोन रूस के अंदर भेजे गए और एयरबेस को टारगेट किया गया। रूस पर ड्रोन अटैक करके जेलेंस्की ने दुनिया को चौंकाया जरूर लेकिन उनका ये हमला यूक्रेन के लिए आत्मघाती साबित हो रहा है। ऑपरेशन स्पाइडरवेब रूस को 41 बॉम्बर विमान का नुकसान जरूर दे दिया है। रूस को इस हमले से करोड़ों का नुकसान हुआ। फिर बारी रूस की थी और बदले में पुतिन के वार से यूक्रेन को कभी न मिटने वाले जख्म मिले है। पुतिन का गुस्सा राजधानी कीव पर आग बनकर बरसा है। एक के बाद एक दर्जनों धमाकों से पूरी राजधानी थर्रा उठी। खारकवी में दर्जनों मिसाइलों और ड्रोन से हमला किया गया।
यूक्रेन ने स्पाइडरवेब के जरिए रूस के अंदर घुसकर हमला किया उसने दो देशों की लड़ाई को एक नया मोड़ दे दिया। ये विवाद अब एक नए स्तर पर पहुंच चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मध्यस्थका की कोशिश कर रहे हैं। तीन बार फोन भी कर चुके हैं। लेकिन इस बात का कोई भी हल नहीं निकला है। इंस्तांबुल में दोनों देशों के डेलीगेट्स भी मिले और इस मुलाकात में खास बात ये रही कि यूक्रेन का डेलीगेशन आर्मी की यूनिफार्म में आया था। मतलब इरादे दोनों देशों के साफ हैं। न ही यूक्रेन झुकने वाला है औऱ न ही रूस झुकने वाला है। नाटो, यूरोपीय देश और अमेरिका पर्दे के पीछे से यूक्रेन के पीछे खड़े हैं। रूस लगातार हमला कर रहा है।
जेलेंस्की ने कहा कि 80 से ज्यादा लोग घायल हैं और दुर्भाग्य से हर किसी ने ऐसे हमले की निंदा नहीं की। ये वही हालात हैं, जिसका पुतिन फायदा उठाना चाहते हैं। जेलेंस्की ने कहा कि दुनिया में एकता न होने से पुतिन को बढ़ावा मिल रहा है, उन पर ज्यादा दबाव डालने की जरूरत है। कूटनीति, सुरक्षा गारंटी और शांति जरूरी है। खासकर संघर्षविराम की सख्त जरूरत है। रूस पर दबाव डाला जाए ताकि ऐसे हमले रोके जा सकें।