शारदीय नवरात्रि में कलश स्थापना के समय वास्तु के इन नियमों का जरूर करें पालन

पूरे देश में शारदीय नवरात्रि भक्ति और उत्साह के साथ मनाई जाती है। बता दें कि यह हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है। शारदीय नवरात्रि के मौके पर मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि का पर्व कई अलग अनुष्ठानों का एक अहम हिस्सा है। नवरात्रि के मौके पर घरों में कलश स्थापना की जाती है। कलश स्थापना नवरात्रि पूजन का सबसे पहला और अहम चरण होता है। यह अनुष्ठान दिव्य ऊर्जा के आह्वान का प्रतीक माना जाता है। कलश स्थापना से घर…

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नवरात्रि पहले दिन इस तरह से करें घटस्थापना, जानें शुभ चौघड़िया मुहूर्त

शारदीय नवरात्रि की शुरुआत कल से शुरु हो रहा है। इस साल माता रानी पालकी पर सवार होकर आ रही है। नवरात्र के पहले दिन कलश या घट स्थापना की जाती है। नवरात्रि  के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरुप मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है। ज्यतोषि के अनुसार,नवरात्रि  के पहले दिन सूर्योदय से लेकर दोपहर 3.17 बजे हस्त नक्षत्र व्याप्त रहेगा और उसके बाद चित्रा नक्षत्र आरंभ होगा। नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना अत्यंत शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं घटस्थापना के…

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महालया अमावस्या पर पड़ने वाला है साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, इन 3 राशियों की होगी बल्ले-बल्ले

सर्वपितृ अमावस्या, जिसे महालया अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस बार साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर 2024 को लगने वाला है। ज्योतिष के अनुसार, यह सूर्य ग्रहण हस्त नक्षत्र और कन्या राशि में लगने जा रहा है। इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण की शुरुआत 2 अक्टूबर की रात 9.13 मिनट पर लगेगा और इसका समापन 3 अक्टूबर को मध्यरात्रि में 3.17 मिनट पर होगा। आइए जानते  हैं कौन हैं ये 3 लंकी ये राशियां। भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई देगा क्या? आपको बता दें…

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बंगाल में की जाती है देवी दुर्गा की विशेष पूजा, जानें इसका धार्मिक महत्व

देवी दुर्गा के आगमन का समय आ गया है, इसमें बस अब कुछ दिन बचे हैं। बंगाल में देवी दुर्गा के आगमन की तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं। बस अब उनके स्वागत करने का सबको इंतजार है। महालया अमावस्या के शुभ दिन देवी पक्ष शुरू होगा, जिसके अगले दिन देवी दुर्गा का आगमन होगा। महालया का हिन्दू पंचांग में विशेष महत्व है। महालया शब्द संस्कृत के शब्दों – ‘महा’ और ‘आलय’ से मिलकर बना है, जिसका अर्थ ‘महान निवास’ या ‘देवी का घर’ है। मान्यता है कि महालया के…

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गरुड़ पुराण में इन कामों को करने की होती है मनाही

हिंदू धर्म में गरुड़ पुराण एक महत्वपूर्ण पुराणों में से एक माना जाता है। गरुड़ पुराण में नरक और स्वर्ग रहस्य नीति धर्म और ज्ञान के बारे में उल्लेख किया गया है। इतना ही नहीं इस अहम ग्रंथ में कुछ ऐसे कामों के बारे में बताया गया है, जिनको करने से व्यक्ति की आयु में कमी आती है। ऐसे में व्यक्ति को इन कार्यों को करने से बचना चाहिए।बता दें कि मृत्यु एक ऐसा सत्य है, जिसको टाल पाना साधारण मनुष्य के वश में नहीं है। गरुड़ पुराण एक ऐसा…

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हथेली में इस योग के होने से जातक पर होती है मां लक्ष्मी की कृपा

ज्योतिष शास्त्र की एक शाखा हस्तरेखा शास्त्र है। हस्तरेखा शास्त्र के जरिए हथेली पर मौजूद रेखाओं को देखकर व्यक्ति के स्वभाव, व्यक्तित्व और भविष्य के बारे में पता लगाया जाता है। वहीं हथेलियों में मौजूद आड़ी-तिरछी रेखाएं कुछ न कुछ संकेत देती हैं। इन रेखाओं के माध्यम से प्रेम, धन, करियर और सेहत आदि के बारे में गणना की जाती है।हथेली में एक करोड़पति रेखा पाई जाती है, जिसको लेकर कहा जाता है कि जिस भी व्यक्ति की हथेली में यह रेखा पाई जाती है, उसको अपने जीवन में धन-संपत्ति…

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अच्छे फिजिकल रिलेशनशिप के लिए अपनी इन यौन अपेक्षाओं को बेडरूम के बाहर रखें

यौन अपेक्षाएं रखना उतना ही सामान्य है जितना कि सेक्स करना। लेकिन क्या हम खुले तौर पर स्वीकार करते हैं कि हम अपने साथी से क्या चाहते हैं? बहुत से लोग अपनी यौन अपेक्षाओं को स्वीकार नहीं करते हैं, लेकिन वे अपने पार्टनर से उम्मीद करते हैं। वे बिस्तर में एक अच्छे और आनंददायक अनुभव की उम्मीद करते हैं। हालाँकि, इनमें से कुछ उम्मीदों को ‘अवास्तविक अपेक्षाएं’ (unrealistic expectations) कहा जाता है। लेकिन क्यों?कुछ लोगों को लगता ​​है कि जितना ज़्यादा वे सेक्स करेंगे, उतना ही ज़्यादा आनंद उन्हें मिलेगा।…

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नवरात्रि में अगर आप भी घर में जलाते हैं अखंड ज्योति, तो जान ले आज ही ये नियम

आश्विन मास में शारदीय नवरात्रि का पर्व आता है। वैसे तो साल में कुल 4 ननरात्रि पड़ती है। 2 गुप्त नवरात्रि और चैत्र व शारदीय नवरात्रि पड़ती है। गुप्त नवरात्रि साधु और तंत्रिक लोगों के लिए होती है और चैत्र व शारदीय नवरात्रि के मनुष्य के लिए होती है। इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत आरंभ 3 अक्टूबर 2024 हो रहा है और इसका समापन 12 अक्टूबर 2024 को हो रहा है।  नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरुप की पूजा की जाती है। भक्त जन मां को प्रसन्न करने…

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किस दिन है महालया अमावस्या? जानें इसका महत्व और पितरों की श्राद्ध पूजा विधि

महालया अमावस्या को पितरों का श्राद्ध और तर्पण के लिए विशेष माना जाता है। वैसे महालया अमावस्या को सर्व पितृ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस साल महालया अमावस्या 2 अक्टूबर 2024, दिन बधुवार को पड़ रही है। मान्यता है कि अगर किसी पर पितृदोष चल रहा है, तो महालया अमावस्या के दिन पितरों की तर्पण जरुर करना चाहिए। महालया अमावस्या कब है? हिन्दू पंचांग के अनुसार, महालया अमावस्या नवरात्र की शुरुआत और पितृपक्ष के अंत का प्रतीक है। आश्विन माह की अमावस्या तिथि 01 अक्टूबर, 2024…

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जानिए सर्व पितृ अमावस्या के दिन क्या करें और क्या न करें?

अश्विन माह की अमवस्या इस साल 2 अक्टूबर, दिन बुधवार को पड़ रही है। इस तिथि के दिन उन सभी पितरों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी तिथि के बारे में पता न हो। इसके साथ ही, सर्व पितृ अमावस्या से जुड़े कुछ नियम भी शास्त्रों में बताया गया है। जिनका पालन करना काफी जरुरी है। शास्त्रों में सर्व पितृ अमावस्या से जुड़े कुछ नियम बताए गए हैं। जिनका पालन करना काफी आवश्यक माना जाता है। सर्व पितृ अमावस्या के दिन क्या करें और क्या नहीं -इस साल सर्व पितृ…

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