हिंदू धर्म में दो गुप्त नवरात्रि के अलावा चैत्र व शारदीय नवरात्रि पूरे धूमधाम के साथ मनाई जाती है। इन दोनों ही नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा का विधान है। लेकिन दोनों ही चैत्र व शारदीय नवरात्रि की नवमी और दशमी तिथि का संबंध भगवान राम से भी है। शारदीय नवरात्रि की दशमी तिथि को भगवान राम ने रावण का वध किया था। वहीं चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान राम का जन्म हुआ था। उस दिन राम नवमी मनाई जाती है। हिंदू धर्म में…
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चैत्र नवरात्रि में कब करें कन्या पूजन, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की विशेष आराधना की जाती है। नवरात्रि की महाष्टमी और महानवमी तिथि के दिन हवन और कन्या पूजन के बाद व्रत का पारण किया जाता है। अष्टमी तिथि पर महागौरी का पूजन किया जाता है और नवमी पर मां सिद्धिदात्री का। नवरात्रि में अष्टमी तिथि 29 मार्च को पड़ रही है। अष्टमी तिथि 28 मार्च को सायं 07: 02 मिनट से शुरू होगी और 29 मार्च को रात्रि 09:07 मिनट पर समाप्त हो जाएगी और इसके बाद नवमी तिथि आरंभ हो जाएगी।…
Read Moreनवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की आराधना
नवरात्रि के सातवें दिन दुर्गाजी की सातवीं शक्ति देवी कालरात्रि की पूजा का विधान है। मां कालरात्रि को यंत्र, मंत्र और तंत्र की देवी भी कहा जाता है। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार देवी कालरात्रि शनि ग्रह को नियंत्रित करती हैं अर्थात इनकी पूजा से शनि के दुष्प्रभाव दूर होते हैं। दुर्गा पूजा के दिन साधक का मन ‘सहस्त्रार चक्र’ में स्थित रहता है। उसके लिए ब्रह्माण्ड की समस्त सिद्धियों का द्वार खुलने लगता है। इस चक्र में स्थित साधक का मन पूरी तरह से माँ कालरात्रि के स्वरूप में स्थित…
Read Moreशालिग्राम शिला से तराशी जाएगी भगवान श्रीराम और माता सीता की मूर्ति
सैकड़ों सालों के बाद रामजन्मभूमि पर श्रीराम के मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। रामनगरी में हर ओर राम भजन का मधुर शोर है। यह शोर इसलिए और भी अधिक हो रहा है क्योंकि राम-सीता जी की मूर्ती को शालिग्राम शिला से बनाया जाएगा। यह शालिग्राम की शिला नेपाल से अयोध्या लाई गई है। इस दौरान संत समाज या फिर राम भक्त हर कोई पवित्र पत्थर को देख उनकी आस्था में अभिभूत होता हुआ नजर आ रहा है। शालिग्राम निकालने से पहले नदी से मांगी गई क्षमा बता दें…
Read Moreमानवीय संवेदनाओं को प्रेम और एकता में बांधने का निष्ठासूत्र का पर्व है गणगौर
गणगौर का त्यौहार सदियों पुराना हैं। हर युग में कुंआरी कन्याओं एवं नवविवाहिताओं का अपितु संपूर्ण मानवीय संवेदनाओं का गहरा संबंध इस पर्व से जुड़ा रहा है। यद्यपि इसे सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मान्यता प्राप्त है किन्तु जीवन मूल्यों की सुरक्षा एवं वैवाहिक जीवन की सुदृढ़ता में यह एक सार्थक प्रेरणा भी बना है। गणगौर शब्द का गौरव अंतहीन पवित्र दाम्पत्य जीवन की खुशहाली से जुड़ा है। कुंआरी कन्याएं अच्छा पति पाने के लिए और नवविवाहिताएं अखंड सौभाग्य की कामना के लिए यह त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाती हैं,…
Read Moreलक्ष्मी पंचमी का व्रत कर महालक्ष्मी को ऐसे करें प्रसन्न
हर वर्ष चैत्र शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को लक्ष्मी पंचमी मनाया जाता है। धन की देवी लक्ष्मी की इस दिन खास तरीके से पूजा-अर्चना की जाती है। इस व्रत को श्री पंचमी या श्री व्रत भी कहते हैं। इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जिससे व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और खुशहाली आती है। बता दें कि इस वर्ष 25 मार्च को लक्ष्मी पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है। आइए जानते हैं लक्ष्मी पूजा की विधि, शुभ मुहूर्त, महत्व और…
Read Moreनवरात्रि के बाद बनेगा गुरु चांडाल योग
हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि सबसे शुभ और पवित्र पर्वों में से एक माना जाता है। नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ दिव्य रूपों की पूजा की जाती है। इस साल चैत्र नवरात्रि पंचक में आरंभ हुई है। इसी दौरान कई शुभ योग भी जन्म लेंगे। नवरात्रि पर्व 22 मार्च 2023 से शुरू हुआ है और 30 मार्च 2023 को समाप्त होगा। नवरात्रि समाप्त होने के 1 माह बाद गुरु चांडाल नाम का योग बनेगा। दो ग्रहों की युति के प्रभाव से गुरु चांडाल योग मेष राशि में बन रहा…
Read Moreजानिए नवरात्रि में देवी की पूजा में काम आने वाली सामग्री और उनका महत्व
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि बुधवार 22 मार्च से नवरात्रि शुरू हो गए हैं, जो 30 मार्च तक चलेंगे। पहले दिन नवरात्रि की शुरुआत गजकेसरी, बुधादित्य और सिद्ध मुहूर्त में होगी। इसके बाद पूरे नौ दिनों में चार दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेंगे। यह सभी योग माता की पूजा और खरीदारी करने के लिए बहुत शुभ माने गए हैं। नवरात्रि के पावन दिनों में देवी भगवती की आराधना और साधना में प्रयुक्त होने वाली प्रत्येक पूजा सामग्री का प्रतीकात्मक महत्व होता है। स्वास्तिक- सत्य, शाश्वत, शांति, अनंतदिव्य, ऐश्वर्य, सम्पन्नता और सौंदर्य का…
Read Moreगुड़ी पड़वा आज, जानें पूजा मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि
आज से हिंदू नववर्ष की शुरुआत हो रही है। इसे महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा के रूप में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। गुड़ी पड़वा को संवत्सर पड़वो के नाम से भी जाना जाता है, यह मुख्य रूप से भारतीय राज्य महाराष्ट्र में मनाया जाने वाला वसंत ऋतु का त्योहार है। यह हिंदू नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है और चैत्र महीने के पहले दिन पड़ता है, जो आमतौर पर मार्च के अंत या अप्रैल की शुरुआत में पड़ता है। उत्सव की खुशियों के साथ-साथ, गुड़ी पड़वा को संपत्ति या…
Read Moreचैत्र नवरात्रि का पहला दिन, जानिए कैसे करें मां शैलपुत्री की आराधना
आज से चैत्र नवरात्रि शुरू हो गए हैं। चैत्र नवरात्रि के शुरू होते ही अगले 9 दिनों तक घर और मंदिरों में मां दुर्गा की पूजा-उपासना और मंत्रों की गूंज सुनाई देने लगेगी। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि शुरू हो जाते हैं। नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा की आराधना और फल पाने का सबसे बढ़िया दिन होता है। चैत्र नवरात्रि के शुरू होते ही हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2080 भी शुरू हो जाएगा। इसी के साथ पूरे महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा…
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