बेहद शुभ माने जाते हैं चांदी के ये उपहार

ज्योतिष शास्त्र में चांदी की वस्तुओं का बेहद शुभ माना जाता है। क्योंकि चांदी एक विशेष धातु है और इसका संबंध ग्रहों और राशियों से होता है। बता दें कि चांदी शुक्र और चंद्रमा ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। इसके साथ ही चांदी को समृद्धि, सफलता, शांति, सकारात्मकता और सौंदर्य से भी जोड़कर देखा जाता है। इसको पहनने से व्यक्ति को ग्रह दोष से छुटकारा मिलने के साथ ही मानसिक शांति मिलती है। चांदी पहनने से व्यक्ति रोग मुक्त हो सकता है।वहीं कई लोगों को कई तरह की चांदी उपहार…

Read More

नौतपा के नौ दिन सूर्यदेव को इस तरह से दें अर्घ्य, बढ़ेगा मान-सम्मान

नौतपी के नौ दिनों नें बेहद गर्मी पड़ती है। नौतपा, जिसे ‘नौ तप’ या ‘नौ दिन भीषण गर्मी’ भी कहा जाता है, हिंदू कैलेंडर में एक विशेष अवधि है जो तीव्र गर्मी से जुड़ी है। यह ज्यादातर ज्येष्ठ मास यानी कि मई-जून में होती है और माना जाता है कि भारत में गर्मी का चरम भी होता है। ज्योतिष शास्त्र में नौतपा को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इन नौ दिनों में धार्मिक अनुष्ठान और दान करने से शुभ फल प्राप्त होता है। इस दौरान कई लोग व्रत भी रखते…

Read More

सपने में खुद को मिठाई खाते देखना शुभ या अशुभ

मीठा खाना लगभग हर किसी को पसंद होता है। तो वहीं कुछ लोग मिठाई खाने के इतने ज्यादा शौकीन होते हैं कि हर व्यंजन के साथ इसे शामिल करते हैं। कई बार हम सभी सपने में कुछ ऐसी ही चीजें देखते हैं, जिनका असल जीवन से जुड़ाव होता है। हर सपने का हमारे भविष्य से कुछ न कुछ संबंध होता है। ऐसा ही एक सपना मिठाई खाने का है।कई बार हम सपने में खुद को मिठाई खाते देखते हैं या मिठाई का दान करते देखते हैं। आपको बता दें कि…

Read More

जानें कब हैं मोहिनी एकादशी? इस दिन क्या करें और क्या न करें

हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन मोहिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस बार मोहिनी एकादशी तिथि 18 मई, 2024 सुबह 11 बजकर 23 मिनट पर शुरु होगी, वहीं इसका समापन अगले दिन 19 मई, 2024 दोपहर 01 बजकर 50 मिनट पर होगा। बता दें कि, सनातन धर्म में उदया तिथि का अधिक महत्व है। ऐसे में मोहिनी एकादशी का व्रत 19 मई, 2024 को किया जाएगा। पौराणिक ग्रंथ के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरुप की पूजा की…

Read More

कब है सीता नवमी? इस विधि से करें मां सीता और भगवान राम की पूजा

सीता जयंती वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल यह 16 मई, 2024 को मनाई जाएगी। ऐसा माना जाता है कि देवी सीता का जन्म मंगलवार के दिन पुष्य नक्षत्र में हुआ था। देवी सीता का विवाह भगवान राम से हुआ था, जिनका जन्म भी चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। हिंदू कैलेंडर के अनुसार सीता जयंती राम नवमी के एक महीने बाद आती है। माता सीता को जानकी के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि वह…

Read More

संध्या आरती को चारों दिशाओं में दिखाना क्यों होता है जरूरी,

हिंदू धर्म में पूजा-पाठ और आरती करने के लिए कई नियमों के बारे में बताया गया है। यदि इन नियमों का व्यक्ति सही तरीके से पालन करें, तो जातक के जीवन में सुख-समृद्धि और सौभाग्य का आगमन होता है। आरती के बिना कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है। कुछ लोग आरती करने के बाद दीपक पौधे के पास रखते हैं, जोकि वास्तु के हिसाब से शुभ माना जाता है।इसके साथ ही मंदिर में संध्याकाल की आरती के बाद इसकी लौ को चारों दिशाओं में दिखाया जाता है। लेकिन क्या…

Read More

इस दिशा में अजवाइन की पोटली रखना माना जाता है शुभ

हर घर में अजवाइन का विशेष रूप से इस्तेमाल किया जाता है। अजवाइन को स्वास्थ्य के लिहाज से भी काफी अच्छा माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक अजवाइन का संबंध शनि ग्रह से होता है। वहीं शनिदेव को न्याय, कर्म और अनुशासन का ग्रह माना जाता है। अजवाइन का इस्तेमाल सकारात्मक ऊर्जा के लिए भी किया जाता है। साथ ही अजवाइन का इस्तेमाल ग्रह शांति के लिए भी किया जाता है। यह राहु ग्रह को भी शांत करने में सहायक होता है। ऐसे में अजवाइन की पोटली को घर…

Read More

कथा के जरिये विदुर नीति को समझिये, भाग-12

आज-कल हम लोग विदुर नीति के माध्यम से महात्मा विदुर के अनमोल वचन पढ़ रहे हैं, तो आइए ! महात्मा विदुर जी की नीतियों को पढ़कर कुशल नेतृत्व और अपने जीवन के कुछ अन्य गुणो को निखारें और अपना मानव जीवन धन्य करें। प्रस्तुत प्रसंग में विदुर जी ने हमारे जीवनोपयोगी बिन्दुओं पर बड़ी बारीकी से अपनी राय व्यक्त की है। आइए ! देखते हैं – विदुर जी महाराज अपनी जीवनोपयोगी नीतियों से महाराज धृतराष्ट्र की मलिन बुद्धि को संस्कारित करना चाहते है, वे कहते हैं — पर्जन्यनाथाः पशवो राजानो…

Read More

आप भी कर आएं शनिदेव के इन पांच फेमस मंदिरों के दर्शन

भगवान शनिदेव ग्रहों में सबसे प्रभावशाली हैं। इसलिए भक्त शनिदेव की पूजा-अर्चना के दौरान विशेष सावधानी बरतते हैं। वहीं शनि की कुदृष्टि से बचने के लिए लोग शनिवार के दिन उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। मान्यता के मुताबिक जिस भी व्यक्ति पर भगवान शनिदेव की कृपा हो जाती है, वह व्यक्ति रंक से राजा बन जाता है। भारत में शनिदेव के कुछ ऐसे मंदिर हैं, जहां पर भगवान शनि की पूजा व दर्शन करने के लिए भक्तों की लंबी लाइन लगती है।इसके अलावा इन मंदिरों के बारे में कहा जाता है…

Read More

संत या गुरुजनों के विरुद्ध ही संदेह है तो ईश्वर के प्रति मन पावन हो ही नहीं सकता

आंखों में जब कोई नन्हां सा भी, रेत का कण पड़ जाये, तो सामने खड़ा विशालकाय पर्वत भी दृष्टिपात नहीं होता। ठीक इसी प्रकार से अगर हमारे नेत्रों में संदेह का कण अपने पैर जमा ले, तो ऐसे में हमारे समक्ष, साक्षात भगवान भी विराजमान क्यों न हों, वे भी हमें, भगवान न होकर, एक साधारण मनुष्य ही दिखाई देते हैं। श्रीराम जी के पावन दर्शन करके भगवान शंकर अतिअंत भावभिवोर हैं। निश्चित ही उन्हें ऐसी दिव्य अवस्था में देखकर, श्रीसती जी को गर्व होना चाहिए था, कि उनके पति…

Read More