सावन महीने की अमावस्या तिथि को हरियाली अमावस्या या श्रावणी अमावस्या कहा जाता है। सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है। ऐसे में श्रावण माह की अमावस्या को भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन पूर्वजों के निमित्त पिंडदान एवं दान-पुण्य के कार्य किए जाते हैं। हरियाली अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करके पितरों को पिंडदान, श्राद्ध कर्म करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। सावन माह की अमावस्या 17 जुलाई को हरियाली अमावस्या के रूप में मनाई जाएगी। पाल बालाजी ज्योतिष…
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कर्क संक्रांति पर पुण्यकाल में करें स्नान-दान, सूर्य सा चमक उठेगा आपका भाग्य
हिंदू धर्म में यह तिथि बेहद खास मानी जाती है। मान्यता के अनुसार, कर्क संक्रांति के दिन से भगवान सूर्य नारायण एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। वहीं ज्योतिषियों की मानें तो ग्रहों के राजा भगवान सूर्य इस दिन से कर्क राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। आज से ही यानी की 16 जुलाई 2023 से सूर्य देव का दक्षिणायन शुरू हो जाएगा। आज की तिथि से करीब 6 महीने तक सूर्य देव दक्षिण दिशा की ओर गति करते रहेंगे। इस खास दिन पर सूर्य नारायण…
Read Moreपरीक्षित के ज्येष्ठ पुत्र जनमेजय ने ब्राह्मणों से सर्प यज्ञ क्यों करवाया था?
पूर्व कथा प्रसंग में हमने सुदामा चरित्र की कथा सुनी। आइए ! अब आगे की कथा प्रसंग में चलें—- शुकदेव जी कहते हैं— परीक्षित ! इस प्रकार कृष्ण बलराम द्वारिका में निवास कर रहे थे। एक बार कुरुक्षेत्र में सर्वग्रास सूर्य ग्रहण लगा। ऐसा ग्रहण प्रलय के समय लगा करता है। पुण्य प्राप्त करने के लिए लोग देश के कोने-कोने से वहाँ पधारे हुए थे। अक्रूर, वसुदेव, उग्रसेन आदि सभी बड़े-बूढ़े अपने पापों का नाश करने के लिए वहाँ आए थे। जब नन्द बाबा को पता चला कि श्री कृष्ण…
Read Moreपश्चिम दिशा में बेडरूम होने पर पति-पत्नी में होता है विवाद,
वास्तु शास्त्र में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए कई तरह के उपायों के बारे में बताया गया है। घर की पश्चिम दिशा को काफी अहम माना जाता है। इसलिए कहा जाता है कि पश्चिम दिशा में कोई भी दोष होने का अर्थ है कि खुद को परेशानी और परिवार को परेशानी होना। बता दें कि पश्चिम दिशा के स्वामी वरुण, आयुध पाश और प्रतिनिधि ग्रह शनिदेव होते हैं। पश्चिम दिशा से कालपुरुष के पेट, गुप्तांग और जननांग का विचार किया जाता है। यदि इस दिशा में दोष होता है…
Read Moreशनिवार के दिन क्यों की जाती है हनुमान जी की पूजा, जानिए इसके पीछे का रहस्य
हिंदू धर्म में शनिवार का दिन न्याय के देवता शनिदेव को समर्पित होता है। कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा-अर्चना करता है तो उसका शनिदोष दूर होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा क्यों होती है और इसके पीछे क्या कारण है। बता दें कि शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा होने के पीछे एक पौराणिक कथा है। आइए जानते हैं उस पौराणिक कथा के बारे में… बंदी बने थे शनिदेव दरअसल, जब…
Read Moreपरीक्षित के ज्येष्ठ पुत्र जनमेजय ने ब्राह्मणों से सर्प यज्ञ क्यों करवाया था?
भागवत-कथा, स्वर्ग के अमृत से भी अधिक श्रेयस्कर है। भागवत-कथा श्रवण करने वाले जन-मानस में भगवान श्री कृष्ण की छवि अंकित हो जाती है। यह कथा “पुनाति भुवन त्रयम” तीनों लोकों को पवित्र कर देती है। तो आइए ! इस कथामृत सरोवर में अवगाहन करें और जन्म-मृत्यु के चक्कर से मुक्ति पाकर अपने इस मानव जीवन को सफल बनाएँ। मित्रों ! पूर्व कथा प्रसंग में हमने सुदामा चरित्र की कथा सुनी। आइए ! अब आगे की कथा प्रसंग में चलें—- शुकदेव जी कहते हैं— परीक्षित ! इस प्रकार कृष्ण बलराम…
Read Moreआज है सावन की शिवरात्रि, ऐसे करें पूजा और जलाभिषेक…
सावन शिवरात्रि व्रत इस बार 15 जुलाई 2023 को है। सावन के महीने में खासतौर से शिवरात्रि के मौके पर भगवान शिव के शिवलिंग का जलाभिषेक करने और पूजन करने का खास महत्व होता है। सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करने का खास महत्व होता है। शिवरात्रि के मौके पर अगर भगवान शिव की पूजा की जाए तो इसका खास फल भी भक्तों को मिलता है। इसका पुण्य भी काफी गुणा बढ़ जाता है। सावन में शिवलिंग की पूजा करने से कई दुखों का नाश होता है।…
Read Moreबेहद चमत्कारी होता है आक का पौधा
आक के पौधे को बेहद पवित्र पौधा माना जाता है। बता दें कि ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, आक के पौधे को घर में लगाना बेहद शुभ होता है। इस पौधे में भगवान गणेश का वास होता है। ज्योतिष में आक के पौधे से संबंधित कुछ उपायों और टोटकों के बारे में बताया गया है। इन उपायों को करने से रोग, धन और पारिवारिक कलह से छुटकारा मिलता है। वहीं आक के फूल से भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। आइए…
Read Moreसावन में भगवान शिव को भूलकर भी नहीं अर्पित करनी चाहिए ये चीजें
भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए सबसे उपयुक्त महीना सावन होता है। यह भगवान शिव का सबसे प्रिय माह है। सावन के हर सोमवार को भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। विधि-विधान से महादेव की पूजा करने से जातक के सभी रोग, दोष और कष्ट दूर होते हैं। बता दें कि इस साल 4 जुलाई 2023 से सावन माह की शुरूआत हुई है। सावन महीने में कांवड़ यात्रा का भी आयोजन किया जाता है। शास्त्रों में भगवान शिव की पूजा के कुछ विशेष नियमों के बारे में बताया…
Read Moreजटोली शिव मंदिर के पत्थरों को थपथपाने से आती है डमरू की आवाज
भारत में कई ऐसे मंदिर हैं, जिनके पीछे कई पौराणिक कथाएं और रोचक तथ्य सुनने को मिलते हैं। ऐसा ही एक मंदिर जटोली का शिव मंदिर है। हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित भगवान शिव-शंकर का यह मंदिर न सिर्फ भारत बल्कि एशिया का सबसे ऊंचा मंदिर है। इस मंदिर की ऊंचाई करीब 111 फुट है। साल 2013 में इस मंदिर को दर्शनार्थ के लिए खोला गया था। इस मंदिर में भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए दूर-दूर से भक्त पहुंचते हैं। जानिए मंदिर की खास बात वहीं…
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