हिंदू धर्म में आम के पत्ते और कपूर दोनों को ही बेहद शुभ माना जाता है। आम के पत्ते को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है और मां लक्ष्मी को धन, सौभाग्य व समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। वहीं कपूर को सकारात्मक ऊर्जा और शुद्धिकरण का प्रतीक माना जाता है। बता दें कि आम के पत्ते पर कपूर जलाकर देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की जाती है। वहीं आरती व दीपदान के समय भी आम के पत्ते पर कपूर को जलाया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक आम के पत्ते पर कपूर जलाने से…
Read MoreCategory: अध्यात्म
29 जून से शनि चलेंगे वक्री चाल, इन राशियों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
आगामी 29 जून 2024 को शनिदेव अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में वक्री होने जा रहे हैं। वह 15 नवंबर 2024 तक इस स्थिति में रहेंगे। वक्री यानी की शनि 29 जून से अपनी उल्टी चाल चलेंगे और करीब 5 महीनों तक ऐसे रहेंगे। इस दौरान शनि कई राशियों के लिए प्रतिकूल फलदायी रहने वाली है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जब कोई क्रूर ग्रह वक्री अवस्था में होता है, उसकी क्रूरता अधिक बढ़ जाती हैं। वहीं जिन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या चल रही है, उनके लिए शनि…
Read Moreइन तारीखों में जन्में लोग दिमाग से होते हैं स्मार्ट, भविष्य में नाम रोशन करते हैं
अंक ज्योतिष में हर एक मूलांक में कुछ न कुछ विशेष है। हर एक मूलांक का एक खास व्यक्तित्व होता है। हर तारीख का विशेष महत्व होता है। आज हम आपको इस लेख में बताएंगे कि कौन-से मूलांक वाले पढ़ाई-लिखाई में होशियार होते हैं और भविष्य में बड़ा नाम हासिल करते हैं। आइए जानते हैं। मूलांक 3 वाले लोग दिमाग से होते हैं तेज अंक ज्योतिष में मूलांक 3 वालों का व्यक्तित्व बेहद खास बताया गया है। किसी भी महीने की 3,12,21 और 30 तारीख को पैदा हुए लोगों का…
Read Moreनंदी के इस कान में बोलने से पूरी होगी हर इच्छा,
हमारे देश में भगवान शिव के तमाम मंदिर हैं। भगवान शिव के मंदिर में नंदी जरूर विराजमान होते हैं। बताया जाता है कि जहां पर नंदी नहीं होते हैं, वहां पर भगवान शिव का भी निवास नहीं होता है। ऐसे में जब भी हम भगवान शंकर के मंदिर में दर्शन के लिए जाते हैं, तो अपनी मनोकामना नंदी जी के कान में करते हैं। यह मान्यता सदियों से चली आ रही है। भगवान शिव-शंकर ने नंदी जी को यह वरदान दिया था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नंदी जी…
Read More23 जून से 21 जुलाई तक रहेगा आषाढ़ महीना
आषाढ़ महीना 23 जून से 21 जुलाई तक रहेगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, आषाढ़ माह में गुरु की उपासना सबसे फलदायी होती है। इस महीने में श्री हरि विष्णु की उपासना से भी संतान प्राप्ति का वरदान मिलता है। इस महीने में जल देव की उपासना का भी महत्व है। कहा जाता है कि जल देव की उपासना करने से धन की प्राप्ति होती है। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि ऊर्जा के स्तर को संयमित रखने के लिए आषाढ़ के महीने में…
Read Moreहथेली की लकीरें बताएंगी कब होगी आपकी शादी
हर व्यक्ति अपने भविष्य के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए उत्सुक रहता है। हर व्यक्ति जानना चाहता है कि आने वाले भविष्य में जीवन कैसा होगा, विवाह कब और किससे होगा। विवाह के बाद दांपत्य जीवन कैसा रहेगा आदि। यह सवाल अधिकतर लोगों के मन में होते हैं। तो बता दें कि इन सभी सवालों के जवाब हस्तरेखा शास्त्र से मिलते हैं। व्यक्ति की रेखाएं उनकी लव लाइफ के बारे में कई राज खोलती हैं। इन रेखाओं को पढ़कर ज्योतिष प्यार, शागी और रिश्तों की गहराई के बारे…
Read Moreभगवान विष्णु को समर्पित इस मंदिर का नाम कैसे पड़ा बद्रीनाथ
उत्तराखंड राज्य में स्थित बद्रीनाथ धाम चार धामों में से एक है। बद्रीनाथ धाम भगवान विष्णु को समर्पित है। बता दें कि यह मंदिर अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है। इस मंदिर को भारत के चार धामों में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां पर हर साल दर्शन के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। बद्रीनाथ धाम मंदिर काले पत्थरों से बना हैं और इस मंदिर में भगवान विष्णु की एक शालिग्राम मूर्ति स्थापित है। बताया जाता है कि आदि शंकराचार्य द्वारा 8वीं शताब्दी में इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था। इस मंदिर…
Read Moreसावन के महीने में हरिद्वार के इस मंदिर में विराजते हैं महादेव,
हमारे देश में भगवान शिव-शंकर के कई मंदिर हैं, जो अपनी मान्यताओं और रोचक इतिहास को लेकर काफी ज्यादा फेमस हैं। दूर-दूर से श्रद्धालु इन मंदिरों में भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए आते हैं। बता दें कि इसी तरह हरिद्वार में भगवान शिव को समर्पित दक्षेश्वर महादेव मंदिर है, जो श्रद्धालुओं की आस्था का बड़ा केंद्र है। हरिद्वार में भगवान शिव को समर्पित दक्षेश्वर महादेव मंदिर की कथा भगवान शिव और राजा दक्ष से जुड़ी है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको इस मंदिर के इतिहास के…
Read Moreअपने संकल्प के बारे में भगवान शंकर ने श्रीसती जी को कुछ नहीं कहा
भगवान शंकर के हृदय की पीड़ा को भला कौन समझ सकता था? जब से उन्होंने जाना, कि श्रीसती जी ने, जगत जननी जी का शरीर धारण किया है, तब से उनके होंठों पर मानों ताला ही पड़ गया था। वे अपने मुख से एक शब्द तक भी प्रवाहित नहीं कर रहे थे। इसका एक की कारण था, कि अब वे श्रीसती जी को पत्नी रुप में, किसी भी आधार पर स्वीकार नहीं कर सकते थे। क्योंकि जिस देह को, श्रीसती जी ने उनकी माता जानकी जी की देह में परिवर्तित…
Read Moreकब से प्रारंभ हो रहा है आषाढ़ मास? जानें इस मास में क्या करें और क्या न करें
हिंदू पंचांग के अनुसार चौथा महीना आषाढ़ का होता है। फिलहाल ज्येष्ठ मास चल रहा है, वहीं 22 जून दिन शनिवार से आषाढ़ मास प्रारंभ होने जा रहा है। इस मास का नाम पूर्वाषाढ़ और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के ऊपर रखा गया इसलिए इस महीने की पूर्णिमा को चंद्रमा इन्हीं दो नक्षत्र में रहते हैं। आषाढ़ माह में देवशयनी एकादशी, चातुर्मास प्रारंभ, गुप्त नवरात्रि, गुरु पूर्णिमा जैसे कई प्रमुख त्योहार आएंगे। यह माह ज्योतिषीय और आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस माह में भगवान विष्णु योग निद्रा…
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