बादलों में छिपने वाला चांद अपनी ओट में शनि को छिपाने वाला है। भारत में 18 साल बाद यह दुर्लभ खगोलीय नजारा देखने को मिलेगा। बता दें, भारत में 24-25 जुलाई की मध्य रात्रि के दौरान यह नजारा देखने को मिलेगा। ज्योतिष के अनुसार, इस समय शनि चंद्रमा के पीछे छिप जाएगा और चंद्रमा के किनारे से शनि का वलय नजर आएगा। विश्व भर के अंतिरक्षवेत्ता इसका अध्ययन की तैयारी करने में जुट गए है। रात के किस समय होगा लाइव हिंदुस्तान के एक ज्योतिषी ने बताया कि 24 जुलाई…
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सावन में करें भगवान शिव का रुद्राभिषेक और पाएं ग्रह बाधाओं से मुक्ति
देवों के देव महादेव को प्रसन्न करने का एकमात्र उपाय है महारुद्राभिषेक। सावन के पवित्र माह में एक बार महारुद्राभिषेक जरूर कराना चाहिए। सावन का महीना सभी के लिए किसी वरदान से कम नहीं होता है और सावन में भगवान शिव से मांगी गई समस्त मनोकामनाएं शीघ्रता से पूर्ण होती है। इस महीने में भगवान शिव के रुद्राभिषेक का विशेष फल मिलता है। सावन के महीने में भगवान शिव के रुद्राभिषेक का विशेष महत्व होता है। सावन के महीने में भक्त सोमवार के दिन शिवालयों में रुद्राभिषेक करते हैं। पाल…
Read More72 साल बाद बन रहा है सावन में यह शुभ संयोग
भगवान शिव का सबसे प्रिय श्रावण माह है। श्रावण माह को सावन के नाम से भी जाना जाता है। सावन का पवित्र महीना कल यानी 22 जुलाई 2024 से शुरु हो रहा है। धार्मिक मान्यता है कि सावन के पवित्र महीने में शिवजी की पूजा-उपासना का बड़ा महत्व है। इससे साधक को जीवन के सभी कष्टों से छुटकारा मिल जाता है और जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास की शुरुआत 22 जुलाई दिन सोमवार को हो रहा है और इसका समापन भी 19…
Read Moreअगले साल सूर्य ग्रहण के दिन शनि गोचर करेंगे
अगले साल 2025 में शनि गोचर और सूर्य ग्रहण दोनों बेहद महत्वपूर्ण घटनाएं मानी जाएगी। अभी शनि अपनी स्वराशि कुंभ में संचरण कर रहे हैं। साल 2025 में शनि देवगुरु बृहस्पति की मीन राशि में प्रवेश करेंगे। अगले साल शनि और सूर्य एक साथ बड़ी हलचल करके सभी राशियों को प्रभावित करेंगे। 2025 में शनि गोचर के दिन ही सूर्यग्रहण लगेगा। जानें शनि गोचर व सूर्य ग्रहण की कौन-सी राशियां रहेगी भाग्यशाली। साल 2025 सूर्य ग्रहण व शनि गोचर तिथि ज्योतिष के अनुसार, 29 मार्च 2025 को रात 11 बजकर…
Read Moreबड़े विरक्त मन से भगवान शंकर ने श्रीसती जी को यज्ञ में जाने की आज्ञा दी
भगवान शंकर देख रहे हैं, कि श्रीसती जी के मन में, अपने पिता के गृह भवन में किये जा रहे, यज्ञ आयोजन में अति रुचि है। वहाँ जाना भोलेनाथ को अप्रिय भी नहीं था। कारण कि यज्ञ में जाने से तो भगवान शंकर को प्रसन्नता ही होनी थी। किंतु तब भी भगवान शंकर, श्रीसती को, पिता दक्ष के यज्ञ में जाने से मना ही कर रहे थे। कारण इसके पीछे यह था, कि प्रजापति दक्ष उस यज्ञ आयोजन में अपने भक्ति भावों का नहीं, अपितु अपने अहंकारी तरंगों का प्रदर्शन…
Read Moreसावन में खुलने वाली इन राशियों की किस्मत, मिलेगा सच्चा प्यार, विवाह की होगी बात
सावन का महीना 22 जुलाई 2024 से प्रारंभ होना वाला हैं वहीं इसका समापन 19 अगस्त 2024 को होगा। सावन का महीना सभी राशियों के लिए शानदार रहेगा। इस माह में ग्रहों की स्थिति ज्यादातर राशियों के लिए अनुकूल रहेगी। ज्योतिष के मुताबिक, सूर्य देव कर्क राशि में विराजमान हैं। वहीं, शुक्र ग्रह भी कर्क राशि में ही विराजमान है। आने वाले दिनों में शुक्र देव कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। प्रेम, सुख-समृद्धि, धन और एश्वर्य के कारक ग्रह शुक्र 31 जुलाई को दोपहर 2 बजकर…
Read Moreबड़े धूमधाम से मनाया गया रोग हरण हनुमान उत्सव
प्रयागराज । प्रतिष्ठानपुरी झूंसी में देवराहा बाबा आश्रम में भगवान रोग हरण हनुमानजी का महाउत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया।हरिद्वार अयोध्या के बड़े बड़े सन्त महात्मा का आगमन हुआ। जिसमें सतुआ बाबा के साथ आये गाड़ी के काफिले को देख लोग आश्चर्यचकित हो गये। हनुमानजी का भब्य दिब्य सुन्दर ऋंगार को देखने सारा गांव एवं शहर के लोग उमड़ पड़े। भब्य आरती, सुन्दर काण्ड पाठ, भजन सम्राट रत्नेश दुबे के भजनों पर लोग नाचने लगे।ऐसा लग रहा था सभी देवी देवता के रूप में इतने सन्तों का आगमन हुआ। देर…
Read Moreखाटू श्याम चालीसा का पाठ करने से हर परेशानी का होगा अंत, बनने लगेंगे बिगड़े काम
खाटू श्याम को भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप माना जाता है। वहीं खाटू श्याम को हारे का सहारा कहा जाता है। मान्यता है कि जो भी भक्त भक्तिभाव से श्रद्धापूर्वक खाटू श्याम बाबा की पूजा-अर्चना व चालीसा करता है, भगवान उसके सभी कष्टों को हर लेते हैं और जातक के दुखों का अंत होता है। साथ ही घर में सुख, समृद्धि, शांति और खुशहाली आती है इसलिए रोजाना खाटू श्याम बाबा की चालीसा करना चाहिए। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम खाटू श्याम की चालीसा के बारे में बताने…
Read Moreदेवशयनी एकादशी का व्रत करने से मिलता है मोक्ष
एकादशी का व्रत भगवान श्रीहरि विष्णु को समर्पित होता है। देवशयनी एकादशी तिथि से भगवान विष्णु चार महीनों के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। इन चार महीनों को चातुर्मास कहा जाता है और इस दौरान शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है। एक साल में कुल 24 एकादशी तिथि पड़ती हैं। वैसे तो सभी एकादशी तिथि का अपना महत्व होता है, लेकिन देवशयनी एकादशी अन्य सभी एकादशियों में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको देवशयनी एकादशी का धार्मिक महत्व और…
Read Moreतुलसी से जुड़ी ये गलतियां भूलकर भी देवशयनी एकादशी में ना करें
हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है। साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है और हर माह में दो एकादशी आती है। हर एक एकादशी का अपना महत्व है। प्रत्यके साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु चार महीने के लिए शयनकाल में चले जाते हैं, जिसके 4 माह बाद यानी देवउठनी एकादशी तक सभी मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं। देवशयनी एकादशी के दिन भूलकर भी न करें यह काम वरना मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाएगी।…
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