सनातन धर्म में त्योहारों को विशेष महत्व है। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन अनंत चतुर्दशी मनाई जाती है। इस साल अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर, दिन मंगलावर की है। अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत रुपों की विधिवत पूजा करने का विधान है। इसके साथ ही इस लेख में हम आपको कुछ सरल ज्योतिष उपाय करने से अनंत लाभों की प्राप्ति हो सकती है। आइए जानते हैं अनंत चतुरदर्शी के दिन किन उपायों के करने से घर में सुख-समृद्धि रहती है। नकारात्मकता दूर करने…
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माथे पर तिलक लगाने से मिलते हैं अनेक फायदे
हिंदू धर्म में किसी भी त्योहार या धार्मिक आयोजन को बिना तिलक के अधूरा माना जाता है। तिलक हिंदू संस्कृति का एक अभिन्न अंग माना जाता है। आपने भी देखा होगा कि देवी-देवताओं, योगियों और संत-महात्माओं के माथे पर हमेशा तिलक सुशोभित रहता है। लेकिन आम लोग किसी त्योहार, पूजा-पाठ और संस्कारों जैसे शुभ अवसरों पर ही तिलक लगाते हैं।ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको माथे पर तिलक लगाने के धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं। साथ ही यह भी जानेंगे कि…
Read Moreकिस दिन से शुरु हो रहा है अश्विन माह? जानें इसका महत्व और किन चीजों को बिल्कुल न करें
सनातन धर्म में त्योहार, व्रत और विशेष तिथियों का काफी महत्व है। इसके साथ ही हर एक माह की मुख्य विशेषता होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, सातवां महीना अश्विन है, जिसे आश्वयुज के नाम से भी जाना जाता है। बता दें कि यह वर्षा ऋतु यानी कि सावन के बाद और शरद ऋतु की शुरुआत के समय में आता है। है। अंग्रेजी कैलंडर के मुताबिक, सितंबर और अक्टूबर के मध्य का समय होता है। ज्योतिष के नजरिए से जब चंद्रमा वृषभ और मिथुन राशि के बीच में आते हैं…
Read Moreदुनिया के सबसे बड़े रसोईघर में बनाया जाता है जगन्नाथ मंदिर का ‘महाप्रसाद’
इस साल 07 जुलाई से जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू हो गई है। हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरूआत होती है और यह दशमी तिथि को समाप्त होती है। जगन्नाथ रथयात्रा ओडिशा के पुरी में होती है। इस यात्रा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के लिए नीम की लकड़ियों से रथ तैयार किए जाते हैं।इस दौरान न सिर्फ देश बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु पुरी पहुंचते हैं। रथयात्रा के दौरान यहां मिलने वाले प्रसाद को ‘महाप्रसाद’ कहा…
Read Moreशुरू हो रहा है महालक्ष्मी व्रत, जानिए पूजन विधि और महत्व
वैसे तो हम सभी रोजाना अपने घर के मंदिर में मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। लेकिन मां लक्ष्मी की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए महालक्ष्मी व्रत बेहद खास माना गया है। हर साल भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से महालक्ष्मी व्रत शुरू किया जाता है। इस व्रत का समापन अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को होता है। धन की देवी मां लक्ष्मी का यह व्रत 16 दिनों तक चलता है। इस दौरान मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से भाग्य, धन, सौंदर्य, समृद्धि…
Read Moreकब से शुरु हो रही शारदीय नवरात्रि, जानें घटस्थापना का शुभ मुहूर्त,
शारदीय नवरात्रि, जिसे महानवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। देवी दुर्गा की पूजा को समर्पित एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। यह आम तौर पर सितंबर के अंत से अक्टूबर की शुरुआत में नौ रातों तक चलता है। त्योहार की प्रत्येक रात विशिष्ट अनुष्ठानों, उपवास और भक्ति प्रथाओं के साथ, दुर्गा के नौ रूपों में से एक को समर्पित है। नवरात्रि के दौरान, भक्त विशेष प्रार्थनाओं, गरबा और डांडिया जैसे नृत्य और जीवंत सांस्कृतिक प्रदर्शन सहित विभिन्न धार्मिक गतिविधियों में भाग लेते हैं। कब से शारदीय नवरात्रि शुरु हैं?…
Read Moreकब है अनंत चतुर्दशी? जानें शुभ मुहूर्त और इसका महत्व
अनंत चतुर्दशी को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है, जो ब्रह्मांड के संरक्षक और कई अवतारों वाले देवता भगवान विष्णु के सम्मान में एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। इस पवित्र दिन पर भक्त भगवान विष्णु के अवतारों में से एक, भगवान अनंत की पूजा करते हैं और समृद्धि और प्रतिकूलताओं से सुरक्षा के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हैं। अनंत चतुर्दशी तिथि और समय 2024 अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर को मनाई जाएगी। यह त्योहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष के 14वें दिन पड़ता है।…
Read Moreलव-अरेंज मैरिज या होगा ब्रेकअप, हथेली की इस रेखा से जानें कब है शादी का योग
हस्तरेखा शास्त्र में हथेली पर मौजूद निशानों, पर्वतों और निशानों को देखकर व्यक्ति के स्वास्थ्य, धन, व्यक्तित्व, प्रेम और करियर आदि के बारे में जाना जाता है। रेखाओं के जरिए भविष्य की घटनाओं के बारे में पता किया जाता है। हथेली में मौजूद रेखाएं कमाल की होती हैं। जातक हथेली की रेखाओं से हर चीज के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा वह भूत-भविष्य की घटनाओं के बारे में भी पता लगा सकता है। वहीं हर व्यक्ति के मन में एक सवाल तो जरूर होता है कि…
Read Moreदिवाली बाद शनिदेव होंगे मार्गी, इन 3 राशियों की होंगी बल्ले-बल्ले,
कर्मफलदाता शनिदेव सभी ग्रहों में से सबसे मंदी गति से चाल चलते है। शनि एक राशि में करीब ढाई साल तक रहते हैं इसके बाद दूसरी राशि में गोचर करते हैं। ज्योतिष के अनुसार, शनि राशि परिवर्तन करने के साथ-साथ मार्गी और वक्री भी होते हैं। जब शनि राशि परिवर्तन करते हैं तो इसका असर सभी राशियों पर पड़ता है। ज्योतिष के मुताबिक शनिदेव को कर्मफलदाता और न्याय के देवता हैं। शनिदेव अपनी स्वराशि कुंभ में विराजमान है और यह जून माह से वक्री अवस्था में हैं जो दिवाली के…
Read Moreश्राद्ध के दौरान सबसे पहले अग्नि को क्यों दिया जाता भोजन? कब से शुरु है पितृपक्ष
भाद्रपद का माह चल रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से अमावस्या तक के समय को पितृपक्ष कहा जाता है। पितृपक्ष के दौरान पितरों को स्मरण किया जाता, उनकी विधिवत पूजा-अर्चना करना और तर्पण करने की मान्यता है। धार्मिक मान्याता के अनुसार, पितृपक्ष के दौरान सभी शुभ कार्य बंद किए जाते हैं। इस दौरान पितरों को तृप्त और उनकी आत्मा को शांति के लिए पिंडदान और श्राद्ध किया जाता है। पितृपक्ष के दौरान अन्न के लिए सबसे पहले अग्नि को भोजन अर्पित करते है। इसके…
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