सर्वपितृ अमावस्या, जिसे महालया अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस बार साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर 2024 को लगने वाला है। ज्योतिष के अनुसार, यह सूर्य ग्रहण हस्त नक्षत्र और कन्या राशि में लगने जा रहा है। इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण की शुरुआत 2 अक्टूबर की रात 9.13 मिनट पर लगेगा और इसका समापन 3 अक्टूबर को मध्यरात्रि में 3.17 मिनट पर होगा। आइए जानते हैं कौन हैं ये 3 लंकी ये राशियां। भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई देगा क्या? आपको बता दें…
Read MoreCategory: अध्यात्म
बंगाल में की जाती है देवी दुर्गा की विशेष पूजा, जानें इसका धार्मिक महत्व
देवी दुर्गा के आगमन का समय आ गया है, इसमें बस अब कुछ दिन बचे हैं। बंगाल में देवी दुर्गा के आगमन की तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं। बस अब उनके स्वागत करने का सबको इंतजार है। महालया अमावस्या के शुभ दिन देवी पक्ष शुरू होगा, जिसके अगले दिन देवी दुर्गा का आगमन होगा। महालया का हिन्दू पंचांग में विशेष महत्व है। महालया शब्द संस्कृत के शब्दों – ‘महा’ और ‘आलय’ से मिलकर बना है, जिसका अर्थ ‘महान निवास’ या ‘देवी का घर’ है। मान्यता है कि महालया के…
Read Moreगरुड़ पुराण में इन कामों को करने की होती है मनाही
हिंदू धर्म में गरुड़ पुराण एक महत्वपूर्ण पुराणों में से एक माना जाता है। गरुड़ पुराण में नरक और स्वर्ग रहस्य नीति धर्म और ज्ञान के बारे में उल्लेख किया गया है। इतना ही नहीं इस अहम ग्रंथ में कुछ ऐसे कामों के बारे में बताया गया है, जिनको करने से व्यक्ति की आयु में कमी आती है। ऐसे में व्यक्ति को इन कार्यों को करने से बचना चाहिए।बता दें कि मृत्यु एक ऐसा सत्य है, जिसको टाल पाना साधारण मनुष्य के वश में नहीं है। गरुड़ पुराण एक ऐसा…
Read Moreहथेली में इस योग के होने से जातक पर होती है मां लक्ष्मी की कृपा
ज्योतिष शास्त्र की एक शाखा हस्तरेखा शास्त्र है। हस्तरेखा शास्त्र के जरिए हथेली पर मौजूद रेखाओं को देखकर व्यक्ति के स्वभाव, व्यक्तित्व और भविष्य के बारे में पता लगाया जाता है। वहीं हथेलियों में मौजूद आड़ी-तिरछी रेखाएं कुछ न कुछ संकेत देती हैं। इन रेखाओं के माध्यम से प्रेम, धन, करियर और सेहत आदि के बारे में गणना की जाती है।हथेली में एक करोड़पति रेखा पाई जाती है, जिसको लेकर कहा जाता है कि जिस भी व्यक्ति की हथेली में यह रेखा पाई जाती है, उसको अपने जीवन में धन-संपत्ति…
Read Moreनवरात्रि में अगर आप भी घर में जलाते हैं अखंड ज्योति, तो जान ले आज ही ये नियम
आश्विन मास में शारदीय नवरात्रि का पर्व आता है। वैसे तो साल में कुल 4 ननरात्रि पड़ती है। 2 गुप्त नवरात्रि और चैत्र व शारदीय नवरात्रि पड़ती है। गुप्त नवरात्रि साधु और तंत्रिक लोगों के लिए होती है और चैत्र व शारदीय नवरात्रि के मनुष्य के लिए होती है। इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत आरंभ 3 अक्टूबर 2024 हो रहा है और इसका समापन 12 अक्टूबर 2024 को हो रहा है। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरुप की पूजा की जाती है। भक्त जन मां को प्रसन्न करने…
Read Moreकिस दिन है महालया अमावस्या? जानें इसका महत्व और पितरों की श्राद्ध पूजा विधि
महालया अमावस्या को पितरों का श्राद्ध और तर्पण के लिए विशेष माना जाता है। वैसे महालया अमावस्या को सर्व पितृ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस साल महालया अमावस्या 2 अक्टूबर 2024, दिन बधुवार को पड़ रही है। मान्यता है कि अगर किसी पर पितृदोष चल रहा है, तो महालया अमावस्या के दिन पितरों की तर्पण जरुर करना चाहिए। महालया अमावस्या कब है? हिन्दू पंचांग के अनुसार, महालया अमावस्या नवरात्र की शुरुआत और पितृपक्ष के अंत का प्रतीक है। आश्विन माह की अमावस्या तिथि 01 अक्टूबर, 2024…
Read Moreजानिए सर्व पितृ अमावस्या के दिन क्या करें और क्या न करें?
अश्विन माह की अमवस्या इस साल 2 अक्टूबर, दिन बुधवार को पड़ रही है। इस तिथि के दिन उन सभी पितरों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी तिथि के बारे में पता न हो। इसके साथ ही, सर्व पितृ अमावस्या से जुड़े कुछ नियम भी शास्त्रों में बताया गया है। जिनका पालन करना काफी जरुरी है। शास्त्रों में सर्व पितृ अमावस्या से जुड़े कुछ नियम बताए गए हैं। जिनका पालन करना काफी आवश्यक माना जाता है। सर्व पितृ अमावस्या के दिन क्या करें और क्या नहीं -इस साल सर्व पितृ…
Read Moreआखिर नवरात्रि में क्यों बोई जाती हैं जौ? जानें इससे पीछे जुड़ी मान्यता
नवरात्रि से भारत में फेस्टिवल की झड़ी लग जाएगी। इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर 2024 से आरंभ हो रहा है और इसका समापन 11 अक्टूबर 2024 तक चलेगा। गौरतलब है कि साल में चार नवरात्र आते हैं। जिसमें चैत्र और शारदीय नवरात्र महत्वपूर्ण होते हैं। वहीं, माघ और आषाढ़ के नवरात्र में गुप्त माने जाते हैं। गुप्त नवरात्रि का व्रत योगी साधू रखते हैं। इस साल शारदीय नवरात्रि में 3 अक्टूबर 2024 से आरंभ हो रहा है और यह 11 अक्टूबर तक चलेगा। नौ दिनों में उपवास…
Read Moreकब है शरद पूर्णिमा? जानें खीर खाने का महत्व
सनानत धर्म में व्रत-त्योहार और तिथियों का विशेष महत्व होता है। शरद पूर्णिमा एक धार्मिक त्योहार है जो हिंदू चंद्र माह अश्विन की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार, नया व्यवसाय या कार्य शुरू करने के लिए पूर्णिमा का दिन शुभ होता है। ज्योतिष के अनुसार, शरद पूर्णिमा सभी पूर्णिमाओं में विशेष मानी जाती है। यह उस रात का जश्न मनाता है जब भगवान कृष्ण ने ब्रज की गोपियों के साथ नृत्य किया था। इसलिए इसे रास पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन, राधा-कृष्ण, शिव-पार्वती और…
Read Moreमंदिर में दर्शन करने के बाद कहीं आप भी तो नहीं बजाते घंटी,
हिंदू धर्म में पूजा-पाठ और अनुष्ठान आदि को लेकर तमाम सारी मान्यताएं हैं, इन मान्यताओं को लोग आज भी मानते हैं। इन्हीं रीति-रिवाजों में से एक नियम मंदिर की घंटी बजाना है। अक्सर हम सभी मंदिर में पूजा करने के दौरान घंटी बजाते हैं या मंदिर में प्रवेश करने के दौरान घंटी बजाते हैं। तो वहीं बहुत सारे लोग मंदिर से निकलने के दौरान भी घंटी बजाते हैं।लेकिन क्या आप जानते हैं कि मंदिर से निकलने के दौरान घंटी बजाना पूर्ण रूप से गलत माना गया है। ऐसे में आज…
Read More