भगवान शिव को बेहद प्रिय है धतूरे का फूल, जानिए इस फूल का ज्योतिष महत्व

हिंदू धर्म मे हर देवी-देवताओं को अलग-अलग चीजें प्रिय हैं। कुछ ऐसे फूल भी हैं, जो देवी-देवताओं को अत्यंत प्रिय हैं। इस बात का जिक्र पुराणों में भी मिलता है। ज्योतिष आधार पर भी अलग-अलग फूलों का अलग-अलग महत्व बताया गया है। इनमें से एक धतूरे का फूल है। यह फूल भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है। मान्यता के अनुसार, यदि धतूरे के फूल को आप शिव पूजा में शामिल नहीं करते हैं तो महादेव आपकी पूजा को स्वीकार नहीं करते हैं। बता दें कि धतूरे के फूल की सबसे…

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घर में तांबे का त्रिकोण रखने से बरसती है मां लक्ष्मी की कृपा, दूर होगी नकारात्मकता

सनातन धर्म में तांबे को काफी पवित्र माना जाता है। तांबे से बनी वस्तुओं को घर में रखना शुभ माना जाता है। वहीं पूजा-अर्चना में भी तांबे का इस्तेमाल करना फलदायी माना जाता है। बता दें कि ज्योतिष में भी तांबे की धातु के लाभ के बारे में बताया गया है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको घर में तांबे का त्रिकोण रखने के फायदे के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं इन लाभ के बारे में… घर में ऐसे रखें तांबे का त्रिकोण  सबसे पहले…

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भगवान सूर्य की उपासना विधि और उन्हें प्रसन्न करने के उपाय

संपूर्ण जगत को अपने उजाले से रौशन करने वाले और प्रतिदिन नई ऊर्जा प्रदान करने वाले भगवान सूर्यदेव की दो भुजाएं हैं, वे कमल के आसन पर विराजमान रहते हैं, उनके दोनों हाथों में कमल सुशोभित हैं। उनके सिर पर सुंदर स्वर्ण मुकुट तथा गले में रत्नों की माला है। उनकी कान्ति कमल के भीतरी भाग जैसी है और वे सात घोड़ों के रथ पर आरुढ़ रहते हैं। सूर्य देवता का एक नाम सविता भी है, जिसका अर्थ है− सृष्टि करने वाला। ऋग्वेद के अनुसार, आदित्य मण्डल के अन्तः स्थित…

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आषाढ़ विनायक चतुर्थी व्रत से होते हैं सभी संकट दूर

विनायक चतुर्थी गजानन के विनायक रूप की उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि, आर्थिक संपन्नता के साथ-साथ ज्ञान एवं बुद्धि प्राप्ति होती है, तो आइए हम आपको आषाढ़ विनायक चतुर्थी की व्रत-विधि तथा कथा के बारे में बताते हैं। जानें आषाढ़ विनायक चतुर्थी के बारे में  आषाढ़ विनायक चतुर्थी व्रत की विशेषता यह है कि यह व्रत हर महीने में दो बार आता है। महीने में दो चतुर्थी आती हैं ऐसे में दोनों तिथियां ही विघ्नहर्ता भगवान गणेश को समर्पित मानी जाती हैं। आषाढ़ विनायक चतुर्थी का महत्व   पंडितों के…

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वीर अंगद ने रावण को उसके कितने स्वरूपों के बारे में जानकारी दी थी?

रावण अपनी सभा में, वीर अंगद को ऐसे-ऐसे साधनों से परास्त करना चाहता है, कि उससे वीर अंगद परास्त तो नहीं होते, अपितु रावण अपने अपमान हेतु स्वयं ही मार्ग अवश्य खोज ले रहा है। वह वीर अंगद को बार-बार कोई न कोई ऐसी बात कह ही देता है, कि वीर अंगद फिर से उस पर हावी हो जाते हैं। रावण को भला यह कहने की क्या आवश्यक्ता थी, कि वीर अंगद अपने पिता को ही खा गए। फिर क्या था, रावण को मुँह की खानी पड़ी न? वीर अंगद…

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जानिये भगवान श्रीगणेश के संपूर्ण परिवार का विवरण और गजानन से जुड़ी पौराणिक कथाएं व मान्यताएं

भक्तों के हर संकट को दूर कर उनमें आत्मबल भर देने वाले भगवान श्रीगणेश का स्वरूप अत्यन्त ही मनोहर एवं मंगलदायक है। वह एकदन्त और चतुर्बाहु हैं। अपने चारों हाथों में वे क्रमशः पाश, अंकुश, मोदकपात्र तथा वरमुद्रा धारण करते हैं। वे रक्तवर्ण, लम्बोदर, शूर्पकर्ण तथा पीतवस्त्रधारी हैं। वे रक्त चंदन धारण करते हैं तथा उन्हें रक्तवर्ण के पुष्प विशेष प्रिय हैं। वे अपने उपासकों पर शीघ्र प्रसन्न होकर उनकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। एक रूप में भगवान श्रीगणेश उमा−महेश्वर के पुत्र हैं। वे अग्रपूज्य, गणों के ईश, स्वस्तिकरूप…

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अछरू माता के चमत्कारिक कुंड में है हर समस्या का समाधान, मां भक्तों से करती हैं संवाद

मध्य प्रदेश के निवाड़ी में एक ऐसा चमत्कारिक मंदिर है। जिसके बारे में लोगों का कहना है कि मंदिर में मां कुंड से श्रद्धालुओं को उनकी मन्नत पूरी होने का आशीर्वाद देती है। बता दें कि यह मंदिर निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर तहसील के मडिया ग्राम पंचायत में है। इस मंदिर को अछरू माता का मंदिर कहा जाता है। कहते हैं कि मंदिर के कुंड पर आने वाले भक्तों से माता रानी खुद संवाद करती हैं। वह अफने भक्तों की फरियाद सुन उनके प्रश्नों के उत्तर भी देती हैं। मां…

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आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में नौ दिन करते हैं 10 महाविद्याओं की पूजा,

हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से गुप्त नवरात्रि की शुरूआत होती है। इस साल आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि का आरंभ आज यानी 19 जून से हो रहा है। वहीं इसकी समाप्ति 28 जून को होगी। इस साल गुप्त नवरात्रि के मौके पर कई शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है। बता दें कि वृद्धि योग का ज्योतिष शास्त्र में काफी महत्व बताया गया है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक वृद्धि योग में धार्मिक कार्यों करने से शुभ फल…

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क्या है भगवान जगन्नाथ के रथ की विशेषता?

 हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है। बता दें कि भगवान जगन्नाथ की नगरी पुरी में इस यात्रा का शुभारंभ हो चुका है, जिसका हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। बता दें कि रथ यात्रा के विशेष दिन पर तीनों भाई-बहन तीन सुंदर रथों पर विराजमान होकर अपनी मौसी के घर यानी गुंडिचा मंदिर जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रथ यात्रा में विशालकाय रथों का एक अपना महत्व है।…

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र्ष 2023 में कब मनाया जाएगा रक्षा बंधन? जानिए तिथि

प्रत्येक वर्ष श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन रक्षाबंधन का पर्व देशभर में मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र बांधते हैं और भाई अपनी बहन की सदैव रक्षा का वचन लेते हैं। इस वर्ष रक्षाबंधन का इंतजार अधिक बढ़ सकता है, क्योंकि इस बार अधिक मास के कारण श्रावण मास 59 दिनों का होगा। आइए जानते हैं, कब मनाया जाएगा रक्षाबंधन पर्व? कब मनाया जाएगा रक्षाबंधन 2023 पर्व? हिन्दू पंचांग के…

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