हिंदू कैलेंडर के अनुसार, साल का आखिरी यानी 12 माह फाल्गुन माह होता है। इसलिए हिंदू धर्म में फाल्गुन मास का विशेष महत्व है। इस माह को माघ मास की तरह की शुभ माना जाता है। इसलिए इस माह में स्नान और दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।फाल्गुन मास में भगवान शंकर के अलावा माता सीता, श्री कृष्ण, मां लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा करने का विधान है। पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास का आरंभ 6 फरवरी 2023, सोमवार से हो रही है और समाप्ति 7…
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शुभ योगों के साथ जया एकादशी आज
: जया एकादशी का व्रत आज रखा जा रहा है। आज के दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने का विधान है। माना जाता हैं कि आज के दिन विधिवत पूजा और व्रत रखने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस बार जया एकादशी पर काफी खास योग बन रहे हैं। आज के दिन व्रत रखने के साथ-साथ एकादशी कथा का पाठ अवश्य करना चाहिए। पद्म पुराण के अनुसार, भगवान कृष्ण ने खुद धर्मराज युधिष्ठिर को जया एकादशी की महिमा के बारे में…
Read Moreमहानंदा नवमी पर दान से होती है शुभ फलों की प्राप्ति
हिंदू धर्म में महानंदा नवमी के व्रत को काफी शुभ माना जाता है। यह व्रत माघ महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रखा जाता है। पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महानंदा नवमी का व्रत रखा जाता है। गुप्त नवरात्रि के नवमी तिथि को पड़ने के कारण इस दिन का महत्व और भी अधिक बढ़ गया है। इस दिन मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने का विधान है। पंडितों का मानना है कि इस दिन के स्नान, दान करने से शुभ फलों…
Read Moreशुक की बात सुनकर रावण का मन आखिर क्यों डोल गया था?
शुक अपने जीवन की सबसे कठिनतम घड़ी से लाँघ रहा था। कारण कि रावण उसके मुख से पूछना चाह रहा था कि श्रीराम जी का बल व आगामी योजनायें क्या-क्या हैं। ऐसे में शुक को यह निर्णय करना था कि वह रावण को श्रीराम जी की वास्तविक स्थिति से अवगत करवाये, अथवा रावण के झूठे बल व छल की, मिथ्या व निराधार महिमा गाकर अपने प्राणों की रक्षा करे। लेकिन कहते हैं न, कि जिनके मुख को मिशर की डलियों का स्वाद लग जाये, वे नमक की डलियों पर लार…
Read Moreकई युगों पहले हो गई थी जोशीमठ, केदारनाथ और बद्रीनाथ के लुप्त होने की भविष्यवाणी
हाल ही में जोशीमठ भूस्खलन के मामले बढ़ रहे हैं। जिस कारण से लोगों की चिंताएं और बढ़ रही है, साथ ही कई लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाने का कार्य प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि केदारनाथ और बद्रीनाथ मंदिर में मौजूद कई धार्मिक ग्रंथों में कुछ ऐसी घटनाएं होने की भविष्यवाणी युगों पहले ही किए जा चुके हैं। इन धार्मिक पुस्तकों में बताया गया है भविष्य में इस स्थान पर भूकंप, सूखा, प्रलय इत्यादि आएंगे। साथ ही यह भी बताया है कि…
Read Moreभूलकर भी सप्ताह के इन दो दिन न जलाएं अगरबत्ती, वरना हो जाएंगे कंगाल
हिंदू धर्म में देवी-देवता की पूजा करते समय सिंदूर, फूल, माला, नैवेद्य, फल, अक्षत, चंदन से लेकर अगरबत्ती, धूप बत्ती जलाते हैं। हर एक चीज का अपना अलग-अलग महत्व है। कुछ पूजा सामग्री देवी-देवता से समर्पित होते हैं। लेकिन एक चीज है जो सभी देवी-देवता के समक्ष इस्तेमाल की जाती है। वह है अगरबत्ती। आमतौर पर अगरबत्ती का इस्तेमाल अधिकतर घरों में किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगरबत्ती को सप्ताह के हर एक दिन नहीं जलाना चाहिए। जानिए वास्तु शास्त्र के अनुसार, अगरबत्ती किस दिन नहीं…
Read Moreजानिए यज्ञ और हवन में क्या है बड़ा अंतर?
सामान्य रूप से सनातन धर्म को मानने वाले यज्ञ और हवन दोनों में ही आस्था रखते हैं। कई बार हवन और यज्ञ दोनों में ही आहुति के चलते लोग मान लेते हैं, कि इनका एक ही अर्थ है। हालांकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। पंडित देवनारायण बता रहे हैं कि दोनों ही कार्यों का क्या महत्व है, और उन में क्या अंतर है। यज्ञ का अर्थ और करने की विधि यज्ञ एक वैदिक प्रक्रिया है। जिसका वैदिक ब्राह्मण ग्रंथों में जिक्र मिलता है। व्यापक रूप से इसमें हवन भी होते हैं,…
Read Moreअचला सप्तमी व्रत से होती हैं मनोकामनाएं पूर्ण
आज अचला सप्तमी व्रत है, हिन्दू धर्म में इस सप्तमी का खास महत्व है तो आइए हम आपको अचला सप्तमी व्रत के महत्व एवं पूजा विधि के बारे में बताते हैं। जानें अचला सप्तमी के बारे में माघ माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को अचला सप्तमी मनायी जाती है। इसको पूरे साल की सप्तमियों में अच्छा माना जाता है। इस साल यह अचला सप्तमी 28 जनवरी शनिवार को पड़ रही है। अचला सप्तमी अगर रविवार को हो तो उसे “भानु सप्तमी” कहते हैं। अचला सप्तमी के दिन सुबह सूर्योदय…
Read Moreदेवराज इन्द्र के प्रकोप से ब्रजवासियों को भगवान श्रीकृष्ण ने कैसे बचाया था?
भागवत-कथा स्वर्ग के अमृत से भी अधिक श्रेयस्कर है। आइए ! इस कथामृत सरोवर में अवगाहन करें और जन्म-मृत्यु के चक्कर से मुक्ति पाकर अपने इस मानव जीवन को सफल बनाएँ। मित्रों! पूर्व प्रसंग में हम सबने गोवर्धन लीला का श्रवण किया। भगवान ने किसी भी देवता का अभिमान नहीं रहने दिया। भगवान ने देवराज इन्द्र की पूजा का विरोध करते हुए उस पर प्रतिबंध लगा दिया और गोवर्धन की पूजा करवाई। स्वयं पुजारी और स्वयम पूज्य बन गए। व्रजवासी भगवान के अद्भुत रूप को देखकर बड़े प्रसन्न और…
Read Moreवृंदावन के आचार्य श्री प्रियांशू जी महाराज की भागवद् कथा शुरू
प्रयागराज। माघ मेला के महावीर मार्ग- संगम लोवर मार्ग के चौराहे पर महामंडलेश्वर स्वामी राघव दास महाराज बड़े भक्तमाल वृंदावन का शिविर लगा हुआ है। शिविर में वृंदावन के आचार्य श्री प्रियांशू जी महाराज की श्रीमद् भागवद् कथा आज से शुरू हो गई है। कथा के पहले दिन भव्य शोभायात्रा शिविर से निकलकर संगम तक गई। इस दौरान बड़ी संख्या में संत, महात्मा और कल्पवासी शामिल हुए। आचार्य श्री प्रियांशू जी महाराज ने कथा के पहले दिन तीर्थराज प्रयाग में श्रीमद्भागवद् कथा सुनते हुए उससे मिलने वाले पुण्य, भक्ति मार्ग…
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