ज्योतिष शास्त्र में कई ऐसी आदतों के बारे में उल्लेख मिलता है, जो अक्सर लोगों में देखी जाती हैं। लेकिन हमें इन आदतों से बचना चाहिए। ऐसी ही एक आदत है कि कहीं आने-जाने के दौरान दूसरों की चप्पल पहन लेना। बहुत सारे लोग ऐसा करते हैं कि वह कहीं बाहर जाते हैं तो किसी की भी चप्पल पहनकर निकल जाते हैं। या फिर घर में भी दूसरों के जूते-चप्पल पहनकर घूमते हैं। आपने भी कभी न कभी ऐसा जरूर किया होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ज्योतिष शास्त्र…
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गंगा स्तुति की पाठ मकर संक्रांति के दिन करें, घर में धन-धान्य के भंडार भरे रहेंगे
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य देव का धनु राशि से निकालकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तो मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। मकर संक्रांति का त्योहार मुख्यों त्योहारों में से एक है। इस दिन पवित्र नदी स्नान करना काफी शुभ माना जाता है। मान्यता है कि मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त में गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। गंगा मैया की कृपा पाने के लिए गंगा स्तुति का पाठ करना एक बेहतर उपाय माना गया है। मकर संक्रांति का…
Read Moreकब है मनाया जाएगा सकट चौथ पर्व? क्यों मनाया जाता है यह पर्व
भगवान गणेश जी की विधिवत रुप से पूजा करने से बप्पा अपने भक्तों के जीवन में आ रहे सभी विघ्न को दूर करते हैं। हिंदू धर्म में चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की उपासना के लिए होता है। चतुर्थी के दिन धन या अन्न का दान मंदिर या फिर गरीब लोगों में किया जाता है। क्या आप जानते हैं हर साल सकट चौथ क्यों मनाया जाता है। चलिए आपको बताते हैं। कब मनाया जाता है सकट चौथ हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन…
Read Moreमहाकुंभ में अखाड़े का क्या होता है महत्व और यह कितने तरह का होता है, जानिए कैसे हुई इसकी शुरूआत
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले के आयोजन की तैयारी बड़े जोर-शोर से चल रही है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, महाकुंभ में स्नान करने से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं। उस व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। महाकुंभ में सबसे ज्यादा लोग स्नान के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में यहां पर बड़ा खास नजारा देखने को मिलता है। महाकुंभ का संबंध समुद्र मंथन से है और पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन से निकले अमृत कलश को कुंभ का प्रतीक माना जाता है। महाकुंभ में साधु-संतों…
Read Moreगंगा ने नदी में क्यों बहाए थे अपने 7 पुत्र, महाभारत के इस महान योद्धा से जुड़ी है कथा
महाभारत के सबसे प्रमुख पात्रों में से एक भीष्म पितामह थे। वह महाराज शांतनु और देवी गंगा के पुत्र थे। भीष्म पितामह को अपने पिता शांतनु से इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त हुआ था। जन्म के बाद उनका नाम देवव्रत रखा गया था। लेकिन जीवन भर विवाह न करने की प्रतिज्ञा की वजह से उनका नाम भीष्म पड़ गया। वह एक श्राप के कारण वह लंबे समय तक पृथ्वी पर रहे और अंत समय में उनको असहनीय कष्ट का सामना करना पड़ा था। शांतनु ने तोड़ा था वचन गंगा ने…
Read Moreसांप के अलावा सपनों में दिखाई देती हैं ये चीजें, तो हो सकता है कालसर्प दोष
आमतौर पर व्यक्ति को भ्रम होता है कि उसके पैर के नीचे सांप है। लेकिन यह परेशानी तब शुरु होती है जब किसी को हमेशा सांप के आसपास होने का वहम होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सपनों में बार-बार सांप का आना या सांप का काटने की बेवजह डर सताता है, तो यह कालसर्प दोष का संकेत हो सकता है। हालांकि, जरुरी नहीं है कि यही लक्षण हो। इसके दोष के और भी कई लक्षण देखने को मिल सकते हैँ। चलिए आपको बताते हैं कुंडली में कालसर्प दोष होने…
Read Moreब्रह्म योग में 10 जनवरी को किया जायेगा पुत्रदा एकादशी व्रत
पुत्रदा एकादशी साल में दो बार आती है। एक पौष माह की शुक्ल पक्ष में और दूसरी सावन माह के शुक्ल पक्ष में। इस साल पौष माह की पुत्रदा एकादशी का व्रत 10 जनवरी को रखा जाएगा। इस व्रत में जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु की पूजा आराधना की जाती है। मान्यता है कि पौष पुत्रदा एकादशी व्रत करने से वाजपेय यज्ञ के बराबर पुण्यफल की प्राप्ति होती है। श्री लक्ष्मीनारायण एस्ट्रो सॉल्यूशन अजमेर की निदेशिका ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि 10 जनवरी को पुत्रदा…
Read Moreपौष दुर्गाष्टमी व्रत से होती है मनोवांछित फलों की प्राप्ति
आज पौष दुर्गाष्टमी है, यह व्रत हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस दिन मां भगवती की विधि-विधान से पूजा की जाती है तो आइए हम आपको पौष दुर्गाष्टमी व्रत का महत्व एवं पूजा विधि के बारे में बताते हैं। जानें पौष दुर्गाष्टमी के बारे में हिंदू धर्म में पौष दुर्गाष्टमी को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। हर महीने इस तिथि को मां दुर्गा की पूजा करने के विधान है। माता रानी के भक्त इस दिन पूजा करने के साथ व्रत का पालन भी करते…
Read Moreफरवरी में देवगुरु बृहस्पति होने जा रहे मार्गी, इन 4 राशियों की होंगी बल्ले-बल्ले
ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति को सुख-संपदा, ज्ञान, भाग्य व वैभव आदि का कारक माना गया है। वहीं, गुरु 119 दिन बाद यानी के 4 फरवरी को वक्री से मार्गी होने जा रहे हैं। गुरु की वक्री चाल मतलब उलटी और मार्गी का मतलब सीधा चाल होता है। द्रिक पंचांग के अनुसार, गुरु 09 अक्टूबर 2024, बुधवार को वक्री हुए थे और 4 फरवरी 2025, मंगलवार को मार्गी होने जा रहे हैं। गुरु की मार्गी होने से सभी राशियों पर प्रभाव पड़ेगा। आइए आपको बताते हैं कौन है ये लकी…
Read Moreमकर संक्रांति के दिन करें ये उपाय, धन की होगी वर्षा
इस साल मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी 2025, मंगलवार को पड़ रहा है। मकर संक्रांति का त्योहार पूरे देश में मनाया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करने से खरमास समाप्त हो जाता है। इसके साथ ही मांगलिक कार्य शुरु हो जाते हैं। ऐसे में जो व्यक्ति इस दिन कुछ उपाय करता है, तो उसके घर में साल भर धन-धान्य का भंडार भरे रहेंगे। आइए आपको बताते हैं…
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