दिवाली बाद शनिदेव होंगे मार्गी, इन 3 राशियों की होंगी बल्ले-बल्ले,

कर्मफलदाता शनिदेव सभी ग्रहों में से सबसे मंदी गति से चाल चलते है। शनि एक राशि में करीब ढाई साल तक रहते हैं इसके बाद दूसरी राशि में गोचर करते हैं। ज्योतिष के अनुसार, शनि राशि परिवर्तन करने के साथ-साथ मार्गी और वक्री भी होते हैं। जब शनि राशि परिवर्तन करते हैं तो इसका असर सभी राशियों पर पड़ता है। ज्योतिष के मुताबिक शनिदेव को कर्मफलदाता और न्याय के देवता हैं। शनिदेव अपनी स्वराशि कुंभ में विराजमान है और यह जून माह से वक्री अवस्था में हैं जो दिवाली के…

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मंदिर की दहलीज पर क्यों नहीं रखना चाहिए पैर, जानिए इसका ज्योतिषीय कारण

हमारे देश में बहुत सारे मंदिर हैं, मंदिर का हर एक हिस्सा बेहद पवित्र माना जाता है। हालांकि मंदिर में प्रवेश करने के कुछ विशेष नियम होते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मंदिर में प्रवेश करने के इन नियमों का पालन करने और भगवान की पूजा करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। मंदिर का एक अहम हिस्सा दहलीज होती है। दहलीज से अक्सर प्रवेश द्वार बनाया जाता है। विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं में यह प्रतीकात्मक महत्व रखती है।मंदिर की दहलीज भीतर और बाहरी दुनिया के बीच…

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महिलाओं के लिए बेहद खास होता है ऋषि पंचमी का व्रत

हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी का व्रत किया जाता है। यह व्रत बड़े उत्साह के साथ किया जाता है। इस दिन सप्तऋषि की पूजा की जाती है। इस बार 08 सितंबर को ऋषि पंचमी का व्रत किया जा रहा है। ऋषि पंचमी का व्रत करने से जातक को पाप से मुक्ति मिलती है। मान्यता के अनुसार, ऋषि पंचमी का व्रत करने से महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान भोजन को दूषित करने के पाप से मुक्ति मिलती है। बता दें कि महिलाओं…

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गुरुवार को इन उपायों को करने से चमक जाएगा भाग्य, वैवाहिक जीवन होगा खुशहाल

हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवता को समर्पित होता है। गुरुवार का दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और गुरु ग्रह को समर्पित होता है। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति की पूजा करने का विधान होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, गुरुवार के दिन श्रीहरि विष्णु की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा बरसती है। वहीं गुरु बृहस्पति की कृपा से जातक के सभी बिगड़े काम बनने लगते हैं। बृहस्पति देव की कृपा से जातक के विवाह में आने वाली बाधाएं भी दूर होती…

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घर पर बनाएं कोरियाई टैकोस और चटपटे किम्ची सलाद, खाकर आ जाएगा मजा

फ्यूजन व्यंजन लोगों को खुश कर रहे हैं और इस समर सीजन में कोरियाई प्रेरित टैकोस सबका ध्यान अपनी ओर खींच रहे हैं। अगर आपको मसालेदार गोचुजांग चिकन या कुरकुरे टोफू से भरे नरम, गर्म टॉर्टिला को क्रंच स्लाव और तीखे किमची के साथ परोसा जाए तो आपको काफी मजा आएगा। ये टैकोस बनावट और स्वाद का एक बेहतरीन मिश्रण पेश करते हैं, जो उन्हें फ़ूड ट्रक और बैकयार्ड बारबेक्यू में तुरंत हिट बना देता है। आइए जल्दी से देखें कि इस मौसम में इन स्वादिष्ट बाइट को कैसे बनाया…

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परिवर्तिनी एकादशी कब है? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और इसका महत्व

सनातन धर्म में एकादशी को बेहद महत्व माना जाता है। भाद्रपद माह में पड़ने वाली एकादशी तिथि का बेहद खास मानी जाती है। परिवर्तिनी एकादशी को ‘आवर्तिनी एकादशी’ और ‘धर्मा एकादशी’ के नाम से भी जाना जाता है। एकादशी तिथि को विशेष रुप से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन उपवास रखने से मनुष्य के पाप समाप्त हो जाते हैं और उसे पुण्य की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं कब है परिवर्तिनी एकादशी। परिवर्तिनी एकादशी कब है? पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की…

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प्यार में पड़ी महिलाएं अपने प्रेमियों के लिए क्या-क्या करती हैं?

कैसे पता करें कि कोई महिला आपसे प्यार करती है या नहीं? वैसे तो यह कोई मुश्किल सवाल नहीं है, लेकिन इस सवाल का जवाब हर किसी की समझ से परे है। ये कविता इंस्टाग्राम पर पढ़ी थी और सच कहूं तो यह ‘प्यार में पड़ी महिला’ की सटीक परिभाषा है। क्या हुआ अगर तुम तकलीफ में हो, तुम्हारी तकलीफ दूर करने के लिए, मैं हूं ना क्या हुआ अगर तुम निराश हो, तुम्हें नई उम्मीद देने के लिए, मैं हूं ना क्या हुआ अगर तुम्हारे साथ कोई नहीं है,…

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2 सितंबर को शिव और सिद्ध योग में मनाई जायेगी सोमवती अमावस्या

सोमवार 2 सितंबर को  भाद्रपद मास की अमावस्या है। सोमवार को अमावस्या होने से इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि सोमवती अमावस्या की तिथि पर पितरों का तर्पण करना बहुत शुभ होता है। इस दिन पितरों को तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि पंचांग के अनुसार भाद्रपद अमावस्या तिथि 2 सितंबर 2024 को सुबह 05:21 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 3 सितंबर को सुबह 07:24…

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अगर श्राद्ध से पहले दिखने लगे ये संकेत, तो हो जाएं सतर्क

हिंदू धर्म में पितृपक्ष को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। भाद्रपद का माह चल रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से अमावस्या तक के समय को पितृपक्ष कहा जाता है। पितृपक्ष के दौरान पितरों को स्मरण किया जाता, उनकी विधिवत पूजा-अर्चना करना और तर्पण करने की मान्यता है। धार्मिक मान्याता के अनुसार, पितृपक्ष के दौरान सभी शुभ कार्य बंद किए जाते हैं। इस दौरान पितरों को तृप्त और उनकी आत्मा को शांति के लिए पिंडदान और श्राद्ध किया जाता है। अगर किसी जातक की कुंडली…

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बहुत ज़्यादा, बहुत जल्दी…. ओवरशेयरिंग के नुकसान कई, कैसे निपटें?

कुछ लोग बहुत बातूनी होते हैं और अक्सर बातों-बातों में अपनी बहुत ही ज्यादा निजी जानकारी लोगों को बता देते हैं। आमतौर पर लोग ऐसी जानकारियां ये सोचकर साझा करते हैं कि ऐसा करने से उन्हें बेहतर महसूस होगा या दूसरों से जुड़ने में मदद मिलेगी। जिन लोगों पर आप भरोसा करते हैं उनसे अपने दिल की बात साझा करने से आपका मन शांत हो जाता है और आप हल्का महसूस होने लगता है, आपको ऐसा लगता है जैसे कोई भारी बोझ आपके दिल से उतर गया है। लेकिन फिर…

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