टेक कंपनी गूगल ने कुछ समय पहले ही वर्कप्लेस को लेकर नई जानकारी साझा की थी। जब से कंपनी में ये नया फरमान आया है तभी से कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ गई है। फरवरी के महीने में ही गूगल क्लाउड और एचआर टीम से कई कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा चुकी है। इस कदम के पीछे गूगल ने हवाला दिया ता कि बेहतर तरह से ऑपरेट करने और कंपनी में बनी गैरजरुरी लेयर्स को हटाने के लिए ये कदम उठाया गया है।
गूगल डिवाइसेज डिविजन और अन्य यूनिट के कर्मचारियों को भी इस महीने की शुरुआत में संस्थान से निकाल चुका है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अब मात्र 25 हजार कर्मचारी ही फुल टाइम काम कर रहे है। ये कर्मचारी गूगल के अलग अलग विभागों जैसे एंड्रॉयड, पिक्सल, क्रोम, फिटबिट और अन्य गूगल डिवाइस और एप्किलेशन में काम कर रहे है।
इसी बीच गूगल ने बॉयआउट्स का भी ऑफर किया था। बता दें कि कर्मचारियों को नौकरी से बेदखल करने के बाद कंपनी ने ऐसा फैसला किया है जो कर्मचारियों को और मुसीबत में डालेगा। ये फैसला कंपनी के कई अन्य विभागों पर भी असर डाल सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो गूगल ने कहा है कि अब हर कर्मचारी को सप्ताह में तीन दिन ऑफिस से ही काम करना होगा। जो कर्मचारी ऑफिस में आकर काम नहीं करेगा, कंपनी उसकी छुट्टी कर देगी। ये निर्देश उन कर्मचारियों के लिए भी है जो दूर दराज के इलाकों में काम करते है।
इस संबंध में कंपनी ने मेमो भी जारी किया है जिसमें गूगल टेक्निकल सर्विसेज के कर्मचारियों की कार्य-व्यवस्था को बदलाव के संबंध में जानकारी दी गई है। गूगल टेक्निकल सर्विस के कर्मचारी ही हैं जिन्हें रिमोट से हाईब्रिड मॉडल में काम करना होगा। वहीं जो कर्मचारी कंपनी के नियमों का पालन नहीं करेगा उन्हें टर्मिनेशन के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है।