साल 2025 में राहु-केतु बदल रहे अपनी चाल, ये 3 राशियां होगी मालामाल

दिसंबर महीने के खत्म होने में कुछ ही दिन रह गए हैं। इसके बाद नया साल का स्वागत हम सभी एक साथ करेंगे। साल 2025 में ग्रहों के गोचर के लिए बेहद खास है। अगले साल 2025 की शुरुआक से लेकर 18 मनई 2025 तक राहु का परिवर्तन होगा। 18 मई 2025 को राहु एवं केतु का राशि परिवर्तन होगा। ज्योतिष के अनुसार, 18 मई 2025 को राहु मीन राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे और केतु कन्या से सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। बता दें कि, यहां पर…

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आखिर सोना कब और किसे पहनना चाहिए? जाने गोल्ड कैसे धारण करें

ज्योतिष शास्त्र में सोने को धारण करने के लिए कुछ नियम बताए गए हैं। सोना सुनहरे रंग का धातु है। रत्न शास्त्र में बताया गया है कि, सोना धारण करने से गुरु ग्रह को मजबूत किया जा सकता है। जातकों को कुंडली में ग्रहों की स्थिति और राशि के अनुसार रत्न को धारण करना चाहिए। ज्योतिष में सोने को पहनने के लिए कुछ नियम बताए गए हैं, जिन्हें पालन करना काफी जरुरी है। सोने का सही विधि और सही तरीके से धारण करने से लाभ प्राप्त होता है। सोने के…

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2025 में शनि मीन राशि प्रवेश करेंगे, सूर्य ग्रहण से क्या संबंध है

न्याय के देवता शनिदेव अगले साल 29 मार्च 2025 में राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। शनि देव स्वयं की राशि कुंभ से निकालकर मीन राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। कर्मफलदाता शनि देव जिस दिन राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं वो दिन बेहद ही खास है। इस दिन दान-पुण्य करना काफी शुभ है। इसके साथ ही 29 मार्च 2025 को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। लेकिन, यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए भारत में ग्रहण का सूतक मान्य नहीं होगा। शनि का…

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साल 2025 में लगने जा रहे हैं 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण

सनातन धर्म में ग्रहण काफी महत्व है। विज्ञान में ग्रहणों को सिर्फ खगोलीय घटना पर उत्साह से देखा जाता है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्मा माना गया है और चंद्रमा को मन और भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है। धार्मिक मान्यता है कि सूर्य और चंद्र ग्रहण स्वास्थ पर गहरा प्रभाव डाल सकता है और ग्रहण के साथ कई पौराणिक कहानियां जुड़ी हुई हैं। अगले साल 2025 में दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण लगेंगे। 2025 का पहला सूर्य ग्रहण पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को होगा और बरमूडा,…

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सपने में नया घर बनते देखना नए अवसरों की ओर देता है संकेत

हमारे जीवन में सपनों का गहरा महत्व होता है। कई बार यह सपने हमारी इच्छाओं, भावनाओं और भय को भी दिखाते हैं। तो वहीं कई बार हमें कुछ ऐसे सपने भी दिखते हैं, जिससे हमारे जीवन में गहरा असर हो सकता है। कई बार हम वर्तमान की किसी घटना से जुड़े सपने देखते हैं। वहीं कुछ सपने भविष्य का संकेत भी देते हैं। ऐसा ही एक सपना नया घर बनते देखना है। बता दें कि अगर आपने भी सपने में नया घर बनते देखा है, तो यह सिर्फ आपकी भावनाओं…

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धन लाभ के लिए जरूर करें दीपक के ये 5 उपाय, घर में बनी रहेगी मां लक्ष्मी की कृपा

भारतीय संस्कृति में दीपक को शुभता, समृद्धि और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। दीपक जलाना न सिर्फ धार्मिक अनुष्ठानों का हिस्सा माना जाता है। बल्कि यह हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा को भी आमंत्रित करने का उपाय होता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक दीपक का सही उपयोग करने से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है और घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। पूजा के साथ ही कई अवसरों पर भी दीपक जलाते हैं। वास्तु शास्त्र की मानें, तो घर के कुछ विशेष स्थानों पर दीपक जलाने से सदैव…

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लक्ष्मी नारायण योग क्या है महत्व? किन राशियों के लिए लाभदायक होता है

ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों-नक्षत्रों के योग बेहद खास माना जाता है।  इन योगों से व्यक्ति के जीवन में काफी परिवर्तन देखने को मिलते हैं। इन्ही में से एक है लक्ष्मी नारायण योग। ज्योतिष शास्त्र के मुताबकि, जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में शुक्र और बुध ग्रह की युति होती है, उस दौरान लक्ष्मी नारायण का योब बनता है। जातक की कुंडली में शुक्र और बुध ग्रह का साथ आना बहुत फलदायी और शुभ होता है। इन 5 राशियों को मिलता है लाभ गोचर काल में कभी भी लक्ष्मी नारायण…

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शनि की चाल ने लोगों को खूब सताया, ग्रहों के गोचर ने फायदा भी पहुंचाया

2024 ज्योतिष के हिसाब से कई मायनों में खास रहा। इस साल शनि की वक्री चाल ने लोगों को काफी परेशान किया। शनि ने 139 दिन तक उल्टी चाल चली और इस दौरान कुछ गिनी चुनी राशियों को छोड़कर बाकी अन्य राशि के जातकों को हर काम को सफल बनाने के लिए कड़ी महनत करनी पड़ी। हालांकि, बाद में शनि मार्गी हो गए थे और लोगों के बिगड़ते काम बनने लगे थे। इसके अलावा सूर्य, बुध, मंगल और शुक्र ग्रह ने राशि परिवर्तन किया। इन बड़े ग्रहों के राशि परिवर्तन…

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क्या आप जानते हैं महाकुंभ से कितना अलग है अर्धकुंभ, पूर्णकुंभ और सिंहस्थ कुंभ

सनातन धर्म में महाकुंभ का मेला आस्था और संस्कृति का प्रतीक माना जाता है। हर 12 सालों में चार पवित्र स्थानों पर महाकुंभ मेले का आयोजन किया जाता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक हर साल पौष माह की पूर्णिमा तिथि को महाकुंभ मेले का आयोजन किया जाता है। इसदिन से शाही स्नान की भी शुरूआत होती है। बता दें कि इस बार साल 2025 में महाकुंभ मेला लगने जा रहा है। जिसको लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं महाकुंभ मेला अर्धकुंभ, पूर्णकुंभ और सिंहस्थ कुंभ से…

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चाणक्य और चाणक्य नीति पर डालते हैं एक नजर, भाग-9

चाणक्य कहते हैं—- भस्मना शुध्यते कांस्यं ताम्रमम्लेन शुध्यति । रजसा शुध्यते नारि नदी वेगेन शुध्यति ।। अर्थ- राख से पीतल चमकता है, ताम्बा इमली से साफ़ होता है. औरतें प्रदर से शुद्ध होती हैं और नदी बहती रहे तो साफ़ रहती है। Meaning- Brass is polished by ashes; copper is cleaned by tamarind; a woman, by her menses; and a river by its flow. नैव पश्यति जन्माधः कामान्धो नैव पश्यति । मदोन्मत्ता न पश्यन्ति अर्थी दोषं न पश्यति ।। जन्म से अंधा व्यक्ति देख नहीं सकता, वासना के अधीन रहने…

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