बेडरूम की खामोशी, बच्चों के बाद भारतीय कपल्स का रोमांस धुंधला क्यों जाता है?

भारतीय शादीशुदा ज़िंदगी में एक दिलचस्प लेकिन कम चर्चा किया गया पहलू है, अंतरंगता की कमी, खासकर बच्चों के जन्म के बाद। क्या आपने महसूस किया है कि जैसे ही ज़िंदगी में नन्हा मेहमान आता है, वैवाहिक रिश्तों की गर्मजोशी कहीं पीछे छूट जाती है? वो पहली वाली चिंगारी, रोमांस, और नज़दीकियां धीरे-धीरे धुंधली होने लगती हैं। लेकिन आखिर क्यों? क्या पेरेंटिंग की ज़िम्मेदारियां इतना कुछ ले लेती हैं कि पति-पत्नी के बीच की केमिस्ट्री खो जाती है? या फिर हम भारतीय समाज में इस विषय पर बात ही नहीं…

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इस दिशा में भूलकर भी नहीं रखना चाहिए पूजा का सामान

वास्तु शास्त्र में पूजा-पाठ से संबंधित तमाम चीजों का वर्णन मिलता है। वास्तु में पूजा का सामान रखने के लिए सही स्थान और दिशा के बारे में बताया गया है। क्योंकि हिंदू धर्म में पूजा का सामान शुभता का प्रतीक माना जाता है और यह भगवान पर चढ़ाया जाता है। ऐसे में अगर पूजा का सामान सही दिशा में रखा जाता है, तो इसका असर व्यक्ति के जीवन पर शुभ होता है। लेकिन गलत दिशा में पूजा का सामान रखने से अशुभ प्रभाव पड़ता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल…

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Astrology Tips: मंत्रों के जप से दूर होते हैं ग्रहों के दोष

जीवन की इस आपाधापी में हर आदमी दो पैसे कमाने और बचाने के लिए दिन-रात जुटा रहता है। लेकिन कई बार तमाम कोशिशों के बावजूद मेहनत के मुताबिक न तो धन मिलता है और न ही उसकी बचत हो पाती है। ज्योतिष के अनुसार हमारे जीवन से जुड़े तमाम प्रकार के सुख-दु:ख का हमारी कुंडली के नौ ग्रहों से सीधा संबंध होता है। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि ग्रहों के दोष को दूर करने के लिए और उनकी शुभता प्राप्त…

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धर्मशाला और मैक्लोडगंज पर्यटन: तिब्बती संस्कृति और हिमालयी सौंदर्य का अद्भुत संगम

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित धर्मशाला और मैक्लोडगंज उत्तर भारत के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में गिने जाते हैं। ये स्थान न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और बर्फ से ढकी पहाड़ियों के लिए जाने जाते हैं, बल्कि तिब्बती संस्कृति, बौद्ध धर्म और अध्यात्मिकता के प्रमुख केंद्र भी हैं। धर्मशाला को ‘छोटा ल्हासा’ भी कहा जाता है क्योंकि यह तिब्बती शरणार्थियों का प्रमुख निवास स्थान है। धर्मशाला: शांत वादियों में बसा आध्यात्मिक केंद्र धर्मशाला दो भागों में बँटा हुआ है — अपर धर्मशाला (मैक्लोडगंज) और लोअर धर्मशाला।…

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अनारकली सूट में दिखना है स्टनिंग तो अपनाएं ये फैशन हैक्स

जब भी किसी वेडिंग फंक्शन या फैमिली पार्टी के लिए तैयार होने की बात होती है तो अक्सर हम सभी एथनिक वियर पहनना पसंद करती है। इन एथनिक वियर में अनारकली सूट भी एक बेहतरीन एथनिक वियर ऑप्शन माना जाता है। यह एक ऐसा आउटफिट है, जो आपको एलीगेंट लेकिन रॉयल लुक देता है और शायद यही वजह है कि हर लड़की की वार्डरोब में अनारकली सूट होता ही है। यूं तो अनारकली सूट को ऐसे ही कैरी किया जा सकता है। लेकिन अगर इसके साथ कुछ आसान फैशन हैक्स…

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धर्मशाला और मैक्लोडगंज पर्यटन: तिब्बती संस्कृति और हिमालयी सौंदर्य का अद्भुत संगम

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित धर्मशाला और मैक्लोडगंज उत्तर भारत के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में गिने जाते हैं। ये स्थान न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और बर्फ से ढकी पहाड़ियों के लिए जाने जाते हैं, बल्कि तिब्बती संस्कृति, बौद्ध धर्म और अध्यात्मिकता के प्रमुख केंद्र भी हैं। धर्मशाला को ‘छोटा ल्हासा’ भी कहा जाता है क्योंकि यह तिब्बती शरणार्थियों का प्रमुख निवास स्थान है। धर्मशाला: शांत वादियों में बसा आध्यात्मिक केंद्र धर्मशाला दो भागों में बँटा हुआ है — अपर धर्मशाला (मैक्लोडगंज) और लोअर धर्मशाला।…

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लिंगराज मंदिर में भगवान शिव के साथ ही जाती है श्रीहरि विष्णु की पूजा, जानिए इतिहास

हमारे देश में भगवान शिव को समर्पित तमाम मंदिर हैं। इनमें से एक फेमस मंदिर द्वादश ज्योतिर्लिंग है। जहां पर इन 12 मंदिरों में शक्ति शिवलिंग स्थापित है। हालांकि शिवलिंग की पूजा में कुछ चीजों का इस्तेमाल वर्जित माना जाता है। जैसे भगवान शिव की पूजा में तुलसी दल, केतकी के फूल और श्रृंगार आदि का सामान अर्पित करने की मनाही होती है। लेकिन एक मंदिर ऐसा है, जहां पर शंकर जी के दिल में भगवान विष्णु बसते हैं। इनको द्वादश ज्योतिर्लिंग का राजा भी कहा जाता है। यह मंदिर…

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जून में 1 दिन की छुट्टी लेकर 4 दिन के लिए प्लान करें ट्रिप

घूमने-फिरने का शौक आखिर किसे नहीं होता है। ऐसे में जब भी लोगों को समय मिलता है, तो वह बैग पैक करके अपनी पसंदीदा जगह पर घूमने और मौज-मस्ती करने के लिए पहुंच जाते हैं। हालांकि कामकाज करने वाले लोगों को ट्रिप प्लान करने के लिए लंबी छुट्टियों का इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में अगर आप भी घूमने जाने का प्लान कर रहे हैं, तो जून के पहले सप्ताह में घूमने के लिए जा सकते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं…

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कैलाश मानसरोवर यात्रा का सबसे आसान रास्ता, जानिए पूरा रूट

जून 2025 से सिक्कम में नाथुला पास से पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू होने वाली है। कुछ समय पहले विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज जारी की थी, जिसमें बताया गया था कि भारत और चीन 2025 में कैलाश मानसरोवर की पवित्र यात्रा फिर से शुरू करने की अनुमति दी है। जोकि शिव भक्तों के लिए काफी बड़ी खुशखबरी है। कोविड 19 महामारी के बाद से यह यात्रा बंद कर दी गई थी। लेकिन अब करीब 5 साल बाद फिर ये यह यात्रा शुरू होने जा रही है। ऐसे में…

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शांति, प्राकृतिक सौंदर्य और औपनिवेशिक विरासत का अद्भुत संगम है डलहौज़ी

हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित डलहौज़ी एक सुंदर और शांत पहाड़ी स्थल है, जो अपनी ठंडी जलवायु, हरे-भरे देवदार के जंगलों, और औपनिवेशिक वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। समुद्र तल से लगभग 1,970 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह शहर 19वीं शताब्दी में ब्रिटिश गवर्नर जनरल लॉर्ड डलहौज़ी द्वारा स्थापित किया गया था और आज भी अपने ब्रिटिश युग की विरासत को सहेजे हुए है। डलहौज़ी की विशेषताएँ डलहौज़ी एक ऐसा स्थल है जहाँ प्राकृतिक सुंदरता, इतिहास और शांति का अनोखा मिश्रण देखने को मिलता है। यहाँ की…

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