जानें कब है सोमवती अमावस्या, इस दिन पूजा कर दान का है विशेष महत्व

हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार सबसे अहम अमावस्या मौनी अमावस्या मानी जाती है, जो इस वर्ष नौ फरवरी शुक्रवार को मनाई जाएगी। मौनी अमावस्या के बाद सोमवती अमावस्या मनाई जाएगी जो बेहद महत्वपूर्ण होगी। सोमवती अमावस्या पर पूजा करने और दान करने का खास महत्व होता है। सोमवती अमावस्या के दिन देश की पवित्र नदियों में दान करने का भी विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन व्यक्ति को क्षमता के अनुरूप ही दान पुण्य करना चाहिए। सोमवती अमावस्या के दिन व्रत रखने का खास महत्व बताया गया है। इस…

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साल 2024 में शादी के सबसे ज्यादा फरवरी में 20 दिन मुहूर्त

सूर्य मकर राशि में आ चुके हैं। इसके साथ ही शादियों का सीजन फिर शुरू हो गया है। यह जनवरी से अप्रैल तक रहेगा। इसके बाद जुलाई में शादियों के मुहूर्त रहेंगे। शुक्र ग्रह अस्त हो जाने से मई और जून में शादियां नहीं हो पाएंगी। जुलाई से नवंबर के पहले हफ्ते तक देवशयन होने से मुहूर्त नहीं होंगे। फिर 12 नवंबर से 14 दिसंबर तक शादियों का सीजन रहेगा। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि 24 वर्ष बाद मई और…

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समाज को उच्च आदर्शों के लिए प्रेरित करते हैं श्रीराम

श्रीराम के नाम के साथ मर्यादा पुरुषोत्तम जुड़ा है, क्योंकि वह हमेशा मर्यादा का पालन करते रहे। वह एक श्रेष्ठ राजा, आदर्श बेटे, उच्च कोटि के शिष्य, आदर्श भाई और पति थे, जिन्हें युगांतर तक उनके इसी रूप में याद किया जाएगा। पूरा जीवन श्रीराम सत्य, धर्म, दया और मर्यादा के पथ पर चले। इसी कारण उनके राज को ‘राम राज्य’ कहा गया। हर कोई उम्मीद करता है कि ‘बेटा हो तो राम जैसा’, ‘राजा हो तो राम जैसा’, ‘चरित्र हो तो राम जैसा’।जन कल्याण की दृष्टि से रामराज्य एक…

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1528 से 2024 तक, जानिए राम मंदिर निर्माण का पूरा सफरनामा

भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस अवसर को खास बनाने के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। आपको बता दें कि भारत समेत दुनियाभर में फैले हिंदुओं के लिए अयोध्या में बना राम मंदिर आस्था का बड़ा केंद्र बनकर उभरेगा। वहीं 22 जनवरी 2024 का दिन राम भक्तों के लिए किसी पर्व से कम नहीं होने वाला है।वर्तमान समय में अयोध्या में जो भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो रहा है, इसके पीछे…

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धनु राशि के जातक भाग्य का साथ पाने के लिए करें सूर्यदेव की पूजा

टैरो कार्ड की मदद से भी व्यक्ति अपने भविष्य के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। वहीं टैरो कार्ड के मुताबिक धनु राशि के जातक वकालत, इंजीनियर, संपादन और शिक्षा पेशे के लिए सिद्ध माने जाते हैं। इसके अलावा धनु राशि के जातक प्रकाशन के क्षेत्र में भी सफलता प्राप्त करते हैं। इसके अलावा इस राशि के जातक अच्छे वक्ता होने के साथ ही अच्छे अभिनेता भी बन सकते हैं। यह लोग सेना में काम करने के लिए भी सक्षम माने जाते हैं। लेकिन धनु राशि के जातकों को…

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घर के इन हिस्सों में भूलकर भी नहीं करना चाहिए हरे रंग का इस्तेमाल,

हरा रंग ऐसा होता है, जिसका लगभग हर घर में इस्तेमाल होता है। क्योंकि हरा रंग कूलिंग एनर्जी पैदा करता है। जिससे आपके मन को शांति का एहसास होता है। बता दें कि हरा रंग अपना एक अलग महत्व रखता है। ऐसे में जब लोग घर में समृद्धि या हरियाली को शामिल करना चाहते हैं, तो वह अपने घर में हरे रंग को जगह देते हैं। हांलाकि इस बात में कोई दोराय नहीं है कि घर में हरे रंग का इस्तेमाल करना बेहद अच्छा माना जाता है।से में अगर आप…

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राम शब्द सत्य, शौर्य, दया, तप और त्याग का वाचक है

विश्व महानायक राम का नाम युगो-युगो से जन के मन पर छाया हुआ है। राम का नाम चिरंजीवी रहेगा तथा अपनी गरिमा के समस्त वैभवों से विश्व मानस को संत अर्पण प्रदान करता रहेगा। सचमुच राम का नाम कल्पवृक्ष है। वाल्मीकि ने राम पर काव्य रचना की और आदिकवि की संज्ञा प्राप्त कर अमर हो गए। आचार्य रविषेण, आचार्य गुणभद्र, आचार्य विमलसूरि तथा स्वयंभू और पम्प ने एक से एक उत्तम भाव प्रवण पुराण एवं काव्य साहित्य में रामचरित लिखे हैं। संस्कृत के स्वतंत्र महाकवियों तथा मैथिलीशरण गुप्त ने राम…

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गुरुओं के संबंध में सुन कर ही अपने संतों का मूल्य समझ आता है

खल वंदना के पश्चात गोस्वामी तुलसीदास जी संत व असंत की वंदना करते हैं। संत एवं असंत के मध्य तुलना करके, वे वास्तव में संतों की ही महिमा गान कर रहे हैं। जैसे हमारे पास अगर केवल स्वर्ण आभूषण ही पड़े हों, तो हो सकता है, कि हम उनकी और अधिक ध्यान न दें। लेकिन अगर कोई हमसे कहे, कि भाई हम तो बड़े अभागे हैं, हमारे पास तो केवल पीतल ही पीतल है। इसके आभूषण इतने भारी हैं, कि इसके झुमके कोनों में डालें, तो कान ही लटक जाते…

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घर के इन कोनों में सबसे ज्यादा होती है नकारात्मक ऊर्जा

सनातन धर्म में घर को मंदिर कहा जाता है। मंदिर में हर व्यक्ति को शांति और सुकून का एहसास होता है। लेकिन कई बार हमें हमारे घर में वह सुकून और शांति नहीं मिल पाती है। जिसकी हम सभी कल्पना करते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि घर में बिना वजह लड़ाई-झगड़ा, क्लेश, दुर्घटना या अन्य किसी समस्या के आने की क्या वजह हो सकती है। ऐसा नकारात्मक ऊर्जा के कारण होता है। भले ही नकारात्मक ऊर्जा हमें नहीं दिखती है। लेकिन यह महसूस होती है और इसी नकारात्मक…

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समुद्र मंथन के बाद का दृश्य क्या था? किसने अमृत और किसने विष पिया?

एक दिन ऐरावत पर भ्रमण करते हुए देवराज इन्द्र से मार्ग में महर्षि दुर्वासा मिले। उन्होंने इन्द्र पर प्रसन्न होकर उन्हें अपने गले की पुष्प माला प्रसाद रूप में प्रदान की। इन्द्र ने उस माला को ऐरावत के मस्तक पर डाल दिया और ऐरावत ने उसे अपनी सूंड से नीचे डालकर पैरों से रौंद दिया। अपने प्रसाद का अपमान देखकर महर्षि दुर्वासा ने इन्द्र को श्रीभ्रष्ट होने का शाप दे दिया। महर्षि के शाप से श्रीहीन इन्द्र दैत्यराज बलि से युद्ध में परास्त हो गये। दैत्यराज बलि का तीनों लोकों…

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