भारत में पशु क्रूरता कानून के कमजोर रहने की वजह से कई लोग पशुओं के साथ निर्ममता करने वाले आराम से बच निकलते थे। हालांकि, पशु क्रूरता के लिए 50 रुपये का जुर्माना जल्द ही अतीत की बात होगी क्योंकि केंद्र पशु क्रूरता कानून को और सख्त बनाने की कवायद में है। केंद्रीय पशुपालन और डेयरी सचिव, अतुल चतुर्वेदी ने अंग्रेजी अखबार टीओआई को बताया कि उनका मंत्रालय “मौजूदा कानून में संशोधन करके पशुओं के साथ क्रूरता के लिए मौजूदा दंड को बढ़ाने से संबंधित मुद्दे की सक्रियता से जांच कर रहा है।”(पीसीए), 1960 के तहत अभी जानवरों के साथ किसी भी तरह की निर्दयता के लिए 10 रुपये से लेकर 50 रुपये तक का जुर्माना लगता है। इसमें जानवरों को मारना, प्रताड़ित करना, भूखा रखना, अंगों को काटना शामिल है। 60 साल पुराने इस कानून के तहत अभी इनमें से किसी को भी संज्ञेय अपराध नहीं माना जाता है। केवल जानवरों की लड़ाई और शूटिंग मैच के आयोजन को ही इस कानून के तहत रखा गया है।
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